CM Bhajan Lal Sharma Cabinet Meeting: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक आयोजित हुई, इसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. मीटिंग में किसानों को निर्बाध बिजली देने के लिए 11 केवी फीडर सेग्रेगेशन के कार्यों को मंजूरी, आरजीएचएस (RGHS) का दायरा बढ़ाने पर मंजूरी, कार्मिक को माता-पिता या सास-ससुर को सम्मिलित करने का विकल्प, इसके अलावा मीटिंग में कर्मचारी कल्याण, कृषक हित, विद्युत तंत्र के सुदृढ़ीकरण, रेल परिवहन के विकास सहित कई महत्वपूर्ण फैसले किए गए कई फैसले लिए गए. आइए देखते हैं.
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ग्रेच्युटी एवं डेथ ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा बढ़ी
उप मुख्यमंत्री डॉ. प्रेमचन्द बैरवा एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल ने पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए मंत्रिमंडल में लिए गए निर्णयों की जानकारी दी. उप मुख्यमंत्री बैरवा ने बताया कि राज्य कार्मिकों के हित में उनकी ग्रेच्युटी एवं डेथ ग्रेच्युटी की अधिकतम सीमा 20 लाख रुपए से बढ़ाते हुए 25 लाख करने को मंजूरी दी गई है. उन्होंने बताया कि अब पुरुष एवं महिला कार्मिकों को सीजीएचएस की तर्ज पर अब आरजीएचएस में भी चिकित्सा सुविधा के लिए माता-पिता या अपने सास-ससुर में से किसी एक को सम्मिलित करने का विकल्प मिलेगा, बशर्ते माता-पिता या सास-ससुर आश्रित होने के साथ पुरुष अथवा महिला कार्मिक के साथ निवास करते हों. इस संबंध में बजट वर्ष 2024-25 की घोषणा की क्रियान्विति करते हुए राजस्थान सिविल सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियम, 2013 के नियम 3(9) में संशोधन किया जाएगा.
मेडिकल और शिक्षा विभाग में ट्रांसफर पॉलिसी
प्रदेश में मेडिकल और शिक्षा विभाग में ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर कैबिनेट मीटिंग में चर्चा हुई. दोनों विभाग की ओर से नई ट्रांसफर पॉलिसी के प्रारूप का प्रजेंटेशन दिया गया. हालांकि इन पॉलिसी पर मुहर नहीं लगी है. अभी इनपर अध्ययन किया जाएगा. इसके बाद इस पर आगे सुझाव लेकर आगे लागू करने पर विचार किया जाएगा.
10 वर्षों तक बढ़ी हुई दर से पारिवारिक पेंशन का लाभ
डॉ. बैरवा ने बताया कि कार्मिक की सेवा में रहते हुए मृत्यु होने पर अब आश्रित को केंद्रीय कार्मिकों की तरह ही 10 वर्षों तक बढ़ी हुई दर से पारिवारिक पेंशन का लाभ मिल सकेगा. इन प्रावधानों के लिए राजस्थान सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1996 के नियम 55 एवं 62 में संशोधन की अधिसूचना 1 अप्रेल, 2024 से प्रभावी होगी.
दो से अधिक संतान होने के कारण पदोन्नति
एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए राजस्थान जिला न्यायालय लिपिक वर्गीय स्थापन नियम 1986 के नियम 14 ए एवं 20 के उपनियम 4 और राजस्थान अधीनस्थ न्यायालय (चालक एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी) सेवा नियम, 2017 के नियम 18 के उपनियम 4 एवं नियम 30 में संशोधन का अनुमोदन किया गया है. इन संशोधनों से न्यायालयों के उन लिपिकवर्गीय कार्मिकों, चालकों एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को राहत मिलेगी जो दो से अधिक संतान होने के कारण पदोन्नति से वंचित हो गए थे. अब उनकी पदोन्नति के लिए उस तारीख से विचार किया जा सकेगा, जिससे उनकी पदोन्नति देय हो गई थी और उन्हें नोशनल वेतनवृद्धि दी जा सकेगी.
नई रेलवे लाइन के निर्माण
नाथद्वारा देवगढ़-मदारिया रेल लाइन आमान परिवर्तन के लिए भूमि आवंटन- संसदीय कार्य मंत्री श्री जोगाराम पटेल ने बताया कि प्रदेश के रेल परिवहन तंत्र को मजबूत करने तथा मार्बल, ग्रेनाइट और माइनिंग जैसे उद्योगों को विकसित करने के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर श्रीनाथद्वारा को मेवाड़ और मारवाड़ से जोड़ने वाली नई रेलवे लाइन के निर्माण में तेजी लाई जा रही है. उन्होंने बताया कि राजसमंद जिले के राजसमंद, देवगढ़, नाथद्वारा एवं आमेट उपखण्डों की कुल 42.1576 हैक्टेयर भूमि राजस्थान भू-राजस्व अधिनियम 1956 की धारा 102 के अंतर्गत नाथद्वारा-देवगढ़-मदारिया आमान परिवर्तन परियोजना के लिए रेलवे मंत्रालय को आवंटित करने की स्वीकृति मंत्रिमण्डल बैठक में प्रदान की गई.
इसके अलावा 7896 करोड़ रुपये की लागत से 11 केवी फीडर सेग्रेगेशन के कार्य होंगे. तीन हजार मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए भूमि आवंटन का अनुमोदन और टेक्नोलॉजी सेंटर के लिए एमएसएमई मंत्रालय को भूमि आवंटित होगी.
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