Jaipur News: जयपुर पुलिस ने हाल ही में एक युवक के अपहरण के मामले में न केवल उसे अपराधियों के चंगुल से छुड़ाया, बल्कि जिस अंदाज में उसे बचाया, उसने बदमाशों को भी हैरान कर दिया. यह घटना हिमाचल प्रदेश के एक होटल में हुई, जहां पुलिस ने युवक को अपहरणकर्ताओं से मुक्त कराने के बाद उसे एक यादगार सरप्राइज दिया. पुलिस का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें देखा जा सकता है कि होटल के कमरे में घुसते ही पुलिस के जाबाज कहते हैं, "अनुज, खड़ा हो जा बेटा... जयपुर पुलिस है, मस्त रहो, हम तुम्हारे लिए ही आए हैं."
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यह घटना अनुज के लिए और भी खास बन गई क्योंकि उसे ठीक उसके जन्मदिन पर अपहरणकर्ताओं के चंगुल से छुड़ाया गया. 18 अगस्त को अनुज अपने दोस्त के साथ जयपुर के नाहरगढ़ पहाड़ी पर घूमने गया था, जहां उसकी मुलाकात कुछ बदमाशों से हुई. अनुज के अच्छे कपड़े देखकर बदमाशों ने उसे अमीर समझा और उसके मुंह पर टेप लगाकर, हाथ-पांव बांधकर उसे उठा ले गए. अनुज का दोस्त इस हमले में बच तो गया, लेकिन उसे मारपीट कर वहीं छोड़ दिया गया.
ड्रोन की मदद से सर्च ऑपरेशन चलाया
जैसे ही पुलिस को इस घटना की सूचना मिली, ब्रह्मपुरी थाना पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर ड्रोन की मदद से सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन अनुज का कोई सुराग नहीं मिला. इसके बाद पुलिस ने अपहरण की आशंका जताते हुए कई टीमें तैनात कर दीं. इस दौरान अपहरणकर्ताओं ने अनुज के परिवार से 20 लाख रुपये की फिरौती मांगी. परिवार ने इतनी बड़ी राशि जुटाने के लिए समय मांगा, और पुलिस ने अपहरणकर्ताओं के फोन नंबर को ट्रेस करना शुरू कर दिया.
पुलिस ने बनाई योजना
अपहरणकर्ता पुलिस से बचने के लिए लगातार जगह बदलते रहे. अंततः उन्होंने अनुज के परिवार को पैसे लेकर कालका-शिमला एक्सप्रेस ट्रेन के आखिरी डिब्बे में बैठने को कहा. पुलिस ने योजना के तहत ट्रेन के रूट पर टीमों को तैनात कर दिया और जैसे ही धर्मपुर रेलवे स्टेशन के पास अपहरणकर्ताओं ने पैसे का बैग फेंकने को कहा, वहां खड़े युवक को पकड़ लिया गया. पूछताछ के बाद पुलिस ने अन्य आरोपियों को भी धर दबोचा. इसके बाद पुलिस उस होटल तक पहुंची, जहां अनुज को बंधक बनाकर रखा गया था.
किसने बनाई थी योजना
होटल के कमरे में पहुंचते ही पुलिस ने अनुज को सुरक्षित बाहर निकाला. इस ऑपरेशन में एक महिला और चार पुरुष गिरफ्तार किए गए, जिनमें से मुख्य आरोपी विरेंद्र सिंह, जो एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है, और उसके साथी अमित कुमार, विनोद सिंह, जितेंद्र भंडारी, और जमुना सरकार हैं. पुलिस के अनुसार, आर्थिक तंगी और तकनीकी संसाधनों का इस्तेमाल करते हुए विरेंद्र सिंह ने अपहरण की योजना बनाई थी. लेकिन अब यह गैंग पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है.
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