गहलोत Vs पायलट एपिसोड-1: विवाद की इस चिंगारी ने लगाई आग जो आज तक न बुझी

राजस्थान तक

16 May 2023 (अपडेटेड: May 17 2023 9:34 AM)

Rajasthan political crisis: राजस्थान में 6 महीने बाद चुनाव है. प्रदेश में पक्ष बनाम विपक्ष की जगह कांग्रेस पार्टी के ही अंब्रेला में गहलोत वर्सेज पायलट चल रहा है. वर्ष 2018 में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने के बाद से खुलेआम शुरू हुआ विवाद का ये सिलसिला अब मंचों पर बयानबाजियों में बदल गया है. […]

गहलोत Vs पायलट एपिसोड-1: विवाद की इस चिंगारी ने लगाई आग जो आज तक न बुझी

गहलोत Vs पायलट एपिसोड-1: विवाद की इस चिंगारी ने लगाई आग जो आज तक न बुझी

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Rajasthan political crisis: राजस्थान में 6 महीने बाद चुनाव है. प्रदेश में पक्ष बनाम विपक्ष की जगह कांग्रेस पार्टी के ही अंब्रेला में गहलोत वर्सेज पायलट चल रहा है. वर्ष 2018 में कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने के बाद से खुलेआम शुरू हुआ विवाद का ये सिलसिला अब मंचों पर बयानबाजियों में बदल गया है. धौलपुर में मानेसर एपिसोड का जिक्र कर सीएम गहलोत ने इस सुलगती आग को एक बार और हवा दे दी है. अब पायलट ने खुलआम मोर्चा खोल दिया है.

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ऐसे में Rajasthan Tak आपको बता रहा है इनके बीच विवादों का फुल एपिसोड जिसमें सिलसिलेवार वो कहानी है जो विवादों की जड़ बनी. विवादों की इस कहानी के पहले भाग में पढें ‘मानेसर एपिसोड’ जिसके बाद पायलट से डिप्टी सीएम की कुर्सी और प्रदेश अध्यक्ष का पद दोनों छिन गया.

फेसवार ऐसे हुआ सरेआम…
जून 2020 की गर्मी से पूरा राजस्थान तप रहा था. हालांकि राजनैतिक सरगर्मी भी शुरू होने वाली थी जिसकी शुरूआत सचिन पायलट के दोस्त ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थामकर किया. जून में ही राजस्थान में 3 राज्यसभा सीटों पर चुनाव था. यहां फिर गहलोत ने दांव खेला और चुनाव से पहले ही 11 जून को विधायकों की बाड़ेबंदी कर दी.

जुलाई में सरेआम हो गया फेस युद्ध
इधर जुलाई आते-आते प्रदेश में सीएम फेस का ये वार सरेआम हो गया. विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में राजस्थान पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के नोटिस ने खलबली मचा दी. ये नोटिस कई निर्दलीय विधायकों के साथ ही डिप्टी सीएम सचिन पायलट को भी मिला. हालांकि ये नोटिस सीएम गहलोत को भी मिला, लेकिन बवाल मचने के बाद. इस नोटिस के बाद पायलट और उनके समर्थकों की नाराजगी खुलकर बाहर आ गई.

फिर हुई बगावत, दिल्ली पहुंचे पायलट
ये चर्चा आम रही कि गहलोत के इशारे पर ही नोटिस भेजा गया है. इधर पायलट विधायकों के साथ मानेसर के एक रिसॉर्ट में पहुंचे. माना जाता है कि तब इनके साथ 25 विधायक थे. 12 जुलाई को पायलट ने अशोक गहलोत सरकार के अल्पमत में आ जाने का ऐलान किया. पायलट सरकार को गिराने के संकेत देने लगे. इंडिया टुडे के साथ एक बातचीत में कह भी दिया था कि चुनाव उन्होंने जीता, लेकिन अशोक गहलोत बिना किसी काम के मुख्यमंत्री बनने का दावा लेकर आ गए. इधर चर्चाएं ये भी होने लगीं कि सचिन पायलट अशोक गहलोत की सरकार गिराएंगे और बीजेपी के साथ मिलकर मुख्यमंत्री बनेंगे.

एक बार फिर गहलोत ने बाजी पलटी
13 जुलाई को सीएम गहलोत ने अपने आवास पर विधायक दल की बैठक बुलाई. फिर पत्रकारों को बुलाया विधायकों की गिनती कराकर दिखाया गया कि उनके पास 100 से ज्यादा विधायक हैं. ये मीडिया के जरिए राजस्थान की सियासत में गहलोत का शक्ति प्रदर्शन था. इसके बाद शुरू हुई विधायकों की बाड़ेबंदी और सभी को होटलों में रवाना कर दिया गया. विधानसभा अध्यक्ष ने महेश जोशी की शिकायत पर बागी विधायकों को विधानसभा सदस्यता खत्म करने को लेकर नोटिस जारी कर दिए गए.

इधर आरोपों के बीच बीजेपी ने इशारे में न्यौता भी दे डाला
इन सबके बीच प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दफ्तर से पायलट के पोस्टर हटा दिए गए. प्रियंका गांधी नाराज पायलट को मनाने में जुटीं. प्रियंका गांधी से बातचीत के बाद दफ्तर में दोबारा पोस्टर लगा दिए गए. इसी बीच बीजेपी सरकार को गिराने की साजिश के आरोपों के बीच परोक्ष रूप से सचिन पायलट को न्यौता भी देने लगी.

पायलट की डिप्टी सीएम और प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी गई
कांग्रेस ने 14 जुलाई को सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष और डिप्टी सीएम के पद से हटा दिया. पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह और खाद्य मंत्री रमेश मीणा को भी पद से हटा दिया गया. सचिन पायलट की जगह पर प्रदेश कांग्रेस की कमान शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा को सौंपी गई.

राहुल बोले- जाने वालों से डरे नहीं, पायलट बोले- नहीं जाऊंगा
इधर पायलट को लेकर राहुल गांधी का बयान आया. उन्होंने कहा- जिसे जाना है जाएगा, पार्टी छोड़ कर जाने वालों से डरने की जरूरत नहीं है. इसपर पायलट का बयान आया- बीजेपी में शामिल नहीं होने जा रहे. कुछ नेताओं ने गलत अफवाहें फैलाई हैं. उन्होंने कहा, राजस्थान में कांग्रेस की वापसी के लिए मैंने बहुत मेहनत की है.

कांग्रेस में इस्तीफों की लगी झड़ी
सचिन पायलट को पद से हटाए जाने के तुरंत बाद एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया समेत लगभग 400 से 500 सदस्यों ने इस्तीफा दे दिया है. पायलट के निर्वाचन क्षेत्र टोंक में 50 से ज्यादा कांग्रेसियों ने इस्तीफा दे दिया. दूसरे जिलों में इस्तीफे का घटनाक्रम चला.

फिर जारी हुआ ऑडियो टेप
विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों के बीच सीएम गहलोत ने इसके सबूत होने का भी दावा किया. इसी बीच गहलोत के ओएसडी ने 3 ऑडियो क्लिप भी जारी कर दिए. इधर ऑडियो के आधार पर गजेंद्र सिंह और विधायक भंवर लाल पर राजद्रोह का केस लगाया गया. आरोप विश्वेंद्र सिंह पर भी था. ऐसे में भंवर लाल और विश्वेंद्र सिंह को कांग्रेस से निलंबित किया गया और दलाल संजय को गिरफ्तार कर लिया गया. इन सबके बीच बाड़ी से कांग्रेस विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने मुंबई के कॉरपोरेट घरानों से पायलट के लिए फंडिंग का आरोप लगाया.

हाईकोर्ट ने कार्रवाई से रोका
मामला हाईकोर्ट पहुंचा. हाईकोर्ट ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को सचिन पायलट समेत कांग्रेस के 19 बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने से रोक दिया. 5 अगस्त को एसओजी ने विधायक खरीद फरोख्त मामले में राजद्रोह की धारा भी हटा ली और 17 अगस्त को विधायकों के खरीद फरोख्त मामले में दर्ज तीनों केस में एसओजी ने फाइनल रिपोर्ट लगाकर केस बंद कर दिया.

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