उपचुनाव से पहले बेरोजगारों ने खोल दिया भजनलाल सरकार के खिलाफ मोर्चा, कहीं BJP के लिए बन न जाएं मुसीबत!

विशाल शर्मा

29 Aug 2024 (अपडेटेड: Aug 29 2024 6:58 PM)

युवाओं ने कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से भर्ती परीक्षाओं के प्रश्न पत्र में हो रही विसंगतियों को दूर करने की मांग की.

तस्वीर: विशाल शर्मा, राजस्थान तक.

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राजस्थान (rajasthan news) में उपचुनाव की सरगर्मी अब बढ़ने लगी है. इसी बीच प्रदेश के बेरोजगार युवकों ने भजनलाल सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. बेरोजगार युवाओं ने जयपुर (Jaipur news) के शहीद स्मारक पर प्रदर्शन किया. युवाओं ने कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से भर्ती परीक्षाओं के प्रश्न पत्र में हो रही विसंगतियों को दूर करने की मांग की.

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बेरोजगारों के नेता हनुमान किसान ने कहा कि कर्मचारी चयन बोर्ड पेपर एक्सपर्ट के सहारे जानबूझकर भर्तियों को लेट कर रहा है. प्री आंसर की जारी करने के साथ ही आपत्तियों के नाम पर मोटी फीस वसूलने की मंशा से प्रत्येक परीक्षाओं में विवादित प्रश्न पूछने, सवाल डिलीट करने , आउट ऑफ सिलेबस सवाल पूछने जैसे काम कर रहा है. 

बेरोजगारों के नेता हनुमान ने बताया कि हाल ही में आयोजित एलडीसी भर्ती में 150 में से 41 सवाल आउट ऑफ सिलेबस थे.  पिछले 3 साल में लगभग 250 सवाल डिलीट और 170 सवालों के उत्तर बदल दिये गये जिसको लेकर कर्मचारी चयन बोर्ड के चेयरमैन आलोक राज ने 7 मार्च 2024 को जयपुर हाईकोर्ट के आदेश पर उपस्थित होकर पेपर एक्सपर्ट से 10 फीसदी गलती होना भी स्वीकार किया है. इसे लेकर युवाओं में भारी आक्रोश है, क्योंकि सवाल डिलीट होने से बोनस नहीं मिलकर शेष प्रश्नों का अंकभार बढ़ जाता है, जिससे कई अभ्यर्थियों को भारी नुकसान होता है.

युवाओं की ये है मांग

ऐसे में युवाओं की मांग है कि आगामी किसी भी भर्ती परीक्षा के पेपर में कोई भी प्रश्न डिलीट नहीं किए जाएं और किसी भी प्रकार की अन्य विसंगति नहीं हो. साथ ही प्रश्न डिलीट होने की स्थिती में अंक भार की जगह बोनस दिया जाए. वहीं RSSB की तरफ से भर्ती परीक्षाओं की परीक्षा तिथि के साथ बिंदूवार डिटेल सिलेबस और भर्ती पूरी करने की सम्भावित समय सीमा तय की जाए. 

इसके अलावा एलडीसी प्रथम प्रश्न-पत्र में 150 में से 41 प्रश्न (27फसदी) आउट ऑफ़ सिलेबस ,जूनियर अकाउंटेंट भर्ती में 23 प्रश्न (69 अंक) डिलीट की जांच होकर पेपर एक्सपर्ट और बोर्ड अध्यक्ष पर कार्रवाई करने के साथ पीड़ित अभ्यर्थियों के साथ न्याय किया जाए. महिला आरक्षण की सीमा 50 फीसदी से कम करके बीएसटीएस युवाओं को राहत दी जाए. बजट में घोषित 1 लाख पदों का विभागवार वर्गीकरण जल्द से जल्द जारी किया जाए. 

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