Udaipur Kanhaiyalal Murder Case: कन्हैयालाल हत्याकांड के 2 साल बाद भी न्याय के इंतजार में परिवार, बड़े बेटे ने ली है खास प्रतिज्ञा

Satish Sharma

27 Jun 2024 (अपडेटेड: Jun 27 2024 2:18 PM)

ठीक 2 साल पहले 28 जून 2022 की तारीख और इस दिन राजस्थान के उदयपुर में कुछ ऐसा हुआ जिसने ना सिर्फ राजस्थान, बल्कि देश-दुनिया को झकझोर कर रख दिया. उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड की वारदात को इसी दिन बर्बरता से अंजाम दिया गया था.

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Udaipur Kanhaiyalal Murder Case: ठीक 2 साल पहले 28 जून 2022 की तारीख और इस दिन राजस्थान के उदयपुर में कुछ ऐसा हुआ जिसने ना सिर्फ राजस्थान, बल्कि देश-दुनिया को झकझोर कर रख दिया. उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड की वारदात को इसी दिन बर्बरता से अंजाम दिया गया था. जब दोपहर में कपड़े सिलवाने के बहाने 2 कट्टरपंथी युवक शहर की मालदास स्ट्रीट में कन्हैयालाल टेलर (Udaipur Kanhaiyalal Murder Case) की दुकान में जाते हैं. जैसे ही टेलर कुछ समझ पाते, उससे पहले ही उन दो युवकों ने गला काटकर हत्या कर दी थी.

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अब इस मामले को 2 साल बीत चुके हैं, लेकिन उनके परिजन आज भी न्याय की उम्मीद पाले बैठे हैं. पहले राजस्थान एटीएस और फिर NIA ने भी इस मामले की जांच की, जिसमें कुल 9 आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई. हालांकि इनमें से 1 आरोपी फिलहाल जमानत पर जेल से बाहर है.

कन्हैयालाल के बड़े बेटे यश ने जहां न्याय मिलने तक पांवों में चप्पल और बाल नहीं कटवाने का प्रण ले रखा है. वहीं, आज भी दिन-रात उनके परिजन पुलिसकर्मी के घेरे के बीच रहते हैं. NIA की ओर से सीज की गई कन्हैयालाल की दुकान को अब खोल दिया गया है.

बाहर जाने पर परिजन स्थानीय थाने को करते हैं सूचित

उदयपुर के सेक्टर-14 स्थित कन्हैयालाल के घर 24 घंटे 5 पुलिसकर्मी (1 हेड कॉन्स्टेबल और 4 कॉन्स्टेबल) तैनात है. राउंड द क्लॉक पुलिस गार्ड अपनी ड्यूटी उनके दोनों बेटे के साथ कही भी जाते-आते हुए भी देते हैं. घर के चारों और लगे सीसीटीवी कैमरों से निगरानी जाती है और संदिग्ध लगने पर तुरंत पूछताछ की जाती है. जिला कलेक्ट्रेट में LDC के पद पर कार्यरत दोनों बेटों की ड्यूटी के दौरान भी गार्ड्स साथ रहते हैं. सुरक्षा कारणों के चलते तय नियमो के अनुसार उदयपुर शहर से बाहर जाने की सूरत में पहले थाने को सूचना देनी जरूरी होती है. वहीं, राज्य से बाहर जाने पर वहां के स्थानीय थाने में भी जाकर एंट्री करवानी होती है.

न्याय के इंतजार में बैठे बेटों का कुछ यूं छलका दर्द

कन्हैयालाल के बड़े बेटे यश और तरुण बताते हैं कि पिता की मौत के बाद सरकार, पार्टियों - संगठनों ने जो-जो वादे किए, लगभग सब पूरे किए हैं. लेकिन आज भी ये मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में नहीं आ पाया है. इसके चलते केस की सुनवाई बहुत धीरे-धीरे हो रही है. यदि फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट के इस मामले को ले लिया जाता तो जल्द न्याय मिल पाता. 

यश ने बताया  "अब तक 2-3 पेशियों पर उन्हें भी बुलाया गया. वे जाकर आ गए, लेकिन इस केस से जुड़े कई लोगों की गवाही-बयान होना बाकी है. NIA के अधिकारी बताते है कि हम लोग पूरी कोशिश कर रहे है कि मामला जल्द निपट जाए. पिताजी की सीज की गई किराए की दुकान भी अब छोड़ दी गई है."

बता दें कि यह मामला तब शुरू हुआ जब 28 जून में 2022 को आरोपी रियाज अट्टारी और गौस मोहम्मद ने कन्हैयालाल साहू की गला रेतकर निर्मम हत्या कर दी थी. आरोपियों का कहना था कि बीजेपी नेता नूपुर शर्मा के विवादित बयान को साहू ने शेयर किया था. इस वारदात का आरोपियों ने वीडियो बनाया और हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए पीएम मोदी को मारने की धमकी दी थी. NIA ने अपनी चार्जशीट में कुल 11 लोगों को आरोपी बनाया. जिसमें 2 आरोपी पाकिस्तान के है और वे पकड़े नहीं जा सके.

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