Jaipur: अचानक मुर्गा बनकर सड़क पर निकल गए युवा, देख हर कोई रह गया दंग! जानें क्या है वजह?

विशाल शर्मा

31 Jan 2024 (अपडेटेड: Jan 31 2024 1:21 PM)

Jaipur News: स्कूल में जब शिक्षक मुर्गा बनाकर और हाथ उठाकर स्टूडेंट्स को चलवाते थे, तो वह भविष्य के लिए सीख थी. अब जब पढ़-लिखकर बड़े होने गए तब भी युवाओं को नौकरी के इंतजार में मुर्गा बनना पड़ रहा है. ऐसा ही कुछ मामला सामने आया जयपुर (Jaipur News) में. जहां रोजगार बहाली के […]

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Jaipur News: स्कूल में जब शिक्षक मुर्गा बनाकर और हाथ उठाकर स्टूडेंट्स को चलवाते थे, तो वह भविष्य के लिए सीख थी. अब जब पढ़-लिखकर बड़े होने गए तब भी युवाओं को नौकरी के इंतजार में मुर्गा बनना पड़ रहा है. ऐसा ही कुछ मामला सामने आया जयपुर (Jaipur News) में. जहां रोजगार बहाली के लिए युवा सरकार से मांग कर रहे हैं. इन युवाओं को पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने रोजगार दिया था, लेकिन भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद इनकी नौकरी चली गई. यह मामला राजीव गांधी युवा मित्र (Rajiv gandhi yuva mitra protest) से जुड़ा है.

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जयपुर के शहीद स्मारक पर सत्याग्रह पर बैठे ये बेरोजगार युवा कभी मुंडन करवाते हैं तो कभी खून से मुख्यमंत्री को लेटर लिखते हैं. फिर भी इनकी सुनवाई नहीं हुई तो इन युवाओं ने मुर्गा बनकर शहीद स्मारक के चारों तरफ चक्कर लगा सरकार के सामने हाथ फैलाएं.

यहां जानिए पूरा मामला

बता दें कि राजस्थान में नई सरकार बनते ही पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं पर काले बादल मंडराए हुए है. अब बीजेपी की नई सरकार ने पूर्व की गहलोत सरकार की एक और योजना को खत्म कर दिया है. इस योजना का नाम ‘राजीव गांधी युवा मित्र इंटर्नशिप योजना कार्यक्रम’ था, जिस पर अब ब्रेक लग चुका है. आर्थिक और सांख्ययिकी निदेशालय की ओर से 31 दिसंबर 2023 से इस योजना को समाप्त करने के आदेश जारी किए गए थे. जिसके बाद इस योजना का लाभ उठा रहे हजारों युवा आक्रोशित है.

युवा बोले- कांग्रेस या बीजेपी वाली बात नहीं, मंथन करें सरकार

युवाओं का कहना है कि हम सरकार की योजनाओं को अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचाने का काम करते थे. इसमें कांग्रेस या बीजेपी वाली कोई बात ही नहीं है. हम केंद्र सरकार की योजनाओं का भी गरीब परिवारों को लाभ पहुंचाने का काम करते थे, लेकिन एक झटके में ही 5 हजार युवाओं को बेरोजगार कर दिया गया. क्योंकि इस योजना से एक युवा को 17,500 रुपए की सैलेरी मिलती थी. जिससे वह अपना परिवार का भरण-पोषण करता था, लेकिन अब इस योजना को बंद करने से बेहद निराशा है. इन्हें उम्मीद है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा इस दिशा में वापस कुछ मंथन करेंगे.

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