Jaisalmer: 55 डिग्री तापमान में कैसे ड्यूटी दे रहे हैं बीएसएफ जवान? भीषण गर्मी के बीच बॉर्डर पर किए जा रहे ये खास इंतजाम

विमल भाटिया

28 May 2024 (अपडेटेड: May 28 2024 8:51 PM)

जैसलमेर से सटती भारत-पाक सीमा पर गर्मी इतनी भीषण है कि यहां तैनात जवानों के लिए भी मुश्किल खड़ी हो गई है. बॉर्डर इलाके में 55 डिग्री के भी पार तापमान होने के चलते एक जवान की मौत भी हो चुकी है. इन सबके बीच ड्यूटी पर तैनात बीएसएफ जवान अतिरिक्त सावधानी बरत रहे हैं.  

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जैसलमेर से सटती भारत-पाक सीमा पर गर्मी इतनी भीषण है कि यहां तैनात जवानों के लिए भी मुश्किल खड़ी हो गई है. बॉर्डर इलाके में 55 डिग्री के भी पार तापमान होने के चलते एक जवान की मौत भी हो चुकी है. हीटवेव और भीषण गर्मी का आलम ऐसा है कि यहां रेत पर पापड़-रोटी सेंकने और ऑमलेट तैयार होने का वीडियो वायरल हो रहा है. इन सबके बीच ड्यूटी पर तैनात बीएसएफ (BSF) जवान अतिरिक्त सावधानी बरत रहे हैं.  

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जैसलमेर स्थित सीमा सुरक्षा बल नॉर्थ हेडक्वार्टर के डीआईजी योगेंद्र सिंह राठोड़ ने बताया कि विपरीत परिस्थितियों में जवानों द्वारा भीषण गर्मी में ड्यूटी  और तापमान 50 से 55 तक पहुंचना स्वाभाविक है.

राठौड़ ने बताया कि बीओपी पर लगे तापमान मापी की बात की जाए तो उस पर मैं टिप्पणी नहीं करना चाहूंगा. उसे हम भी देखेंगे कि वह कितना सही दिखा रहा है. लेकिन इतना जरूर है सहरद पर तापमान सबसे ज्यादा है. हमारे जवान मुस्तैदी के साथ ड्यूटी कर रहे हैं, एक भी ऐसा इलाका नहीं है जिसे अटेंडेंस के बिना छोड़ हो. दिन-रात 24 घंटे हमारे जवान सहरद पर ड्यूटी कर रहे हैं. हमारी और हमारे जवानों की कोशिश है कि हिट वेव से पूरी बचाव भी रखा जाए.

कही जगहों पर कूलर से लेकर एसी की व्यवस्था

वे बताते हैं कि सीमा पर कहीं जगह पर पक्के ओपी टावर है, कहीं जगह पर कच्चे ओपी टावर है. पक्के ओपी टावर पर कुलर लगाए हुए हैं. जो कच्चे हैं, वहां घास लगवाकर पानी से छिड़काव कर ठंडा करने की कोशिश करते हैं. सरहद पर अगर गर्मी के कारण कोई जवान बीमार हो जाए तो उसे बीओपी ले जाया जाता है. ज्यादातर बीओपी में कूल रूम बनाए गए है, वहां एसी की व्यवस्था है. 

 

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