बाड़मेर: शहीद नखतसिंह को 7 साल के बेटे शौर्य ने दी मुखाग्नि, MLA रविंद्र सिंह भाटी से लिपटकर रोने लगा परिवार

Dinesh Bohra

29 Aug 2024 (अपडेटेड: Aug 29 2024 11:11 PM)

शहीद नखत सिंह पत्नी जब पति के अंतिम दर्शन के लिए पहुंची तो वो दृश्य देख पूरा गांव रो पड़ा. एक-एक करके परिवार के सदस्य और  रिश्तेदारों में शहीद नखतसिंह के अंतिम दर्शन किए. घर के आंगन में ही मौजूद शिव विधायक रविंद्रसिंह भाटी ने परिवार को ढांढस बंधाया.

तस्वीर: दिनेश बोहरा, राजस्थान तक.

तस्वीर: दिनेश बोहरा, राजस्थान तक.

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अरुणाचल प्रदेश में शहीद हुए राजस्थान के जवान नखतसिंह का पार्थिव् शरीर गुरुवार को उनके पैतृक गांव में आया. यहां सैन्य सम्मान के साथ शहीद नखत सिंह का अंतिम संस्कार किया गया. जैसे ही उनकी पार्थिव देह उनके पैतृक गांव हरसानी पहुंचा तो पूरा गांव रो उठा. जिस आंगन में नखत सिंह का बचपन और जवानी बीता था उसमें जब तिरंगे से लिपटा पार्थिव शरीर आया तो  मां का कलेजा फटने को आ गया. भाई -बहन सब फूट -फूटकर रोने लगे. 

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वीरांगना जब अपने शहीद पति के अंतिम दर्शन के लिए पहुंची तो वो दृश्य देख पूरा गांव रो पड़ा. एक-एक करके परिवार के सदस्य और  रिश्तेदारों में शहीद नखतसिंह के अंतिम दर्शन किए. घर के आंगन में ही मौजूद शिव विधायक रविंद्रसिंह भाटी ने परिवार को ढांढस बंधाया. इस दौरान परिवार के सदस्य उनसे लिपटकर रो पड़े. रविंद्र सिंह भाटी की भी आंखें छलक गईं. 

इससे पहले बुधवार रात को करीब 3 बजे हेलीकॉप्टर से अमर जवान नखतसिंह की पार्थिव देह उत्तरलाई एयरबेस (बाड़मेर barmer news)  पहुंचा जहां से सेना उनके पार्थिव देह को आर्मी स्टेशन जलीपा कैंट लेकर गई. जहां सैन्य सम्मान के साथ शहीद की पार्थिव देह को उनके पैतृक गांव के लिए रवाना किया गया. जालीपा कैंट से हरसानी फांटा, चूली, भादरेस हर किसी गांव में सड़कों पर खड़े महिला - पुरुषों, स्कूली बच्चों ने पुष्पवर्षा कर शहीद के सम्मान में भारत माता की जय, नखत सिंह अमर रहे, वंदे मातरम के नारों ने आसमान को गुंजायमान कर दिया. शिव विधायक रविंद्रसिंह भाटी भी सैन्य जवानों के साथ पार्थिव देह रखी गाड़ी ने शामिल रहे.

पिता ने नखत सिंह से कहा था- बेटा नाम करना है

शहीद नखतसिंह के चचेरे भाई ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि वे 5 भाई और 1 बहन हैं. नखतसिंह में देश भक्ति कूट - कूटकर भरी हुई थी. पिता का कुछ वर्ष पहले ही देहांत हो चुका है. पिता की जब तबीयत खराब थी और नखतसिंह छुट्टी पर घर आया था, तो पिता कहा करते थे कि 'बेटा कुछ नाम करना है.' नखतसिंह अपने पिता से कहा करता था... एक दिन जरूर नाम कर जाऊंगा. चचेरे भाई ने बताया कि हमें नहीं पता था कि नखतसिंह इस तरह से नाम कर जाएगा. चचेरे भाई ने कहा कि 'रक्षा करना हमें आता है. हमें सिर कटाना आता है, सिर गिनाना नहीं.' 

जन्माष्टमी पर मिली ये दुखद खबर- चचेरा भाई

शहीद के चचेरे भाई ने बताया कि 27 अगस्त को जन्माष्टमी के चलते शहीद नखतसिंह के परिवार के ओर से भगवान कृष्ण को भोग लगाकर पूरे गांव के लिए महाप्रसादी का आयोजन किया गया था. उसी दिन शाम को 5 बजे के आसपास इस दुखद खबर का पता चल चुका था, लेकिन शहीद की धर्मपत्नी (प्रियंका कंवर) और महिलाओं को इस बात की जानकारी देना उचित नहीं समझा था. बीणणी (बहू) को पता चल ही गया. हादसे से एक दिन पहले शहीद नखत सिंह ने बहू (अपनी धर्मपत्नी) को 10 दिन बाद 2 महीने की छुट्टी पर आने और मकान निर्माण का काम पूरा करवाने की बात कही थी. जिसकी नींव स्वयं शहीद नखत सिंह ने रखी थी. 

7 साल के बेटे ने पिता को दी मुखाग्नि

शहीद की अंतिम यात्रा में हरसानी गांव समेत जिले भर के हजारों लोगों ने शिरकत की. भारत माता की जयघोष के साथ शहीद की अंतिम यात्रा गांव के ही मोक्षधाम पहुंची, जहां पहले शहीद के परिजनों और उसके बाद बाड़मेर - जैसलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, शिव विधायक रविंद्रसिंह भाटी, चौहटन विधायक आदुराम मेघवाल, पूर्व विधायक अमीन खान, बीजेपी नेता स्वरूप सिंह राठौड़, कांग्रेस नेता फतेह खान समेत बीजेपी -कांग्रेस के नेताओं ने शहीद की पार्थिव देह पर पुष्पचक्र चढ़ाकर उन्हे श्रद्धांजलि दी. सैन्य बलों ने शहीद जवान को सैन्य सम्मान दिया. शहीद के 7 साल के बेटे शौर्य ने अपने पिता को मुखाग्नि दी.

2010 में सिपाही के पद पर ज्वॉइन की थी आर्मी

बाड़मेर जिले के छोटे से गांव हरसानी के निवासी शहीद नखत सिंह (34) ने साल 2010 में सिपाही पद पर भारतीय सेना ज्वॉइन किया था. 2015 में उनकी प्रियंका कंवर से शादी हो गई. इससे उनको 7 साल का बेटा शौर्य और 3 साल की बेटी निकू कंवर हैं. साल 2017 में नायक के पद पर प्रमोशन मिला. इसके बाद 19 ग्रेनेडियर बटालियन में अपनी सेवा दे रहे थे. पिछले 2 साल से अधिक समय से शहीद नखत सिंह 19 ग्रेनेडियर में अरुणाचल प्रदेश में अपनी सेवा दे रहे थे.

गौरतलब है कि 27 अगस्त को ऑपरेशन अलर्ट के दौरान अरुणाचल प्रदेश के सुबनसिरी जिले के लिमिकिंग से करीब 15 किलोमीटर दूर बोड़ारूपक के पास सेना का ट्रक अनियंत्रित होकर खाई में गिर गया. इस हादसे में भारत के 3 जवान शहीद हो गए. वहीं 4 अन्य जवान घायल हो गए. शहीदों में राजस्थान के बाड़मेर जिले के हरसाणी गांव के नखतसिंह भी शामिल थे. घर में यह दुखद खबर उस वक्त मिली जब घर ने कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा था.

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