बांसवाड़ा में जुटे 4 राज्यों के आदिवासियों ने मांगा अलग राज्य, बाप सांसद राजकुमार रोत ने भी की भील प्रदेश की मांग

Rajesh Soni

18 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 18 2024 6:22 PM)

राजस्थान के दक्षिण हिस्से में वर्षों से चली आ रही अलग प्रदेश की मांग आज एक बार फिर सुनाई दी. जब बांसवाड़ा जिले में स्थित मानगढ़ धाम पर राजस्थान के साथ मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र समेत 4 राज्यों के कुल 40 से ज्यादा जिलों से आदिवासी यहां एकजुट हुए.

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राजस्थान के दक्षिण हिस्से में वर्षों से चली आ रही अलग प्रदेश की मांग आज एक बार फिर सुनाई दी. जब बांसवाड़ा जिले में स्थित मानगढ़ धाम पर राजस्थान के साथ मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र समेत 4 राज्यों के कुल 40 से ज्यादा जिलों से आदिवासी यहां एकजुट हुए. ये लोग इन जिलों को मिलाकर भील प्रदेश के गठन की मांग कर रहे हैं. गुजरात की सीमा से लगते मानगढ़ धाम की ऊंची पहाड़ियों पर आदिवासी सांस्कृतिक महारैली का आयोजन हुआ. जिसमें बांसवाड़ा-डूंगरपुर से नवनिर्वाचित सांसद राजकुमार रोत और बागीदौरा विधायक जयकृष्ण पटेल मौजूद रहे. यहां पहाड़ी पर सभी वाहनों को जाने से रोक दिया गया है और करीब 3-4 किमी दूर पार्किंग स्थल बनाया गया.

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पहली बार लोकसभा चुनाव जीतने के बाद भारत आदिवासी पार्टी के सांसद राजकुमार रोत ने कहा "हमारे पूर्वजों की मांग थी कि यह क्षेत्र भील प्रदेश बने. इसी को हम फिर से मांग उठा रहे हैं और यह मांग पूरी होनी चाहिए. इसको लेकर आसपास राज्यों के आदिवासी लोगों का समर्थन देकर भील प्रदेश की मांग उठा रहे हैं."

 

 

हालांकि सिर्फ आदिवासी ही नहीं, बल्कि इस कार्यक्रम में कई मुस्लिम समाज के लोगों ने भी हिस्सा लिया. इस पूरे आयोजन में बाप पार्टी के कार्यकर्ता और आदिवासी समाज इसलिए भी उत्साहित दिखा क्योंकि बांसवाड़ा लोकसभा चुनाव के साथ ही जिले की बागीदौरा विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में भी पार्टी ने झंडा गाड़ा है.

राजनीतिक ताकत बढ़ने के बाद बाप के हौसले बुलंद

कांग्रेस के दिग्गज नेता और फिर बीजेपी ज्वॉइन करने वाले महेंद्रजीत सिंह मालवीया की सीट पर जयकृष्ण पटेल 52 हजार वोटों से जीत गए थे. बाप पार्टी ने राजनीतिक ताकत बढ़ने के बाद से ही भील प्रदेश की मांग तेज कर दी थी. भील प्रदेश की मांग कर रहे लोगों का कहना है कि जल, जमीन और जंगल पर हमारा हक है. इस क्षेत्र में पांचवी अनुसूची लागू करने की भी मांग की जा रही है.

 

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