फर्जी सीबीआई अफसर बनकर करते थे 6 बदमाशों ने की ठगी, धौंस दिखाकर अपहरण का मामला भी आया सामने

Gopal Lal

• 02:59 PM • 18 May 2023

Fraud case in Karauli: राजस्थान के करौली में ठगी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक महिला समेत 6 ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये बदमाश फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर अपहरण और ठगी की वारदात को अंजाम देते थे. साथ ही इनके पास से पत्रकार और पुलिस की फर्जी […]

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Fraud case in Karauli: राजस्थान के करौली में ठगी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक महिला समेत 6 ठगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. ये बदमाश फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर अपहरण और ठगी की वारदात को अंजाम देते थे. साथ ही इनके पास से पत्रकार और पुलिस की फर्जी आईडी भी मिली है. पुलिस ने सभी 6 आरोपियों को न्यायालय में पेश किया. जहां से 5 आरोपियों को 2 दिन के पुलिस रिमांड पर सौंपा है. जबकि महिला को जेल भेज दिया गया है.

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मामचारी थाना अधिकारी ओमेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस ने मुस्कान पत्नि अजयसिंह, मनीष पुत्र कमलेश, प्रवीण पुत्र रामब्रिज, मौहरसिंह पुत्र रामफूल, अजय सिंह पुत्र विजयसिंह और बिहारी लाल पुत्र रामसहाय को गिरफ्तार किया था. आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज कर आरोपियों की दो एसयूवी जब्त की गई.

थानाधिकारी ने बताया की सीबीआई, पत्रकार और पुलिस की फर्जी आईडी मिली है. आरोपियों ने बताया कि गंगापुर, सपोटरा और दिल्ली में ऐसी वारदात को पहले अंजाम दे चुके हैं. आरोपियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि इंटरनेट से सीबीआई की डुप्लीकेट आईडी पर अपना फोटो और नाम लगा कर लोगों को डरा धमका कर ठगी करते है. लग्जरी लाइफ जीने के लिए फिल्मी अंदाज में ठगी की वारदात करते थे.

बुधवार रात 12 बजे दो गाड़ियों में 6 बदमाश करसाई की मीना बस्ती में पहुंचे. जहां घर में सो रहे शिवसिंह पुत्र रामदयाल और उसकी पत्नी मनीषा को चारपाई सहित उठा कर ले गए. रास्ते में शिवसिंह के साथ मारपीट करने लगे. मनीषा ने हल्ला मचाया और परिजनों को आवाज लगाई. आवाज सुनकर परिजन और ग्रामीण मौके पर पहुंचे. ग्रामीणों ने दंपत्ति को छुड़ा कर बदमाशों को पकड़ लिया. आरोपी अपने आप को भ्रष्टाचार ब्यूरो निरोधक दिल्ली के अधिकारी बता रहे थे. साथ ही ग्रामीणों को धमका रहे थे कि उनके साथ गलत हुआ तो अंजाम बुरा होगा.

पहले करते थे रैकी, फर्जी पहचान के साथ ऐसे करते थे फ्रॉड
ग्रामीणों ने शक होने पर मामचारी पुलिस को सूचना दी. पुलिस के पहुंचने पर बदमाशों को उनके सुपुर्द कर दिया. गहनता से पूछताछ में आरोपियों ने वारदात स्वीकार कर ली. बदमाशों ने बताया कि अपहरण से पूर्व उस जगह की पहले रेकी करते हैं. जांच पड़ताल करने के बाद मौका पाते ही अपहरण कर ले जाते हैं. इसके बाद उन्हें पुलिस केस में फंसाने की धमकी देकर डराते. पीड़ित डर कर फर्जी सीबीआई अधिकारियों से ले देकर मामला रफा-दफा कर लेते है. बदमाशों ने करीब 20 दिन पहले ही करौली के एक बोलेरो चालक को सीबीआई में अपनी गाड़ी लगाने की बात कही. आरोपियों ने उसे फंसाने के लिए फर्जी आईडी दिखाकर विश्वास दिलाया. चालक को 40 हजार रुपए हर महीने किराया, डीजल और रहने का खाने का खर्च देने पर राजी किया था.

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