Rajasthan: टोंक जिले में बनास नदी पर निर्माणाधीन प्रदेश के सबसे लंबे हाईलेवल ब्रिज के दो पिलर्स के बीच रखे गये पांच भारी भरकम गर्डर्स के धराशयी हो जाने की घटना को लेकर टोंक-सवाई माधोपुर लोकसभा क्षेत्र से निवर्तमान सांसद व भाजपा प्रत्याशी सुखबीर सिंह जौनापुरिया का गुस्सा अब सातवें आसमान पर नज़र आ रहा है.10 मई को हुई इस घटना के कारणों को लेकर जहां सार्वजनिक निर्माण विभाग के आला अधिकारी जांच के नाम पर लीपा पोती में जुटे हुए हैं.
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वहीं शनिवार को मौके पर पहुंचे जौनापुरिया नें इस घटना के लिये पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के काल में हुए निर्माण में भ्रष्टाचार व अभियंताओं और निर्माण कंपनी के बीच चल रहे कमीशन के खेल को जिम्मेदार ठहराते हुए केंद्रीय जांच ऐजेंसी से जांच कराये जाने की बात कही है. सार्वजनिक निर्माण विभाग व निर्माण कंपनी के अभियंताओं के साथ मौके पर पहुंचे जौनापुरिया वहां चल रहे निर्माण कार्य की गुणवत्ता को देख बेहद गुस्से में नज़र आये. जौनापुरिया इस बात से भी खासे खफा नजर आए कि लगभग 10 माह पूर्व उनके द्वारा पुल निर्माण के निरीक्षण के दौरान जिन कमियों व खामियों को सुधारने के निर्देश दिये गये थे उन पर किसी भी तरह से अमल नहीं किया गया था.
बताओ कैसे गिर गये इतने भारी भरकम गर्डर
जौनापुरिया ने वहां पहुंचते ही एसई, एक्सईएन व निर्माण कंपनी के अभियंताओं से सवाल किया कि बताएं ये सबकुछ कैसे हुआ.अभियंताओं ने जैसे ही हाईड्रा मशीन के ऑपरेटर को इस हादसे के लिये जिम्मेदार बताया मौके पर मौजूद ग्रामीण व भाजपा पदाधिकारीयों ने इस जवाब का विरोध शुरू कर दिया. ग्रामीणों द्वारा घटना के दिन किसी भी तरह का काम हाईड्रा से नहीं किया जाने की बात वहां मौजूद भाजपा पदाधिकारीयों नें एसई एचएल मीणा, एक्सईएन व निर्माण कंपनी के अभियंताओं को जमकर खरी खोटी सुनाना शुरू कर दिया.
मैं भी जानता हूं निर्माण की सभी बारीकियां
अभियंताओं पर भड़के जौनापुरिया ने कहा कि वे स्वयं निर्माण कार्य से जुड़े रहे हैं इसीलिए पहले भी यहां के काम को गुणवत्ताहीन बता गुणवत्तापूर्ण कार्य करने के लिये कहकर गये थे लेकिन अभी भी वैसे ही काम चल रहा है.
बगलें झांकते नजर आये अभियंता
जौनापुरिया ने जब निर्माण में प्रयुक्त सरीये, सीमेंट व शटरिंग के अलावा प्रयुक्त तकनीक के बारे ने जानना चाहा तो अभियंता एक दूसरे का मुंह ताकते या फिर बगलें झांकते नजर आए.
पूर्ववर्ती सरकार के समय से ही चल रहा कमीशनबाजी का खेल
जौनापुरिया ने कहा कि इस पुल के निर्माण में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय में जिस तरह भ्रष्टाचार हुआ उसके चलते ही यह घटना हुई है. जौनापुरिया ने कहा कि यह तो अच्छा हुआ कि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई है. जौनापुरिया तो यहां तक कहने से भी नहीं चुके कि यहां खाओ, पियो और मौज करो की तर्ज पर काम चल रहा था. विभागीय अभियंताओं को कमीशनखोरी से फुर्सत नहीं है, ठेकेदारों से बंधी मिल जाती है.
जब मलाई खा रहे हो तो काम तो करो
इस पूरे जायजे के दौरान लंबे समय से टोंक में विभिन्न पदों पर तैनात रहे पीडब्ल्यूडी के एसई एचएल मीणा जौनापुरिया व भाजपा पदाधिकारीयों के निशाने पर बने रहे. जौनापुरिया ने एसई को यहां तक कह दिया कि जब मलाई खा रहे हो तो काम तो करो.यही नहीं जौनापुरिया ने एसई पर सीधा निशाना कसते हुए कहा कि मुफ्त की तनख्वाह ले रहे और प्रमोशन से आगे बढ़ते जा रहे हो.
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से स्वीकृत करा कर लाया था यह पुल
जौनापुरिया ने कहा कि इस पुल के निर्माण की राशि पूरी तरह से केंद्र सरकार द्वारा दी गयी है जबकि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के नेता जबरदस्ती इसका क्रेडिट लेते रहे हैं. जौनापुरिया ने कहा कि 1000 से भी अधिक गांवों को जिला मुख्यालय से जोड़ने वाले इस पुल के लिये पूरी राशि केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी द्वारा दी गयी है.
4 जून के बाद केंद्रीय एजेंसी से करवाएंगे जांच
जौनापुरिया ने कहा कि अभी तो उनके भाग्य का फैसला भी रूका हुआ है और वे सिर्फ 10व र्ष तक यहां के सांसद रहने के नाते आये हैं लेकिन 4 जून के बाद इस पुल के निर्माण में चल रहे कमीशख़ोरी के खेल व खेल व घटिया निर्माण की जांच किसी ना किसी केंद्रीय जांच एजेंसी से करवायी जाएगी.
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