जोधपुर: बड़े आंदोलन से पहले झुकी सरकार, अब बदलेगा इस रेलवे स्टेशन का नाम जिसे लेकर था विरोध
जोधपुर के 'राई का बाग' रेलवे स्टेशन का नाम अब बदलेगा. इसके लिए केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हरी झंडी दे दी है. केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. फिर अश्विनी वैष्णव ने उसे री-ट्वीट किया.
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राजस्थान (rajasthan news) के जोधपुर (jodhpur news) जिले में 'राई का बाग' रेलवे स्टेशन का नाम बदलने को लेकर लंबे समय से राइका समाज सड़कों पर था. इसी बीच केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया 'X' पर नाम बदलने जाने संबंधी जानकारी शेयर की. इसमें उन्होंने रेलवे स्टेशन का नाम बदलने के अनुरोध वाले लेटर को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (rail minister ashwini vaishnav) को देते हुए की फोटो शेयर की है.
गजेंद्र सिंह शेखावत (gajendra singh shekhawat) ने सोशल मीडिया 'X' पर लिखा है- "माननीय केंद्रीय रेलवे मंत्री श्री @AshwiniVaishnaw जी का हृदयतल से आभार कि उन्होंने मेरे अनुरोध पर “राई का बाग” रेलवे स्टेशन का नाम संशोधित कर मूल नाम “राइका बाग” किए जाने को स्वीकृति प्रदान की है। रेलवे रिकॉर्ड में वर्तनी की त्रुटि की वजह से इस जंक्शन का वास्तविक नाम परिवर्तित हो गया था, जिससे राइका समाज की भावनाएं आहत होती रहीं। निश्चित ही इस संशोधन से केवल राइका समाज ही नहीं अपितु स्थानीय निवासियों को भी पहचान से जुड़ी प्रसन्नता का अनुभव होगा। एक बार फिर मेरे मित्र श्री अश्विनी वैष्णव जी को साधुवाद कि इस संदर्भ में मेरे पत्र को उन्होंने त्वरित रूप से प्राथमिकता दी।"
गौरतलब है कि राईका समाज ने 4 अप्रैल को महापंचायत का आयोजन कर 2 सितंबर को महापड़ाव के आयोजन की तैयारी कर ली थी. राइका समाज ने यहां तक कह दिया था कि यदि मांग पूरी नहीं हुई तो 6 सितंबर को रेल रोको आंदोलन होगा.
इधर रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव ने गजेंद्र सिंह शेखावत के ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा- 'मार्च 2024 में माननीय मंत्री श्री @gssjodhpur जी के अनुरोध के बाद; रेलवे ने पुराने records को check किया, district administration के साथ परामर्श किया। “राईका बाग” रेलवे स्टेशन के नाम में जो वर्तनी की त्रुटि हुई थी उस में सुधार का निर्णय ले लिया गया है।'
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पहले इस स्टेशन का नाम 'राईका बाग' हुआ करता था. रेलवे ने ही इसका नाम बदलकर 'राई का बाग' कर दिया. राईका समाज के लोगों ने वे पहले 'राई का बाग' रेलवे स्टेशन होने पर कलेक्टर के पास पहुंचकर ज्ञापन दिया. इसके बाद से लगातार ये समाज आंदोलन कर रहा है. दरअसल इस स्टेशन का नाम राइका समाज से जुड़ा था. बाद में इसे बदलकर राई का बाग कर दिया गया, जिससे समाज के लोगों को आपत्ति हो गई.
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