कभी प्राइवेट स्कूल में पढ़ना भी सपने जैसा, आज चंद्रयान-3 मिशन में राजस्थान की बेटी ने लिखी नई इबारत
Nagaur’s Daughter achivement: हाल ही में चंद्रयान-3 (chandrayaan-3) के सफल प्रक्षेपण के बाद हर देशवासी गर्व महसूस कर रहा है. इसी प्रक्षेपण में राजस्थान की बेटी ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है. यह बेटी है नागौर (Nagaur news) की सुनीता खोकर. नागौर के डीडवाना तहसील के डाकीपूरा गांव की बेटी है. इनका ससुराल भी नागौर […]
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Nagaur’s Daughter achivement: हाल ही में चंद्रयान-3 (chandrayaan-3) के सफल प्रक्षेपण के बाद हर देशवासी गर्व महसूस कर रहा है. इसी प्रक्षेपण में राजस्थान की बेटी ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है. यह बेटी है नागौर (Nagaur news) की सुनीता खोकर. नागौर के डीडवाना तहसील के डाकीपूरा गांव की बेटी है. इनका ससुराल भी नागौर जिले के डीडवाना तहसील के मीडियावट गांव में ही है. किसान परिवार में जन्मी सुनीता की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी स्कूल में हुई.
राजस्थान तक से खास बातचीत में सुनीता खोकर ने बताया कि उनकी कामयाबी का श्रेय परिजनों और ससुराल को जाता है. साथ ही बेटे और बेटियों में भेद करने वालों को भी एक संदेश दिया है कि प्रतिभा बेटे और बेटी में भेद करने से दब सकती है, लेकिन प्रतिभा को पहचान कर उसे आगे बढ़ाना चाहिए.
ग्रामीण परिवेश के छात्र-छात्राओं को भी यह कहा है कि वे अभाव में भी संघर्ष करके आगे बढ़ सकती हैं. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अच्छी स्कूल और अच्छे संस्थान में शिक्षा लेने पर बच्चों को कम संघर्ष करना पड़ता है. लेकिन ग्रामीण परिवेश के बच्चों को उस लेवल पर जाने के लिए 4 गुना मेहनत करनी होती है. उसके बाद कामयाबी की सीडी प्राप्त कर सकते हैं. सुनीता ने बताया कि वह बिल्कुल ही साधारण परिवार से थी. उनके जुनून और परिजनों के सहयोग के कारण वे आज इस मुकाम पर पहुंची है. आगे भी देश के लिए काम करती रहेगी और देश का नाम रोशन करती रहेगी.
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जिसके बाद अपने ताऊ जो एक प्रधानाध्यापक थे, उनके साथ गांव से 4 किलोमीटर दूर करकेडी स्कूल में पैदल जाया करती थी. उसकी इसी जज्बे और प्रतिभा को उनके ताऊ ने पहचानने के बाद उसे पास ही के कस्बे कुचामन सिटी के एक निजी स्कूल में 10वीं के बाद की पढ़ाई करने के लिए भेजा.
इसके बाद अजमेर की महिला कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री ली. उसके बाद वह एक-दो बार सरकारी नौकरी के लिए चयन भी हुआ, लेकिन उन्हें कुछ और ही कर गुजरना था. आखिरकार इसरो के लिए एक बार असफल होने के बाद दोबारा प्रयास किया और कामयाब हो गई. वहीं, आज चंद्रयान-3 के सफल उड़ान के बाद इस बेटी पर देश गर्व कर रहा है. उनका परिवार इस कामयाबी से पूरी तरह से प्रफुल्लित है और अपनी बेटी की कामयाबी के लिए दुआ करते हुए दिखाई दिया.
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इनपुटः मोहम्मद हनीफ
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