सरिस्का में प्रदेश का पहला वाइल्डलाइफ कॉरिडोर होगा तैयार, पर्यटकों को मिलेगा खास लुत्फ

Himanshu Sharma

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Rajasthan Tourism: प्रदेश में सभी टाइगर रिजर्व बंद, फिर भी अलवर में उठा सकते हैं टाइगर सफारी का आनंद
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First wildlife corridor in Sariska: सरिस्का (sariska) में बाघ और अन्य वन्य जीवों को आसपास क्षेत्र के जंगल में आने जाने के लिए आबादी व सड़क क्षेत्र से नहीं गुजरना होगा. अब इसके लिए सरिस्का में राजस्थान (rajasthan news) का पहला वाइल्डलाइफ कॉरिडोर बन रहा है. यह कॉरिडोर सरिस्का को जयपुर के झालाना लेपर्ड सफारी, जमावारामगढ़, धौलपुर, भरतपुर सहित आसपास के जंगलों से जुड़ेगा. कॉरिडोर बनाने के लिए खाली जमीन पर प्लांटेशन का काम शुरू हो चुका है.

सरिस्का में इस समय 32 बाघ, बाघिन और शावक हैं. इनमें से 9 बाघ ऐसे हैं, जिनकी अभी कोई टेरिटरी नहीं है. साथ ही बाघों को एक जंगल से दूसरे जंगल में आने-जाने में भी खासी परेशानी होती है. इसलिए वन विभाग की तरफ से एक वाइल्डलाइफ कॉरिडोर बनाया जा रहा है. इसके लिए ग्राम पंचायत की करीब 80 हैकटेयर जमीन पर 70000 पौधे लगाने का काम शुरू हो चुका है.

अगले 6 महीने में पूरा होगा काम

इस कॉरिडोर का काम अगले 6 महीने में काम पूरा होगा. इसके लिए जंगलों को आपस में जोड़ने के लिए बीच रास्ते में पड़ने वाली ग्राम पंचायत की जमीन पर प्लांटेशन किया जा रहा है. साथ ही पथरीली और बंजर जमीनों को इसके लिए चिन्हित किया गया है. कॉरिडोर का काम पूरा होने के बाद बाघ व अन्य वन्य जीव सीधे जयपुर स्थिति झालाना लेपर्ड सफारी, जमवारामगढ़ सहित आसपास के जंगलों से जुड़ सकेंगे.

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वन विभाग के डीएफओ एके श्रीवास्तव ने कहा बाघ परियोजना में लगातार बाघों की संख्या बढ़ रही है. भविष्य में बाघों को अपनी टेरिटरी के लिए परेशान होना पड़ेगा. इसलिए सरिस्का को आसपास क्षेत्र के सभी जंगल से जोड़ने के लिए एक कॉरिडोर बनाया जा रहा है. थानागाजी, प्रतापगढ़ सहित बीच के बंजर क्षेत्र में प्लांटेशन का काम शुरू हो चुका है. इस क्षेत्र में प्लांटेशन का काम पूरा होने के बाद सरिस्का का जंगल सीधे जयपुर से जुड़ जाएगा. इससे बाघों के सड़क पर आबादी क्षेत्र में आने की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा.

बाला किला बफर जोन सरिस्का से जुड़ेगा

बाला किला बफर जोन सरिस्का से जुड़ेगा. बफर जोन का जंगल जिंदोली तक बढ़ाने की तैयारी चल रही है. खाली जगह पर वन विभाग प्लांटेशन कर रहा है. बफर जोन से सरिस्का और सरिस्का से जमारामगढ़ होते हुए जयपुर तक वन्य जीव आ जा सकेंगे. जयपुर के रास्ते करौली, धौलपुर, सवाई माधोपुर, रणथंबोर सहित आसपास के जंगल भी सरिस्का से सीधे तौर पर जुड़ सकेंगे.

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