भरतपुर: जाट आरक्षण के लिए आंदोलन स्थल पर लाठियां लेकर पहुंचीं महिलाएं, ऐसे दिखाया दम
Jat movement for reservation: भरतपुर और धौलपुर जिलों के जाट केंद्र की केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण की मांग 1998 से कर रहे हैं. राजस्थान के सभी जिले के जाटों को केंद्र के ओबीसी में आरक्षण प्राप्त है, मगर भरतपुर धौलपुर जिलों के जाटों को आरक्षण नहीं है.
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Jat movement for reservation: राजस्थान (rajasthan news) में लोकसभा चुनाव से पहले ही भरतपुर (Bharatpur news) और धौलपुर (Dholpur news) के जाट केंद्र के ओबीसी वर्ग में आरक्षण की मांग को लेकर आंदोलन पर हैं. फिलहाल वह शांतिपूर्ण तरीके से महापड़ाव कर रहे हैं. आज यानी शुक्रवार को महापड़ाव का तीसरा दिन है. आज आंदोलन स्थल पर भारी संख्या में महिलाएं लाठियां लेकर पहुंची और अपना दमखम दिखाते हुए बोलीं- अपने बच्चों के भविष्य के खाते हमें आरक्षण चाहिए और इस लड़ाई के लिए कोई भी कुर्बानी देनी पड़े हम तैयार हैं.
गौरतलब है कि भरतपुर और धौलपुर जिलों के जाट केंद्र की केंद्रीय सेवाओं में आरक्षण की मांग 1998 से कर रहे हैं. राजस्थान के सभी जिले के जाटों को केंद्र के ओबीसी में आरक्षण प्राप्त है, मगर भरतपुर धौलपुर जिलों के जाटों को आरक्षण नहीं है. फिलहाल जाट समुदाय के आंदोलनकारी शांतिपूर्ण तरीके से मुंबई दिल्ली रेल मार्ग से करीब 300 मीटर दूर गांव जयचौली में शांतिपूर्ण तरीके से बैठकर आंदोलन कर रहे हैं.
राम मंदिर के कारण आंदोलन शांतिपूर्ण
इसके अलावा जाट नेताओं ने अल्टीमेटम दे दिया है कि राम मंदिर की वजह से 22 जनवरी तक शांतिपूर्ण आंदोलन रहेगा, लेकिन 23 जनवरी को चक्का जाम कर दिया जाएगा. खास बात ये है कि आंदोलन का तीसरा दिन है, लेकिन सरकार की तरफ से आंदोलनकारी से कोई भी वार्ता नहीं हो पाई है. भरतपुर धौलपुर जाट आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक नेम सिंह ने कहा कि 23 जनवरी को सरकार भी देख लेगी की जाटों में कितनी एकता और ताकत है जब पूरे जिले में हर जगह चक्का जाम कर दिया जायेगा.
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