जयपुर हेरिटेज में घूस कांड: मेयर मुनेश गुर्जर के पति और दलाल के बीच बातचीत का ऑडियो टेप वायरल!

विशाल शर्मा

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जयपुर हेरिटेज में घूस कांड: मेयर मुनेश गुर्जर के पति और दलाल के बीच बातचीत का ऑडियो टेप वायरल!
जयपुर हेरिटेज में घूस कांड: मेयर मुनेश गुर्जर के पति और दलाल के बीच बातचीत का ऑडियो टेप वायरल!
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Jaipur Municipal Corporation Heritage: जयपुर नगर निगम हैरिटेज में मेयर मुनेश गुर्जर (Munesh Gurjar) के पति और दो दलालों को एसीबी (ACB) द्वारा रिश्वत लेते गिरफ्तार करने के मामले के बाद दो ऑडियो टेप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे है. इसमें पट्टा जारी करने की एवज में लेनदेन का जिक्र है, हालांकि राजस्थान तक इस वायरल ऑडियो टेप की बिल्कुल भी पुष्टि नहीं करता है और ना ही इसकी कितनी सत्यता है.

नगर निगम हैरिटेज में इस ऑडियो टेप की अब गूंज सुनाई देने लगी है, क्योंकि इस ऑडियो से साबित होता है कि नगर निगम में बिना रिश्वत कोई काम नहीं होता है. इतना ही नहीं, पट्टा जारी करने का काम भी बंटा हुआ है और दलाल एक दूसरे के काम में दखल भी नहीं देते. तभी तो पट्टा जारी करने की एवज में लाखों की रिश्वत लेते एसीबी ने मेयर पति और दलालों को रंगे हाथों ट्रैप किया था. हालांकि मेयर पति सुशील गुर्जर, नारायण सिंह और अनिल दुबे की गिरफ्तारी के पहले का यह ऑडियो बताया जा रहा है, जिसमें व्हाट्सअप कॉल पर एक युवक और दलाल नारायण सिंह से बातचीत कर रहा है.

युवक और दलाल के बीच हुई बातचीत के अंश

युवक- एक साइन ही तो करवाने है, उसमें कितना समय लगता है?

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दलाल- “मैं यही तो कह रहा हूं, अब आप यह बता मुझसे करवा रहा था साइन, मैं सब कुछ कर रहा था, फिर आप उधर चला गए. आपने उससे बात कर ली तो मैं क्या करूं?”

युवक- मैंने उससे थोड़ी बात की, मुझे तो सुशील ने कहा, मैं तो पट्टे के 50 हजार भी उसी अनिल को देकर आया था…

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दलाल- “50 हजार रुपए मेरे सामने तो ही दिए थे…”

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युवक – शाम को आप सुशील भईया से मिलवाओ एक बार …मैं गया था दो तीन बार वो मिले नहीं, पहले भी 51बी वाली बात सुशीलजी से की थी, उसके जो भी पैसे टके थे उनके कहने पर अनिल जी को दिए थे….

दलाल- “पता है मुझे”

युवक – अपना कोई लिंक थोड़ी है अनिल जी से.. अपन तो जानते ही नहीं…

दलाल- “अरे वो सब मैं समझ गया, देख.. शाम को तो वह मिलेंगे नहीं, सुबह आ जाना”

युवक- सुबह कितने बजे आऊं बताओ?

दलाल- “सुबह आ जाना मिल जाना, अनिल क्या कह रहा है बात तो की होगी ना”

युवक – अनिल का मेरे पास फोन आया था.. पहले मुझे को बोला.. ये फाइल मेरे पास आ गई है… मैं आज इसको लेकर आता हूं…फिर कल करते हैं बात..बोले घर मत आना…ठीक है… इसके बाद वापस कॉल आया तो बोले कि कल कहीं और मिलेंगे. आप सुशीलजी के घर मत आना…बात समझ.. नहीं हुई इसलिए आप को कॉल किया।

दलाल- “मेरी बात सुनो दिपांशु, आपका सीधा लिंक सुशीलजी से है…काम तो किसी के जरिए ही होगा ना यार”

युवक- आप की बात तो सही है… काम तो किसी के जरिए ही होगा.. लेकिन मेरा काम कोई इतना बड़ा थोड़ी है यार …खाली मेयर साहब के साइन ही तो कराने हैं…कोई इतना लंबा चौड़ा काम हो तो…

दलाल- “मेयर साहब के साइन तो हैं अधिकारी साइन ही तो करते हैं.”

युवक- अगला आदमी पैसे लेकर खड़ा हैं… आप ले जाओ… हमारा हम रख लेंगे आप का आप रख लेना..बात खत्म.. आप अपने रास्ते हम अपने रास्ते…..

दलाल- “सुन कल अनिल से मिल ले.. अनिल से सब शॉट आउट कर ले”

युवक- सुबह कितने बजे मिलते हैं, सुशीलजी के घर….ये अनिल

दलाल- “सुबह अनिल जल्दी आ जाता है, सुबह साढ़े आठ बजे या नौ बजे दलाल- मैं आज गया था.”

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