Udaipur: विक्षिप्त महिला ने जंगल में दिया जुड़वा बच्चियों को जन्म, 4 दिन तक भूखी रहीं नवजात

Satish Sharma

ADVERTISEMENT

woman gave birth to twin girls in the forest of Udaipur
woman gave birth to twin girls in the forest of Udaipur
social share
google news

woman gave birth to twin girls in the forest of Udaipur: उदयपुर (udaipur news) में एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है. यहां एक विक्षिप्त महिला ने जंगल में 2 बच्चियों को जन्म दिया. इधर सूचना पर ग्रामीण रेस्क्यू करने गए. ग्रामीणों को देखते ही महिला उन्हें मारने के लिए पत्थर लेकर दौड़ी. बताया जा रहा है कि ये नवजात करीब 4 दिन से भूख के मारे रो रही थीं. बच्चियों को नाल भी नहीं कटी थी. सबसे बड़ा सवाल ये है कि इस महिला के साथ दुष्कर्म किसने किया?

जाको राखे साईयां मार सके न कोई…इसको चरितार्थ करता एक नजारा उदयपुर से लगे चीरवा के घने जंगल में देखने को मिला. यहां सोमवार को घने जंगल में नवजात के रोने की आवाज आई. पता चला कि दो नवजात को एक महिला ने जन्म दिया है. महिला विक्षिप्त है. एक प्रसूता और उसके 2 जुड़वा नवजात के होने की जानकारी ने सबको हैरत में डाल दिया. जिला कलेक्टर तारचंद मीणा के कहने पर जिम्मेदार मौके पर पहुंचे और पत्थरों पर बिछे फटे-पुराने कपड़ों पर लेटी बच्चियों को देखकर चौंक गए. उन्हें हाथ लगाना चाहा तो मां पत्थर लेकर खड़ी हो गई. इसके बाद पुलिस ने रेस्क्यू कर मां और नवजात बेटियों को एमबी अस्पताल में भर्ती करवाया. जहां अब तीनों की हालत में सुधार जारी है. प्रसूता मानसिक विमंदित है.

पैंथर के इस इलाके में कैसे बची ये बच्चियां
अब डॉक्टर्स को भी आश्चर्य इस बात का है कि जन्म के बाद ज्यादा सार-संभाल नहीं होने, गर्मी व भूख-प्यास के अलावा पैंथरों वाले इस इलाके में वे कैसे बची रहीं? ग्रामीणों की मानें तो दिन में ये बच्चियां रोती तो वाहनों के शोर में आवाज दब जाती थी. रात के समय गांव तक आवाज आती थी.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें...

तीन दिन से बच्चियों के रोने की आ रही थी आवाज
पहले 3 दिन तो ग्रामीण समझे ही नहीं कि क्या माजरा है. चौथे दिन सोमवार को मौके पर पहुंचे तो दंग रह गए. चीरवा उप स्वास्थ्य केंद्र में सूचना दी. आशा सहयोगिनी सुमन मेनारिया व सीएचओ (चीफ हैल्थ ऑफिसर) हितेश वैष्णव मौके पर पहुंचे. प्रसूता पत्थर लेकर दौड़ी. बाद में सरपंच प्रकाश गमेती आए. इसके बाद प्रशासन की ओर से राजस्व अधिकारी और पुलिस पहुंची. फिर किसी तरह प्रसूता को जनाना अस्पताल और बच्चियों को बाल चिकित्सालय में भर्ती कराया गया.

प्रसूता को विधवा पेंशन दिलाने के निर्देश
बाल रोग विशेषज्ञ आरएल सुमन ने बताया कि बच्चियां भूखी-प्यासी रहने के बाद भी अच्छी हालत में हैं. महिला अभी किसी को भी आसपास नहीं आने दे रही है. उसकी काउंसलिंग की गई है. जिला कलेक्टर ताराचंद मीणा ने बीडीओ को प्रसूता के लिए विधवा पेंशन शुरू कराने और बच्चियों को पालनहार योजना का फायदा दिलाने के निर्देश दिए हैं. ये दोनों काम 7 दिन में शुरू होने के स्पष्ट निर्देश हैं.

ADVERTISEMENT

महिला से दुष्कर्म किसने किया?
ग्रामीणों की मानें तो महिला का पीहर उदयपुर-नाथद्वारा रोड पर चीरवा के पास की रहने वाली है, लेकिन उसका कोई अपना नहीं है. पति की 3 साल पहले मौत हो चुकी है. महिला पहाड़ में ऊंचाई पर रहती है. वह अक्सर खाने के लिए नीचे उतरती थी. खेतों में काम करने वाले लोग उसे खाना देते थे. बीते तीन-चार दिन से वह नीचे नहीं आ रही थी. बड़ा सवाल ये है कि क्या किसी को महिला के गर्भवती होने का पता नहीं था? अगर था तो प्रशासन को पहले ही सूचना क्यों नहीं दी ? वहीं इस मामले में महिला के साथ दुष्कर्म की आशंकाओं को देखते हुए एक टीम काउंसलिंग कर उसके करीबी रहे लोगों से जोड़कर इसकी जांच भी करने में जुटी है.

ADVERTISEMENT

यह भी पढ़ें: देश की 15 लाख हिंदू लड़कियों की ये गुप्त जानकारी मुस्लिम देश को किसने बेची?

    follow on google news
    follow on whatsapp

    ADVERTISEMENT