राजस्थान में 13 साल पहले शिक्षक भर्ती एग्जाम में हुई धांधली का राज अब खुला, वनरक्षक-2022 में भी फर्जीवाड़े का बड़ा खुलासा

Rajesh Soni

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राजस्थान के बांसवाड़ा जिले में भर्ती परीक्षा के फर्जीवाड़े से जुड़ी सामने आई सच्चाई ने हर किसी के होश उड़ा दिए हैं. पुलिस कार्रवाई के बाद हो रहे एक के बाद एक खुलासे से भर्ती परीक्षा सवालों के घेरे में आ गई है. यह मामला शिक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़े से जुड़ा है. जिसमें डमी अभ्यर्थी के जरिए नौकरी पाने के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया. इस धांधली में एक पुलिस कांस्टेबल की भी गिरफ्तारी हुई है. पुलिस की जांच में पता चला है कि साल 2011 में शिक्षक भर्ती में भी ऐसा फर्जीवाड़ा हो चुका है. पुलिस ने कुल 3 आरोपियों की गिरफ्तारी की है.

इस मामले में पहले देर रात जिले के कुशलगढ़ थाने से 5 शिक्षकों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई. जिसके बाद कुशलगढ़ के बगायचा निवासी 43 वर्षीय मकन सिंह, पाली छोटी निवासी 35 वर्षीय खतूराम और सांचौर जिले के चितलवा थाने में तेनात 35 वर्षीय राम जाट को गिरफ्तार किया गया है.

 

 

डीएसपी विनय चौधरी ने बताया कि साल 2011 में मकन सिंह की जगह राम जाट ने परीक्षा दी थी. इस परीक्षा के जरिए ही मकन शिक्षक बना था. इसके बाद पूछताछ की गई. प्राथमिक जांच में जुर्म प्रमाणित होने के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया गया है.  

वनरक्षक-2022 भी सवालों के घेरे में

यही नहीं, पुलिस की जांच के बाद वनरक्षक-2022 में भी पेपर लीक की परतें उखड़ने लगी है. इसके तार डूंगरपुर जिले तक जुड़े हुए हैं. पुलिस ने शिक्षा विभाग में कार्यरत चिखली निवासी अभिमन्यु सिंह को गिरफ्तार कर लिया है. इससे पहले यह शिक्षक होने के साथ डेपुटेशन पर लंबे समय तक चिखली एसडीएम का रीडर रहा है. इस पेपर लीक गैंग के तार बांसवाड़ा संभाग के तीनों जिलों से जुड़े गए हैं. इस मामले में एक आरोपी प्रतापगढ़ जिले का रहने वाला है.

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8-8 लाख में हुआ था सौदा 

प्रतापगढ़ निवासी प्रवीण मालवीय को बांसवाड़ा जिले के हाउसिंग बोर्ड से गिरफ्तार किया गया. तो उसने बताया कि आरोपी सकन खड़िया ने एक अन्य दलाल संपर्क कर अभ्यर्थियों से बात कर 8-8 लाख में सौदा तय करने का कहा था. इस दौरान बाड़मेर के गुडामलानी अरटवाद निवासी हरीश उर्फ हीराराम पुत्र रत्न और चिकली निवासी अभिमन्यु सिंह चौहान पुत्र हिम्मत सिंह चौहान ने पेपर उपलब्ध कराएं. साथ ही बताया कि कुशलगढ़ के मगरदा निवासी ईश्वर और उनकी पत्नी शीला ने सुखराम को पेपर कराया. इसके बाद दो पारियों के पेपर के लिए दो अलग-अलग ठिकानों पर पेपल सॉल्व कराए गए. साथ ही एक अन्य दलाल और कुशलगढ़ निवासी विनीश के जरिए कई अभ्यर्थियों को बांसवाड़ा शहर स्थित अहिंसापुरी के घर में पेपर हल कराया गया. इसके बाद दूसरी पारी का पेपर आरोपी के हाउसिंग बोर्ड स्थित घर में सॉल्व कराया गया.

 

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