IAS पूजा खेडकर विवाद के बीच डॉ. विकास दिव्यकीर्ति ने बताया कैसे होता है UPSC में आरक्षण का खेल

राजस्थान तक

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Vikas Divyakirti on EWS and OBC Reservation in UPSC
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Vikas Divyakirti on EWS and OBC Reservation in UPSC: आईएएस पूजा खेडकर का विवाद (IAS Pooja Khedkar Controversy) इन दिनों चर्चा में बना हुआ है. उन पर दिव्यांगता कोटे और ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation in UPSC) का गलत तरीके से फायदा लेने का आरोप लगा है. इस बीच सिविल सर्विसेस की तैयारी करवाने वाले लोकप्रिय शिक्षक विकास दिव्यकीर्ति ने बड़े चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. उन्होंने बताया है कि IAS, IPS बनने के लिए लोग कैसे-कैसे हथकंडे अपनाकर आरक्षण का गलत तरीके से फायदा उठाते हैं.

डॉ. विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti Interview) ने न्यूज एजेंसी 'ANI' को दिए इंटरव्यू में कहा, "एससी-एसटी कैटेगरी में जो रिजर्वेशन मिलता है उसमें क्रीमिलेयर नहीं है...मैं एक ऐसी फैमिली को पर्सनली जानता हूं जिसमें पिता आईएएस थे, मां भी एक बहुत बड़ी पॉजीशन पर थी. तीन बच्चे और तीनों सिविल सर्वेंट्स हैं. उनकी पत्नियां भी आईएएस या आईपीएस हैं. अब मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि इस फैमिली की अगली पीढ़ी को एससी-एसटी का रिजर्वेशन (SC-ST Reservation) क्यों मिलना चाहिए? मैं तो यह चाहता हूं कि उनकी जगह उसी समाज के ऐसे व्यक्ति को आरक्षण मिलना चाहिए जिसे वाकई जरूरत है."

OBC और EWS आरक्षण में है बेहद बारीक पेंच

दिव्यकीर्ति ने बताया कि ओबीसी (OBC) और ईडब्ल्यूएस आरक्षण (EWS Reservation) में कितने बारीक पेंच हैं, अगर आप यह सब सुनेंगे तो दंग रह जाएंगे. उन्होंने कहा, "इस देश में ईडब्ल्यूएस का आरक्षण कोई भी ले सकता है. अगर आप ओबीसी क्रीमिलेयर में है तो आपको जनरल कैटेगरी की तरह ट्रीट किया जाएगा. इससे बचना होता है. अगर आप जनरल कैटेगरी में हैं तो आपको पहली 75 रैंक में आना पड़ेगा. अगर आप ओबीसी में हैं तो आपको 400 रैंक में आना पड़ेगा. तो इन दोनों में बड़ा अंतर है."

उन्होंने आगे बताया, "एक रूल ये है कि अगर आपके पिता और माता क्लास 1 जॉब है तो ओबीसी आरक्षण का फायदा नहीं ले सकते. आपके दोनों पैरेंट्स ग्रुप बी सर्विस में हैं तो भी आप ओबीसी का फायदा नहीं ले सकते. लेकिन ग्रुप सी और डी में इनकम चाहे 8 लाख से ज्यादा हो तो भी आप ओबीसी में रहते हैं. बहुत सारे सिविल सर्वेंट जो करप्शन का रास्ता चुनते हैं वो एग्रीकल्चर इनकम शो करते हैं."

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UPSC में OBC आरक्षण के लिए ऐसे होता है खेल

आरक्षण में फर्जीवाड़े (fraud in reservation) पर बात करते हुए डॉ. दिव्यकीर्ति बताते हैं, "ओबीसी आरक्षण में पेंच ये है कि इसमें कैंडिडेट की इनकम काउंट नहीं होती है, केवल पैरेंट्स की इनकम काउंट होती है. ईडब्ल्यूएस में सबकी इनकम काउंट होती है. दोनों में ये अंतर है. मान लीजिए मेरे फादर आईएएस ऑफिसर हैं और दो साल बाद रिटायर होने वाले हैं. मैं ओबीसी में आता हूं. लेकिन मुझे आरक्षण नहीं मिलेगा क्योंकि मेरे फादर क्लास-1 जॉब है. उन्होंने खूब पैसा कमा लिया है. इतना पैसा उनके पास है कि मैं उस इनकम से जिंदगीभर अपना काम चला सकता हूं. अब मैं पिता से कहूं कि पापा आईएएस बनना है और जनरल से बन नहीं पाऊंगा. ओबीसी से बनना है इसलिए आपका सपोर्ट चाहिए. मैं बोलूंगा कि आप रिजाइन कर दो. दो साल की सर्विस बची है और उन्होंने रिजाइन कर दिया. जैसे ही उन्होंने रिजाइन किया अब मेरे ऊपर ये लागू नहीं होता कि मेरे पिता ग्रुप-1 जॉब में है. लेकिन अब भी उनकी आय 8 लाख से ज्यादा है तो मैं ओबीसी में नहीं आ सकता. इसके बाद मेरे माता-पिता उनकी सारी प्रॉपर्टी मेरे नाम कर देंगे. अब उन दोनों की इनकम 6 लाख रुपये सालाना रह गई और मेरी 60 लाख रुपये महीना हो गई. अब मैं आरक्षण का लाभ ले सकता हूं क्योंकि ओबीसी होने के लिए मेरी इनकम क्राइटेरिया नहीं है, सिर्फ पैरेंट्स की इनकम मायने रखती है. ऐसे कम केसेज हैं लेकिन मैं रियल में ऐसे मामलों को जानता हूं."

EWS आरक्षण में फर्जीवाड़े की भी बताई सच्चाई

विकास दिव्यकीर्ति ने बताया कि ईडब्ल्यूएस में तो खेल और अलग तरीके से चलता है. उसमें पूरी फैमिली की इनकम काउंट होती है. लेकिन पिछले एक साल की काउंट होती है. ईडब्ल्यूएस में तो रिजाइन करने की भी जरूरत नहीं होती है. उसमें तो और आसान है. उसमे सिंपल सी बात है कि आपकी एग्रीकल्चर लैंड 5 एकड़ से ज्यादा ना हो. फ्लैट अगर है तो एक हजार फीट से ज्यादा ना हो. अगर प्लॉट है नोटिफाइड में तो 100 गज और अननोटिफाइड में है तो 200 गज से ज्यादा नहीं होना चाहिए. इसके साथ ही 8 लाख से ज्यादा की फैमिली इनकम ना हो. हमारे देश में 90 प्रतिशत के आसपास लोग अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर में काम करते हैं. इसमें किसकी कितनी इनकम है इसका निश्चित पता लगाना बहुत मुश्किल होता है. वो अपनी इनकम कम दिखा सकते हैं. जिस साल आपने इनकम 8 लाख से कम दिखा दी उसके अगले साल आपके बच्चे इडब्ल्यूएस के लिए योग्य हो जाएंगे. 

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यूपीएससी में ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर बात करते हुए दिव्यकीर्ति आगे बताते हैं कि "अगर मेरे पैरेंट्स सरकारी जॉब में हैं. मान लीजिए कि दोनों की इनकम 1-1 लाख है या दोनों की मिलाकर 1 लाख है तो साल की 12 लाख इनकम है. बच्चे को एग्जाम देना है, इनमें से एक मेंबर 8-9 महीने के लिए मेडिकल लीव ले लेगा. लीव विदाउट पे. अब दोनों की इनकम उस साल में 8 लाख से कम आएगी. तो बच्चा अगले अटेम्प्ट में ईडब्ल्यूएस के लिए इलिजिबल हो जाएगा."

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"खुद सिविल सर्वेंट होते हुए भी लेते हैं EWS का लाभ"

दिव्यकीर्ति ने चौंकाने वाली बात यह बताई कि जो कैंडिडेट खुद सिविल सर्वेंट्स हैं वो भी ईडब्ल्यूएस का लाभ लेते हैं. उन्होंने कहा, "मान लीजिए उसकी फैमिली इनकम 2 लाख है और वो किसी सर्विस में आ गया. उसकी सैलरी मान लेते हैं कि 70 हजार रुपये है. इस हिसाब से उसकी इनकम सालाना 8 लाख से ज्यादा हो रही है. अब ये खुद 4 महीने छुट्टी लेगा जिसके बाद इसकी और पैरेंट्स की इनकम 8 लाख से कम हो जाएगी. यानी जब भी आपको ईडब्ल्यूएस बनना हो तो आपको उससे एक साल पहले इनकम 8 लाख से कम करनी है और आपको रिजर्वेशन मिल जाएगा. मैं मजाक में बच्चों से कहता हूं कि आपकी सरकार बहुत क्यूट है. इतने क्यूट लोग हैं कि लोग उनकी पॉलिसीज का मजाक बनाकर चल रहे हैं. जिन लोगों को भी यूपीएससी में आरक्षण का फायदा मिल रहा है मुझे नहीं लगता कि 10-20 प्रतिशत से ज्यादा उनमें ऐसे हैं जो सच में डिजर्विंग है."

 

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