Mount abu: माउंट आबू का सनसेट और सनराइज है माइंड ब्लोइंग, यहीं रुक जाने का करेगा दिल

राजस्थान तक

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तस्वीर: राजस्थान पर्यटन के सोशल मीडिया X से.
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राजस्थान (rajasthan tourism)  में जून महीने में भीषण गर्मी में लोग एक मात्र हिल स्टेशन माउंट आबू (mount abu rajasthan tourism) का सनसेट और सनराइज काफी मशहूर है. पहाड़ों से घिरे इस प्लेस का मनोरम दृश्य पर्यटकों को अपनी खूबसूरती में बांध लेता है. प्राकृतिक नजारा देख यहां आने वाले पर्यटक फिर जाना नहीं चाहते हैं. भीषण गर्मी में यहां का तापमान कूल रहता है. 

राजस्थान (rajasthan top tourism place) की भीषण गर्मी (rajasthan weather) और मानसून के मौसम में अरावली की वादियों से घिरा माउंट आबू हर दिन हजारों देशी और विदेशी सैलानियों की मेहमाननवाजी करता है. राजस्थान की ग्रीष्मकालीन राजधानी कहे जाने वाला प्रदेश का इकलौता हिल स्टेशन माउंट आबू धार्मिकता, वास्तुकला, राजस्थानी कल्चर और वीरता का बेशकिमती संगम आपके दिल को छू जाएगा.

आरावली से घिरी कटोरे जैसी है ये झील

माउंट आबू की नक्की झील चारो ओर से अरावली की वादियों से घिरी हुई है. ये झील पर्यटकों के लिए मुख्य आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है. माउंट आबू में अरावली की वादियों का लुफ्त उठाने के साथ-साथ वास्तुकला और धार्मिकता का संगम देखने को मिलेगा. नक्की झील के पीछे कई कहनियां जुड़ी हुई है. ऐसा कहा जाता है कि इस झील को देवताओं ने अपने नाखूनों से खोदकर बनाया था.

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तस्वीर: राजस्थान पर्यटन के सोशल मीडिया X से.

माउंट आबू का सेनसेट और सनराइज पॉइंट है बेहद खास

अगर आप अपने पार्टनर के साथ माउंट आबू की सैर पर हैं,  तो सेनसेट और सनराइज पॉइंट आपके लिए हनीमून पॉइंट बन जाता है. यहां से आप अरावली की वादियों के मनमोहक दृश्य के साथ सूर्योदय और सूर्यास्त के विस्मरणीय नजारे का लुफ्त उठा सकते हैं. यह खूबसूरत पॉइंट नक्की झील के पास है और इस जगह से माउंट आबू का नजारा एकदम खूबसूरत और साफ दिखाई देता है.

ट्रैकिंग के शौकिन हैं,  तो टोड रोक पॉइंट को देख कह उठेंगे वाह

माउंट आबू में कई ऐसी चीजें देखने को मिलेंगी  जिन्हें देखकर आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे. टोड रोक पॉइंट माउंट आबू का दूसरा सबसे बड़ा आकर्षण का केंद्र है. यह पॉइंट विशाल पत्थर से बना मेंढक के आकार के समान दिखाई पड़ता है. इस जगह से आप पूरे माउंट आबू को एक साथ निहार सकते हो. वहीं, इस पॉइंट से नक्की झील और माउंट आबू का नजारा देखने के लिए थोड़ी चढ़ाई करनी पड़ती है. जो ट्रैकिंग के शौकीन लोगों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है.

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देलवाड़ा का जैन मंदिर वास्तुकला और धार्मिकता का है साक्षी

अरावली की पाहड़ियों से घिरे इस हिल स्टेशन में स्थित देलवाड़ा का जैन मंदिर वास्तुकला और धार्मिकता का खूबसूरत संगम है. इस मंदिर को संगमरमर पर बारीक नक्काशी भी देखने को मिलेगी.

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भगवान शिव के पैरों के निशान वाला अचलगढ़ किला है खास 

 माउंट आबू धार्मिकता, वास्तुकला और प्राकृतिक वातावरण के साथ शौर्य और वीरता की यादें भी ताजा कर देता है. उसका एक शानदार उदाहरण है अचलगढ़ किला. यह किला इस हिल स्टेशन की खूबसूरती को चार चांद लगा देता है. अचलगढ़ किले से माउंट आबू के एक-एक कोने को निहार सकते है. राणा कुम्भा ने इस किले का निर्माण करवाया था. किले के अंदर अचलगढ़ महादेव मंदिर भी बना है. ऐसा कहा जाता हैं कि यहां भगवान शिव के पैरों के निशान मौजूद हैं, जिसे देखने के लिए रोज सैकड़ों की संख्या में पर्यटक आते हैं. 

कैसे पहुंचे माउंट आबू

माउंट आबू की सैर पर जाने के लिए बस, रेल, हवाई तीनों मार्ग का विकल्प मौजूद हैं. यदि आप हवाई यात्रा के शौकीन हैं तो नजदीकी एयरपोर्ट उदयपुर का डबोक एयरपोर्ट है. यह माउंट आबू से करीब 185 किलोमीटर की दूरी पर है. वहीं, आबू रोड रेलवे स्टेशन शहर से 28 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. सड़क मार्ग की कनेक्टीविटी जयपुर, उदयपुर , दिल्ली तक है.

माउंट आबू में कहा ठहरें

 माउंट आबू में ठहरने के लिए सधारण से लेकर 3 स्टार रिजॉर्ट तक के बेहतरीन विकल्प मौजूद है. साधारण होटल में 2 से 3 दिन रुकने का खर्च लगभग 4 से 6 हजार तक आता है.

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कंटेंट: मुकेश कुमार, इंटर्न (राजस्थान तक)

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