ERCP पर राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच MOU साइन, टोंक-करौली में आतिशबाजी, इन जिलों को मिलेगा लाभ

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ERCP पर राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार के बीच MOU साइन, टोंक-करौली में आतिशबाजी कर मनाया जश्न
ERCP पर राजस्थान और मध्यप्रदेश सरकार के बीच MOU साइन, टोंक-करौली में आतिशबाजी कर मनाया जश्न
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ERCP News: राजस्थान के 13 जिलों के लिए जीवनदायनी ईस्टर्न कैनाल परियोजना (ERCP) पर भजन लाल शर्मा सरकार और मध्य प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के बीच रविवार को दिल्ली में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के मौजूदगी में हुए एमओयू (Mou) साइन किया गया. इसके बाद से प्रदेश में जश्न का माहौल है. एमओयू के बाद टोंक और करौली जिले में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जमकर आतिशबाजी करते हुए जश्न मनाया. शाम को दोनों सीएम के बीच पार्वती-कालीसिंध-चंबल रिवर लिंक परियोजना पर सहमति बनी. अब इन नदियों को जुड़ने से करीब 26 जिलों को लाभ मिलने की संभावना है.

गौरतलब है कि राजस्थान के 13 जिलों (अलवर, भरतपुर, दौसा, करौली, धौलपुर, सवाई माधोपुर, जयपुर, अजमेर, टोंक, बूंदी, झालावाड़, बारां, कोटा) को ERCP का लाभ मिलेगा. इसमें टोंक जिला भी शामिल है, जिसमें जयपुर सहित चार अन्य जिलों की लाइफ लाइन कहे जाने वाला बीसलपुर बांध भी मौजूद है और इस परियोजना से पांचों जिलों की पेयजल की समस्या का स्थायी समाधान हो जाएगा, इसके साथ ही चंबल, काली सिंध व बनास नदी के आपस में जुड़ जाने से बीसलपुर बांध हमेशा पानी से लबालब भरा रहेगा. इस परियोजना के पूर्ण होने पर टोंक जिले के अन्य बांधों में भी पानी की भरपूर आवक बनी रहेगी.

13 जिलों में पानी की समस्या होगी समाप्त!

हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में राजस्थान और मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी है, जिसके चलते 13 जिलों के लोगों को ईआरसीपी परियोजना के राष्ट्रीय परियोजना घोषित होने पर पेयजल सहित सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा. यह परियोजना 13 जिलों के लिए जीवन दाहिनी साबित होगी. इसके लिए बड़े लंबे समय से राजस्थान में आरसीपी परियोजना के प्रदेश अध्यक्ष रामनिवास मीणा संघर्षरत थे. जिसमें करौली जिले के टोडाभीम और नादौती के सामाजिक संगठनों के लोग भी गांव-गांव जाकर ईआरसीपी परियोजना को लेकर अलग जगाने का काम कर रहे थे. अब इस परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित किए जाने के बाद राजस्थान और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और केंद्रीय जल संसाधन मंत्री के बीच हुए एमओयू साइन से परियोजना को अब पंख लग सकेंगे. परियोजना का निर्माण होने पर 13 जिलों के लोगों को पेयजल और सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सकेगा.

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रिपोर्ट: मनोज तिवारी/गोपाल लाल माली

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