Rajasthan Politics: राजस्थान में एक बार फिर 4 जून से पहले गद्दार, निकम्मा जैसे शब्द सुनने को मिल रहे हैं. जिसके बाद कई जगह पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या 4 जून को लोकसभा चुनाव के रिजल्ट के बाद राजस्थान कांग्रेस में बड़ा उलटफेर हो सकता है. कुछ दिनों पहले ही अशोक गहलोत ने जालोर प्रचार के सचिन पायलट के बयान पर पलटवार किया था और बेवकूफी वाला बयान बताया था.
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वहीं हाल में उन्होंने कांग्रेस छोड़ कर गए नेताओं को नकारा, निकम्मा और गद्दार बताया. इतना ही नहीं उन्होंने कांग्रेस के अंदर भी अवसरवादी नेताओं का जिक्र किया. इस बयान के बाद न केवल कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जाने वाले नेताओं ने मोर्चा खोला है, जानकारी के मुताबिक कांग्रेस के अंदर सचिन पायलट के समर्थकों ने भी गहलोत के गुस्से का समर्थन नहीं किया है. तो वहीं जानकारी के मुताबिक बीजेपी इस मामले में हमलावर है और सियासी मौका ढूंढ रही है.
अशोक गहलोत के बयान चर्चित
अशोक गहलोत के बयान को लेकर बीजेपी कह रही है कि क्या फिर से कांग्रेस के अंदर कोई खेल करने वाले हैं. वहीं अशोक गहलोत के बयान को सचिन पायलट से जोड़कर देखा जा रहा है. कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाले नेता सुरेश मिश्रा ने कहा है कि पायलट को पहले भी उलझाया था लेकिन अब उन्हें यह सब बंद कर देना चाहिए. तो वहीं बीजेपी के नेता रिछपाल मिर्धा भी बयान दे चुके हैं कि गहलोत ने आलाकमान की पीठ पर छुरा घोंपा है.
अगला प्रदेशाध्यक्ष कौन
अशोक गहलोत के इस ग़ुस्से पर राजस्थान प्रदेश कांग्रेस के पूर्व सचिव और पायलट समर्थक नेता सुशील आसोपा का मानना है कि सचिन पायलट को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी महत्व दे रहें हैं हो सकता है इस वजह से भी अशोक गहलोत ग़ुस्से में हो अब अगर वे समय के साथ तालमेल नहीं बिठा पाएं तो इसमें उनकी कोई मदद नहीं कर सकता. तो वहीं चर्चाएं अब इस बात की भी शुरु हो चुकी है की अब राजस्थान कांग्रेस का अगला प्रदेशाध्यक्ष कौन होगा.
4 जून का इंतजार
कुछ जानकार तो ये तक बता रहे हैं की लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजों के बाद न केवल राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा की छुट्टी हो सकती है बल्कि अशोक गहलोत व सचिन पायलट के बीच फिर से सियासी मनमुटाव बढ़ सकता है.तो कुछ का कहना हा की गोविंद सिंह डोटासरा को एक्सटेंशन मिल सकता है. आपको बता दें कि अशोक गहलोत तीन बार राजस्थान के सीएम रह चुके हैं. इससे पहले केंद्र में सक्रिय रहे. तीन दशक से ज्यादा समय से राजस्थान कांग्रेस की राजनीति अशोक गहलोत के इर्द-गिर्द रही है. तो वहीं सचिन पायलट राजस्थान के लोकप्रिय चेहरों में शुमार है जिनकी सिर्फ राजस्थन ही नहीं दूसरे राज्यों में भी पॉपुलेरिटी देखने को मिलती है. लेकिन गहलोत पायलट की दूरियों ने कई सियासी कड़वाहटें घोली है . अब देखनी ये है की क्या 4 जून के बाद कोई बड़ा उलटफेर होगा या नहीं
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