Rajasthan: पहले नहीं हो रहे थे बच्चे, अब टोंक में महिला ने एक साथ दिया 3 बच्चों को जन्म

मनोज तिवारी

12 Jun 2024 (अपडेटेड: Jun 12 2024 11:48 AM)

Rajasthan: टोंक के एक निजी अस्पताल में वजीरपुरा गांव की रहने वाले विष्णु जांगिड़ की पत्नी सीता देवी ने बुधवार सुबह एक साथ तीन शिशुओं को जन्म दिया. निसंतानता का उपचार कर रही प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ शालिनी अग्रवाल ने बताया कि प्रात:7 बजकर 1 मिनट पर सबसे पहले बालिका का जन्म हुआ.

Rajasthan: पहले नहीं हो रहे थे बच्चे, अब टोंक में महिला ने एक साथ दिया 3 बच्चों को जन्म

Rajasthan: पहले नहीं हो रहे थे बच्चे, अब टोंक में महिला ने एक साथ दिया 3 बच्चों को जन्म

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Rajasthan: हर दंपती की इच्छा होती है कि उनके आंगन में कोई नन्हा मुन्हा खेले और वे उसे गोद में लेकर उस पर अपना प्यार लुटा सके,लेकिन कहते हैं ना कि ईश्वर की लीला भी बड़ी विचित्र है. वह जब किसी को देता है तो छप्पर फाड़ कर दे देता है.जी हां हम बात रह रहे हैं निसंतानता का उपचार करा रहे एक ऐसे दंपती की जिनके यहां एक साथ तीन शिशुओं ने जन्म ले लिया. एक निजी अस्पताल में वजीरपुरा गांव की रहने वाले विष्णु जांगिड़ की पत्नी सीता देवी ने बुधवार सुबह एक साथ तीन शिशुओं को जन्म दिया. निसंतानता का उपचार कर रही प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ शालिनी अग्रवाल ने बताया कि प्रात:7 बजकर 1 मिनट पर सबसे पहले बालिका का जन्म हुआ जिसके बाद 1-1 मिनट के अंतराल पर दो बालकों का जन्म हुआ. तीनों शिशुओं का जन्म सर्जरी के जरिये कराया गया है और तीनों पूरी तरह स्वस्थ हैं.

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10 हजार प्रसव में 1 बार होते हैं ट्रिपलेट

चिकित्सा विज्ञान की मानें तो 10 हजार सामान्य प्रसव में से किसी 1 केस में महिला की ट्रिपलेट मामला सामने आता है. मिली जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय स्थित एमसीएच में 25 नवंबर 2018 को एक प्रसूता के ट्रिपलेट का मामला सामने आया था.

वजीरपुरा गांव की ही महिला के लगभग 10 माह पूर्व हुए थे एक साथ चार शिशु

इसे अजीब संयोग ही कहा जायेगा कि इसी अस्पताल में निसंतानता का उपचार कराने आये वजीरपुरा गांव की ही महिला ने अगस्त 2023 में एक साथ चार शिशुओं को जन्म दिया था. आज तीन शिशुओं को जन्म देने वाली महिला सीता भी वजीरपुरा गांव की ही रहने वाली है.

तकनीक में एक से अधिक शिशु होने की बनी रहती है संभावना

निसंतानता के उपचार के लिये काम में ली जाने वाली ओव्यूलेशन इंडक्शन तकनीक के बारे में डॉ शालिनी अग्रवाल का कहना था कि कई बार महिलाओं में अंडाणुओ का निर्माण नहीं हो पाता है.इस स्थिति में दवाईयों के जरीये ओव्यूलेशन इंडक्शन के जरिये अंडे दानी के द्वारा अंडाणुओं के निर्माण को बढ़ाया जाता है.ऐसे में इस तकनीक के जरिये मल्टिपल प्रेगनेंसी की संभावनायें बढ़ जाती हैं.

सीता के परिवार वाले हैं खुश

सीता के पति विष्णु ने बताया कि उनका विवाह वर्ष 2022 में हुआ था लेकिन पत्नि सीता को गर्भधारण करने में समस्या आ रही थी, ऐसे में उन्होंने यहां उपचार लेना शुरू किया था.पूरा परिवार अब काफी खुश नजर आ रहा है.
 

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