उदयपुर का वो किला जहां गिरती है बारिश की पहली बूंद! 140 साल पहले बादलों को देखने के लिए हुआ था निर्माण

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03 Jul 2024 (अपडेटेड: Jul 3 2024 7:05 PM)

मानसून पैलेस (Rajasthan Monsoon Palace) के नाम से पहचान रखने वाले इस महल को खास तौर पर मानसून के बादलों को देखने के लिए बनाया गया था.

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देशभर में जब भी विशाल और आकर्षक महलों की बात की जाती है तो राजस्थान (Rajasthan Best Tourist Palace) का नाम जरूर लिया जाता है. प्रदेश में एक से एक बेहतरीन पैलेस आज भी लाखों सैलानियों के स्वागत के इंतजार में रहते हैं. आज हम आपको राजस्थान के एक ऐसे ही महल के बारे में बताने जा रहे हैं जो आज भी सैलानियों के लिए प्रमुख टूरिस्ट स्पॉट (Tourist Spot) है. हम बात कर रहे हैं मानसून पैलेस (Monsoon Palace) के नाम से पहचाने जाने वाले सज्जनगढ़ पैलेस की.

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सज्जनगढ़ पैलेस (Sajjangarh Palace) समुद्री तल से 3100 फीट ऊंचाई पर है. पूरे शहर में इससे ज्यादा ऊंचाई पर कोई भी इमारत नहीं है. इस महल को मानसून के बादलों को देखने के लिए साल 1884 में बनवाया गया था. मेवाड़ के राजा सज्जन सिंह के नाम पर इस किले का यह नाम रखा गया. यह सुंदर महल सफेद संगमरमर से बना हुआ है. सनसेट का खूबसूरत नजारा देखने के लिए यहां रोजाना टूरिस्ट की भीड़ लगती है.

इसी महल पर गिरती है बारिश की पहली बूंद!

यह महल उदयपुर (Tourist Palace in Udaipur) में सबसे ज्यादा ऊंचाई पर बना हुआ है. इसलिए ऐसा दावा किया जाता है कि बारिश की पहली बूंदे सबसे पहले यहीं पर गिरती हैं. पहले जब भी बारिश होती थी तो राज परिवार मानसून का लुत्फ उठाने यहीं आता था.

यहां से दिखता था 110 किमी. दूर का चित्तौड़गढ़

सज्जनगढ़ पैलेस से चित्तौड़गढ़ की दूरी 110 किमी. है. बताया जाता है कि पहले यहां से चित्तौड़गढ़ का नजारा दिखता था. महाराणा सज्जन सिंह भी अपने पैतृक घर चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh Fort) का नज़ारा इसी महल की छत पर चढ़कर देखते थे. हालांकि बढ़ती आबादी और आसपास डेवलेपमेंट के कारण उदयपुर शहर के आसपास का इलाका ही यहां से टूरिस्ट को दिखता है. 

मानसून में घूमने के लिए है बेस्ट

बरसात के मौसम में बादलों से घिरे हुए इस पैलेस को देखने के लिए हजारों सैलानी यहां पहुंचते हैं. इस जगह से शहर के बीचोंबीच बसी पिछोला झील और उसके आसपास का सुंदर नजारा भी दिखता है. अगर टिकट के बारे में बात करें तो भारतीय सैलानियों के लिए टिकट की कीमत लगभग 10 रुपये और विदेशी सैलानियों के लिए 150 रुपये है. यहां घूमने के लिए सबसे अच्छा टाइम मानसून का माना जाता है.

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