आज के समय में इनफर्टिलिटी एक बहुत बड़ी समस्या होती जा रही है. इसी समस्या से टोंक (Tonk news) का एक दंपति भी लंबे समय से जूझ रहा था. वो इसका इलाज भी करा रहा था. उसे क्या पता था कि जब गोंद भरेगी तो एक या दो नहीं बल्कि एक साथ तीन बच्चों की किलकारी गूंजेगी. राजस्थान में ये पहला वाकया नहीं बल्कि महज 2 महीने में भीतर ऐसे तीन केस सामने आ चुके हैं. वहीं 10 महीने पहले एक महिला ने 4 बच्चों को जन्म दिया था.
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टोंक के एक निजी अस्पताल में एक कपल की शादी साल 2022 में हुई थी. वहीं महिला को गर्भधारण की समस्या थी. दोनों पति-पत्नी ने इसका इलाज कराया और अब एक साथ 3 बच्चों के माता-पिता बन गए हैं. प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. शालिनी अग्रवाल के मुताबिक सुबह 7 बजकर 1 मिनट पर सबसे पहले लड़की ने जन्म लिया. फिर 1-1 मिनट के अंतराल पर दो लड़कों का जन्म हुआ. ये डिलीवरी सर्जरी के जरिए कराई गई. प्रसव के बाद मां और बच्चे पूरी तरह से स्वस्थ्य हैं. यहां क्लिक करके पढ़ें 3 बच्चों के एक साथ जन्म की ये पूरी खबर
केस- 2
दो दिन पहले यानी 10 जून को नागौर के मकराना शहर के सीबीएम हॉस्पिटल (CBM Hospital) में एक प्रसूता ने एक साथ तीन बच्चों को जन्म दिया. जब दंपति को पता चला कि गर्भ में तीन भ्रूण हैं तो पूरा परिवार घबरा गया. हालांकि डॉक्टरों की नियमित देखभाल के बाद डिलीवरी हुई और परिवार में एक साथ तीन बच्चों का आगमन हुआ. यहां क्लिक करके पढ़ें ये पूरी खबर.
केस-3
जोधपुर (jodhpur news) में मई महीने में एक 28 साल की महिला ने एक साथ 4 बच्चों को जन्म दिया. सभी बच्चे पौने दो किलो तक के थे. जोधपुर (Jodhpur) के उम्मेद अस्पताल के अधीक्षक डॉ. अफजल हकीम ने बताया कि जैसलमेर निवासी तुलछा कंवर के गर्भवती होने पर एक निजी जांच केंद्र पर अल्ट्रासाउंड कराया गया तो गर्भ में 4 भ्रूण के होने की जानकारी सामने आई. इसके बाद पति चंद्र सिंह पत्नी को जोधपुर के उम्मेद अस्पताल लेकर आए और महिला को यहां विशेष निगरानी में रखा गया. यहां क्लिक करके पढ़ें जोधपुर में एक साथ 4 बच्चों के जन्म की पूरी खबर
केस-4
10 महीने पहले टोंक के ही उसी गांव वजीरपुर में एक महिला ने 4 बच्चों को जन्म दिया था जहां की महिला ने अभी 3 बच्चों को जन्म दिया है. ये कपल भी निसंतानता का उपचार कराने आया था और अगस्त 2023 में एक साथ चार शिशुओं को जन्म दिया था.
10 हजार में से ऐसा एक केस, तकनीक ने बदला संयोग
डॉक्टर्स की मानें तो 10 हजार डिलीवरी में ऐसा एक केस सामने आता है जिसमें ट्रेपलेट देखा जाता है. यानी एक साथ 3 संतानों का जन्म होता है. दरअसल निसंतानता के उपचार के लिये ओव्यूलेशन इंडक्शन तकनीक का असर ही कुछ ऐसा हो रहा है. इसके बारे में डॉ. शालिनी अग्रवाल ने बताया कि कई महिलाओं में अंडाणु का निर्माण नहीं होता है. ऐसे में दवाओं के जरिए ओव्यूलेशन इंडक्शन तकनीक के सहारे अंडाणुओं का निर्माण कराया जाता है जिसमें ट्रिपलेट जैसे केस सामने आने की संभावना बढ़ जाती है.
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