जयपुर का सराफा मार्केट विश्व पटल पर अपने अनुठे आभूषण और ज्वेलरी के लिए जाना जाता है, जहां सोने-चांदी के अलावा हीरे के गहनों की डिमांड रहती है. यहां खरीददारी के लिए विदेशी पर्यटक भी आते हैं. लेकिन इस बाजार की एक ज्वेलरी शॉप पर कुछ ऐसा हुआ, जिसने इस बाजार को शर्मसार कर दिया. दरअसल, ज्वेलर्स बाप और बेटे की जोड़ी ने अमेरिकी नागरिक को ही चूना लगा दिया. इन दोनों आरोपियों ने विदेशी महिला को 6 करोड़ के नकली जेवर बेच दिए. यही नहीं, नकली गहनों के नकली सर्टिफिकेट भी थमा दिए. जब पोल खुली तो बाप-बेटे ने इस महिला को ही फंसाने की साजिश रच डाली.
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यह पूरा मामला जयपुर के गोपालजी का रास्ता स्थित दुकान नंबर 1009 रामा रोडियम का है. जहां बीते 2 साल पहले यूएसए की रहने वाली चेरिश नाम की महिला ने 6 करोड़ के गहने खरीदे थे. जिसके बाद उन गहनों को लेकर वह यूएसए चली गई, जहां उसने एग्जीबिशन में स्टॉल लगाई. इस दौरान उसे पता चला कि उसके जेवर नकली है तो उसके होश उड़ गए. इसके बाद वो शिकायत करने के लिए पिछले महीने ही वापस जयपुर पहुंची.
जहां बीतें महीने 11 मई को ज्वेलर्स की दुकान रामा रोडियम पर दोपहर करीब 3.30 बजे चेरिश पहुंची और नकली ज्वेलरी की शिकायत की. लेकिन उलटे ज्वेलर्स गौरव सोनी विदेशी महिला से ही उलझ गए.
महिला के खिलाफ आरोपियों ने दी लूटपाट की झूठी शिकायत
चेरिश ने दूसरी जगह गहनों की शुद्धता चेक करवाई तो वहां भी नकली निकले. इसके बाद उसने यूएस एंबेसी को इस ठगी की सूचना दी और फिर 18 मई को ज्वेलर्स राजेंद्र सोनी और उसके बेटे गौरव के खिलाफ माणक चौक पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई. इसी बीच ज्वेलर्स ने भी विदेशी महिला के खिलाफ लूट-पाट की झूठी शिकायत दी. लेकिन जब पुलिस ने गहनों की जांच करवाई तो नकली ज्वेलरी बचने के तथ्य सामने आए. साथ ही चांदी के आभूषणों पर पॉलिश कर 300 रूपए के स्टोन को बेशकीमती डायमंड बताकर 6 करोड़ में विदेशी महिला को बेचने की पुष्टि हुई तो बाकी जौहरियों के भी कान खड़े हो गए.
अब जौहरी बाजार में बैठे अन्य व्यवसायी इस घटना के बाद हैरान है. घटना को लेकर व्यवसायी राधा कृष्ण सोनी का कहना है कि हमें विश्वास भी नहीं हो रहा की वो ऐसा कुछ कर सकते है. क्योंकि पढ़ा लिखा परिवार और शुरू से ही मेहनत करके पैसा कमाया है. इनके दादा रामचंद्र सोनी के नाम पर ही इन्होंने रामा रोडियम नाम की फर्म बनाई, लेकिन ऐसा क्या लालच आ गया जो ऐसा कांड कर दिया. इससे पुरे जयपुर का नाम खराब हो रहा है इसलिए पुलिस को कड़ी जांच करनी चाहिए.
हॉलमार्क के फर्जी सर्टिफिकेट भी जारी करने का आरोप
वही पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि ज्वेलर्स को जो हॉलमार्क के सर्टिफिकेट बना कर देते थे, उनके पास किसी भी मापदंड के कोई भी यंत्र नहीं है और फर्जी सर्टिफिकेट जारी करते हैं. ऐसे में एक्सपर्ट राधा गोविंद सोनी ने बताया कि जयपुर में ज्वेलरी की अनगिनत दुकानें हैं और असली ज्वेलरी की परख करने के लिए सबसे पुराना तरीका कसौटी का है. लेकिन अब मार्किट में कंप्यूटराइज्ड टेस्टिंग मशीने आ गई जो स्क्रीन टेस्टिंग करके देते हैं. जिन पर विश्वास नहीं किया जा सकता है. ऐसे में जब तक जेवर को पूरी तरह गला कर चेक नहीं किया जाता, तब तक पूर्ण रूप से संतुष्ट ना हो. ऐसे आंखो से अनजान ग्राहक का ऐसा देखना असंभव है कि असली और नकली क्या है. इसलिए कसौटी पर तेजाब से परख करके ही गहने खरीदे, क्योंकि कंप्यूटराइज्ड टेस्टिंग सिर्फ स्क्रीन टेस्ट ही देता है, इसलिए सावधान रहें.
आरोपियों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी
पूरे प्रकरण की जाँच कर रहे एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह शेखावत ने बताया कि विदेशी महिला ने जो डायमंड खरीदे उसमें डायमंड की जगह मोशनाइट पत्थर था और गहनों में जो गोल्ड की मात्रा 14 कैरेट होनी चाहिए थी, वो केवल 2 कैरेट निकली. जिसकी कीमत सिर्फ 300 रुपए है. इसी बात को महिला की जब ज्वेलर्स से नोकझोंक हुई और उसने थाने में शिकायत देने की बात कही. ऐसे में ज्वेलर्स राजेंद्र और गौरव ने महिला को जबरदस्ती रोकने का प्रयास किया, जो दुकान के सीसीटीवी में कैद हो गया. इसके बाद उसी विवाद के सीसीटीवी फुटेज को ज्वेलर्स ने हथियार बनाते हुए थाने में महिला पर गहने लेकर भागने की शिकायत दी. जब पुलिस ने पड़ताल की तो मामला झूठा निकला तो बाप और बेटा दोनों फरार हो गए. जिसके बाद पुलिस ने फर्जी होलमार्क सर्टिफिकेट जारी करने वाले नंदकिशोर को गिरफ्तार कर मुख्य आरोपी गौरव सोनी के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है.
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