Anti Encroachment Drive Jalore: ओडवाड़ा में घरों को तोड़ने पर क्यों मचा हाहाकार, 400 घरों को हटाने पहुंचा था प्रशासन, 70 हटाए
-Anti Encroachment Drive Jalore: राजस्थान के जालौर जिले के ओडवाड़ा गांव में दो भाइयों का आपसी जमीनी विवाद गांव के डेढ़ सौ घरों के परिवारों के लिए मुसीबत बन गया. दरअसल दो भाइयों का आपसी जमीनी विवाद हाईकोर्ट पहुंचा तो कोर्ट में गांव के ओरण भूमि (चारागाह भूमि) पर बनाए गए मकान और अतिक्रमण को हटाने के लिए आदेश दिए गए.
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-Anti Encroachment Drive Jalore:राजस्थान के जालौर जिले के ओडवाड़ा गांव में दो भाइयों का आपसी जमीनी विवाद गांव के डेढ़ सौ घरों के परिवारों के लिए मुसीबत बन गया. दरअसल दो भाइयों का आपसी जमीनी विवाद हाईकोर्ट पहुंचा तो कोर्ट में गांव के ओरण भूमि (चारागाह भूमि) पर बनाए गए मकान और अतिक्रमण को हटाने के लिए आदेश दिए गए. ऐसे में 35 एकड़ से अधिक ओरण भूमि पर हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने गुरुवार को अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरू की.
महिलाओं ने रास्ता किया ब्लॉक
बता दें कि ओडवाड़ा गांव में 35 एकड़ चारागाह भूमि पर बने 150 से अधिक मकान और करीब 160 कच्चे बाड़े हटाने की प्रशासन की ओर से कार्रवाई की जा रही है. हाईकोर्ट में 7 मई को ओरण भूमि पर बने मकानों को हटाने के आदेश दिए थे. इसी मामले में अतिक्रमण हटाने के लिए गुरुवार सुबह 7:00 जिला प्रशासन और पुलिस का जाब्ता ओडवाड़ा पहुंचा और चारागाह ओरण भूमि पर बने मकानों को हटाने के लिए प्रशासन और पुलिस के अधिकारी पहुंचे तो ग्रामीणों ने रास्ता ब्लॉक कर दिया. महिलाएं बुलडोजर और पुलिस की गाड़ियों के आगे बैठ गई और विरोध भी किया गया.
विरोध पर उतरी महिलाएं
कार्रवाई की शुरुआत में ग्रामीण और महिलाओं ने पुलिस और प्रशासन द्वारा हटाए जा रहे अतिक्रमण को लेकर खासा विरोध किया. जिस पर हंगामा खड़ा हो गया और पुलिस को हल्का बल प्रयोग करना पड़ा और पुलिस की ओर से लाठी चार्ज किया गया. जानकारी के अनुसार फिलहाल प्रशासन की ओर से ग्रामीणों को कुछ राहत देते हुए कल तक सामान निकालने के लिए समय भी दिया गया है. हालांकि आज मौके पर पहुंचे प्रशासन की टीम ने मकान की बाउंड्री थोड़ी और कुछ घरों के बिजली कनेक्शन काटे गए हैं. इधर कार्रवाई को लेकर महिलाओं ने शुरुआत में पुलिस प्रशासन को हाथ जोड़कर कार्रवाई नहीं करने की गुहार लगती रही. पुलिस ने समझाने के बाद जब लोग नहीं माने तो पुलिस ने बल प्रयोग किया और ग्रामीण को हटाया गया.
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कार्रवाई पर तहसीलदार ने क्या कहा
तहसीलदार हितेश त्रिवेदी ने बताया कि ओडवाड़ा गांव में 2021 में एक फाइल हुई दर्ज हुई थी. इसमें उच्च न्यायालय ने इस गांव के लगभग 37 खसरा को नाम के साथ डिनोट किया था और अतिक्रमण हटाने का ऑर्डर दिया था. उसके आदेश यह कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर उस समय 342 अतिक्रमण थे जो चिन्हित किए गए थे. आज लगभग 60 से 70 अतिक्रमण हटाए जा रहे हैं. जन भावनाओं को देखते हुए जिन लोगों के अन्यत्र कहीं पर आवास नहीं है उनके नॉन रेजिडेंशियल एरिया को अतिक्रमण मुक्त करवाया है. इनके मात्र लिविंग एरिया को छोड़ा गया. ओरण भूमि है जो कि पब्लिक लैंड है. सभी लोगों के उपयोगी और प्रतिबंधित भूमि है. जिसमें हम ना तो इसको अलॉट कर सकते. ना ही कोई इसमें रहवास कर सकते हैं. इसको डिम फॉरेस्ट माना जाता है. रेवन्यू रिकॉर्ड के हिसाब से देखें तो उस भूमि को खाली करवाया जाना बिल्कुल उचित है. इसी के अनुरूप न्यायालय के आदेश की पालना में कार्रवाई कर रहे हैं.
घरों को नहीं तोड़ा गया
ओडवाड़ा में हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने को लेकर की गई कार्रवाई मे 16 मई 2024 को 4.70 हेक्टेयर मे करीब जगह रहवासी मकान की चारदिवारी व बाड़ों की चार दीवारी का अतिक्रमण हटाया गया. तहसीलदार हितेश त्रिवेदी ने बताया कि कुछ 15 हेक्टेयर पर हुए अतिक्रमण को हटाने के लिए 5 जनवरी 2022 को कार्रवाई की गई थी. जिसमे 2.14 हेक्टेयर भूमि पर से 21 अतिक्रमी हटाए गये थे. वहीं 10 जनवरी 2023 को 1.41 हेक्टेयर भूमि पर से 46 अतिक्रमी हटाए गये थे. ग्राम पंचायत के 37 खसरों पर अतिक्रमण किया गया है उसमें ओडवाड़ा का ग्राम पंचायत भवन भी शामिल है. तहसीलदार के अनुसार कुल 130 के करीब रहवासी मकान व 279 बाड़ों पर अतिक्रमण किया हुआ है.
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फिलहाल कार्रवाई रोकी गई
वही कार्रवाई करने आई टीम के शुरुआत रूझान में झड़प,नोक-झोंक और विनती करने के कुछ वीडियो वायरल होने के बाद आहोर विधायक छगनसिंह राजपुरोहित ने दो बार जिला कलेक्टर पूजा पार्थ को प्रार्थना पत्र देकर कार्रवाई रोकने का आग्रह किया. जिसके बाद दोपहर 3 बजे तक विधायक राजपुरोहित के दवाब मे प्रशासन ने कार्रवाई को रोक दिया लेकिन तब तक करीब 70 अतिक्रमण को हटाया जा चुका था.
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