भरतपुर-धौलपुर के जाटों का अल्टीमेटम, आंदोलन के बाद अब भजनलाल सरकार एक्शन मोड में!

Suresh Foujdar

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Jat Reservation Movement: लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र में ओबीसी में आरक्षण की मांग (Jat Reservation Movement) को लेकर भरतपुर-धौलपुर (bharatpur news) के जाट आंदोलन का बिगुल बजा चुके हैं. बीतें 17 जनवरी से महापड़ाव जारी है. अब इस पूरे मामले में सरकार भी एक्शन मोड में आ चुकी है. आरक्षण संघर्ष कमिटी को सरकार ने वार्ता के लिए बुला लिया है. कमिटी के 11 सदस्य और सरकार की गठित 4 सदस्यीय कमिटी के बीच जयपुर में वार्ता चल रही है. जानकारी के मुताबिक संघर्ष समिति की बातचीत अब मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ भी हो रही है.

इधर, आंदोलनरत जाटों ने सरकार को अल्टीमेटम भी दे दिया है. समिति ने वार्ता के दौरान 2 दिन का समय दिया है और चेतावनी दी है कि केंद्र सरकार दो दिन के भीतर दोनों जिलों के जाटों को आरक्षण देने के लिए नोटिफिकेशन जारी नहीं करेंगी तो आंदोलन उग्र किया जाएगा.

जाट आंदोलनकारी कर चुके हैं आह्वान

जाट आन्दोलनकारी पहले ही आह्वान कर चुके हैं कि हमको आरक्षण से कम कुछ नहीं चाहिए. इस बार आर-पार की लड़ाई का आह्वान किया गया है. केंद्र की ओबीसी में भरतपुर और धौलपुर के जाटों को छोड़कर राजस्थान के सभी जिलों के जाटों को आरक्षण का लाभ पहले से ही मिल रहा है. इन दोनों जिलों के जाटों का आरक्षण राज्य से भी खत्म कर दिया गया था. लेकिन आंदोलन के बाद ओबीसी आयोग की स्थापना की गई थी और आयोग की सर्वे रिपोर्ट के आधार पर वसुंधरा राजे नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने दोनों जिलों के जाटों को राज्य में 2017 में आरक्षण दिया था. लेकिन केंद्र में नहीं मिला, जिसकी मांग 9 वर्षों से जाट समाज के लोग कर रहे हैं.

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