Rajasthan: शहरों में लगे पायलट-गहलोत की जोड़ी वाला पोस्टर चर्चा में, कांग्रेस के फिर दो हीरो!

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Rajasthan: शहरों में लगे पायलट-गहलोत की जोड़ी वाला पोस्टर चर्चा में, कांग्रेस के फिर दो हीरो!
Rajasthan: शहरों में लगे पायलट-गहलोत की जोड़ी वाला पोस्टर चर्चा में, कांग्रेस के फिर दो हीरो!
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Pilot Gehlot’s poster in discussion in Rajasthan: राजस्थान (rajasthan election 2023) में दिवाली रौशनी और पटाखों के शोर के बीच एक पोस्टर की चर्चा जोरों पर है. आखिरकार वर्ष 2018 वाला नजारा फिर देखने को मिला है. फिल्म शोले के जय-वीरू टाइप कांग्रेस की ये जोड़ी पोस्टर पर नजर आई है. जिस जोड़ी के दम पर कांग्रेस ने वर्ष 2018 में बीजेपी का किला ध्वस्त कर दिया था उसी के दम पर 2023 की लड़ाई में भी उतर गई है.

दरअसल 15 नवंबर को अजमेर में कांग्रेस पार्टी का एक बड़ा रोड शो होने वाला है. इस शो से पहले कांग्रेस की गारंटी के साथ पोस्टर पर अशोक गहलोत और सचिन पायलट की तस्वीर ने राजस्थान का सियासी पारा बढ़ा दिया है. माना जा रहा है कि ओपिनियन पोल में बीजेपी को भारी पड़ता देख कांग्रेस ने अपना आंखिरी दांव चल दिया है. ये वही हथियार है जिसके बल पर कांग्रेस ने 2018 सियासी लड़ाई में जीत दर्ज की थी.

7 संभागों में निकाली जा रही गारंटी यात्रा

कांग्रेस ने 7 नवंबर से अपनी गारंटी वाली यात्रा शुरू की है. खुद सीएम गहलोत ने जयपुर के मोती डूंगरी मंदिर से इसका शुभारंभ किया था. दीवाली की वजह से बीच में इस यात्रा पर ब्रेक लग गया था, लेकिन अब फिर से गारंटी वाली यात्रा को कांग्रेस रफ्तार दे रही है. प्रदेश के 7 संभागों में निकली जा रही ये यात्रा 4,400 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तय करेगी. जयपुर संभाग में यात्रा पूरी हो चुकी है, अब जोधपुर, उदयपुर, अजमेर, बीकानेर, कोटा और भरतपुर में ये यात्रा निकाली जाएगी. यात्रा में करीब 250 कार्यक्रम होंगे, जिनमें 137 कांग्रेस गारंटी संवाद, 10 रोड शो और सार्वजनिक रैलियां शामिल हैं. यात्रा में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी शामिल होंगे.

इसलिए पायलट को फिर बना रहे हीरो?

दरअसल दौसा, धौलपुर और भरतपुर सहित कई जिलों से लोगों के जो रिएक्शन आ रहे हैं. उनमें सबसे बड़ी बात जो कॉमन है वो यही है कि लोग पायलट को लेकर सवाल पूछ रहे हैं. वे कहने लगे हैं कि जब पायलट को सीएम बनाना ही नहीं था तो कांग्रेस ने सपना क्यों दिखाया. अगर इस बार भी पायलट चेहरा नहीं तो कांग्रेस को वोट नहीं. आलम तो ये है कि लोग अब ना सिर्फ गहलोत बल्कि सोनिया और राहुल गांधी से भी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. जानकारों की मानें तो कांग्रेस ने इस तरह के फीडबैक के बाद पायलट को फ्रंट पर करने का फैसला लिया है.

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