Rajasthan Politics: राजस्थान से वसुंधरा युग का अंत? इन 3 बड़े मौकों पर गायब रही पूर्व मुख्यमंत्री
Rajasthan Politics: सियासी जानकारों ये भी मानना है कि राजस्थान में भजन लाल शर्मा को सीएम बनाए जाने के बाद से वसुंधरा खुद (Vasundhara Raje) को अपेक्षित महसूस कर रही हैं.
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Rajasthan Politics: राजस्थान की पूर्व सीएम वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) पीएम मोदी की बैठक सहित तीन बड़े मौकों से नदारद रही है. सीएम भजनलाल शर्मा के सीएम पद संभालने के बाद वसुंधरा राजे ने पार्टी के कार्यक्रमों से दूरी बना ली है. पहले मंत्रिपरिषद के विस्तार, उसके बाद पीएम मोदी की मीटिंग और अब लोकसभा चुनाव के लिए हुई बीजेपी की मीटिंग. तीनों मौकों से वसुंधरा राजे ने दूरी बना लीं. हालांकि, हमेशा यही बात सामने आती रही है कि वसुंधरा पारिवारिक कारणों के चलते पार्टी के कार्यक्रमों से दूर हैं. लेकिन सियासी जानकार वसुंधरा राजे की दूरी के अलग-अलग मायने निकाल रहे है. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि वसुंधरा राजे के सीएम नहीं बनाए जाने से नाराज है. लेकिन फिलहाल महारानी चुप्पी साधे हुए है. उनके समर्थक भी फिलहाल चुप हैं. वसुंधरा राजे का गायब होना पार्टी में गुटबाजी और अंतकर्लह की ओर इशारा कर रहे हैं.
इसके अलावा सियासी जानकारों ये भी मानना है कि राजस्थान में भजन लाल शर्मा को सीएम बनाए जाने के बाद से वसुंधरा खुद को अपेक्षित महसूस कर रही हैं. ऐसे में वो पार्टी बैठकों से दूरी बना रही है. आपको बता दें कि वसुंधरा राजे राजस्थान में सीएम रेस में थी. लेकिन उन्हीं के हाथों से पर्ची खोलवाते हुए भाजपा ने पहली बार के विधायक भजनलाल शर्मा को मुख्यमंत्री बनाया था. इसके बाद 15 दिसंबर को मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा और डिप्टी सीएम दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा के शपथ ग्रहण समारोह में वसुंधरा शामिल हुई थी. उस रोज वसुंधरा की एक तस्वीर भी खूब वायरल हुई थी जिसमें वो सीएम की कुर्सी पर बैठे भजनलाल शर्मा के सिर पर हाथ रखे नजर आई थी. लेकिन इसके बाद से वसुंधरा राजे पार्टी की गतिविधियों से दूर चल रही है.
वसुंधरा राजे भाजपा से नाराज?
वसुंधरा राजे के पार्टी बैठक में शामिल नहीं होने के बाद यह सवाल उठने लगा है कि क्या वसुंधरा राजे भाजपा से नाराज हैं? क्या राजस्थान भाजपा में कोई गुटबाजी चल रही है? वसुंधरा की गैरमौजूदगी के ये सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं. क्योंकि पूर्व सीएम ने पीएम मोदी की बैठक से भी किनारा किया था. 5 जनवरी को जब आईजी-डीजी कॉफ्रेंस में शामिल होने पीएम मोदी जयपुर पहुंचे थे, तब जयपुर आते ही उन्होंने पार्टी दफ्तर में नवनिर्वाचित विधायकों और पार्टी पदाधाकारियों के साथ ढाई घंटे तक बैठक की थी. लेकिन इस बैठक में भी वसुंधरा राजे शामिल नहीं हुई थी.
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3 प्रमुख मौकों से गायब रही वसुंधरा राजे
5 जनवरी को हुई पीएम मोदी की बैठक से पहले 30 दिसंबर को राजस्थान मंत्रिपरिषद शपथ ग्रहण समारोह में भी वसुंधरा राजे शामिल नहीं हुई थी. मंत्रिपरिषद में भी वसुंधरा गुट के नेताओं को बहुत कम स्थान दिया गया है. 30 दिसंबर को मंत्रिपरिषद का शपथ ग्रहण, 5 जनवरी को पीएम मोदी की बैठक के बाद शुक्रवार 12 जनवरी लोकसभा चुनाव के लिए जयपुर में हुए भाजपा के बड़े बैठक से वसुंधरा राजे नदारद दिखीं. अब महारानी के मन में क्या है, क्या वाकई वो पार्टी से नाराज हैं या वजह कुछ और है, ये तो वसुंधरा राजे ही जानती है.
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