Rajasthan Election: कांग्रेस के प्रत्याशी का अजीबोगरीब बयान, बोले- ‘कांग्रेस को वोट न दो तो बीजेपी को दे देना’
Rajasthan Election: अमीन खान (Amin Khan) अपने प्रचार के दौरान कह रहे हैं कि अगर आपको हमसे नाराजगी हो तो वोट किसी निर्दलीय को मत देना.
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Rajasthan Election: कांग्रेस के प्रत्याशी अमीन खान का अजीबोगरीब बयान, बोले- कांग्रेस को नहीं बीजेपी को वोट दे देनाRajasthan Election: राजस्थान में विधानसभा चुनाव में टिकट की घोषणा के बाद से नेता अपने प्रचार में जुट चुके हैं. इसी बीच प्रचार के दौरान कांग्रेस के एक विधायक ने प्रचार के दौरान ऐसा कुछ कह दिया कि कांग्रेस आलाकमान से लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ता सकते में आ गया है. कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक का वीडियो सोशल मीडिया पर लगातार वायरल हो रहा है. ये विधायक कोई और नहीं 84 साल के अमीन खान (Amin Khan) हैं. जो कांग्रेस की गहलोत सरकार में मंत्री से लगातार 5 बार विधायक रहे हैं और इस बार लगातार 10वीं बार बाड़मेर (Barmer) जिले की शिव (Sheo) विधानसभा से चुनाव लड़ रहे है.
84 साल के उम्मीदवार अमीन खान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर जबरदस्त तरीके से वायरल हो रहा है. जिसमें अमीन खान अपने प्रचार के दौरान कह रहे हैं कि अगर आपको हमसे नाराजगी हो तो वोट किसी निर्दलीय को मत देना, बीजेपी को दे देना. अब यह बयान कांग्रेस के लिए गले की हड्डी बन गया है. गौरतलब है कि अमीन खान से खफा होकर बाड़मेर कांग्रेस के जिलाध्यक्ष फतेह खान निर्दलीय के रूप में चुनावी मैदान में है. वहीं इसी विधानसभा से रविंद्रसिंह भाटी भी निर्दलीय ताल ठोक रहे है.
10वीं बार चुनाव लड़ रहे हैं विधानसभा चुनाव
कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ विधायक अमीन खान शिव विधानसभा से 10वीं बार चुनाव लड़ रहे हैं. इस बार टिकट को लेकर अमीन खान को काफी मशक्कत करनी पड़ी. जयपुर से लेकर दिल्ली तक चक्कर काटने पड़े. इसी सीट से कांग्रेस के जिलाध्यक्ष फतेह खान भी अपनी दावेदारी कर रहे थे. अमीन खान पांच बार विधायक रह चुके हैं और एक बार मंत्री भी. अमीन खान के सामने पहली बार कांग्रेस से किसी ने बगावत की है. इसलिए अमीन खान खफा चल रहे हैं. कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष फतेह खान को मनाने की काफी कोशिश की. लेकिन, फतेह खान चुनावी मैदान में डटे हैं. इसलिए ही अमीन खान अपने चुनाव प्रचार के दौरान कह रहे हैं कि 5 साल में कांग्रेस ने जमकर कामकाज किया है. अगर काम पसंद नहीं आए हो तो वोट बीजेपी को दे देना. लेकिन, निर्दलीय को मत देना.
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बेबाक अंदाज के लिए जाने जाते हैं अमीन खान
कांग्रेस के विधायक अमीन खान हमेशा अपने बेबाक बयानों के लिए जाने जाते हैं. कई बार उन्होंने विवादास्पद बयान दिए हैं. एक बयान की वजह से तो अमीन खान को मंत्री पद तक गंवाना पड़ गया था. जब उन्होंने राष्ट्रपति को लेकर अमर्यादित टिप्पणी कर दी थी. इस बार जब से अमीन खान के सामने फतेह खान टिकट की दावेदारी कर रहे थे. उसके बाद से लगातार अमीन खान इसका विरोध कर रहे थे. कांग्रेस को खुली चुनौती तक दे डाली थी कि अगर दूसरे किसी मुस्लिम उम्मीदवार को पार्टी ने टिकट दे दिया तो वो उम्मीदवार 40 हजार वोटों से हारेगा और मैं इसकी खिलाफत करूंगा. आखिरकार कांग्रेस ने लगातार 10वीं बार अमीन खान पर भरोसा जता दिया.
34 साल से सक्रिय फतेह खान
कांग्रेस के जिलाध्यक्ष फतेह खान पिछले करीब 34 साल से कांग्रेस में थे और संगठन स्तर पर कामकाज देख रहे थे. इस बार फतेह खान कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे और फतेह खान का टिकट लगभग तय माना जा रहा था. लेकिन ऐनवक्त पर कांग्रेस आलाकमान ने फतेह खान का टिकट काटकर फिर से अमीन खान को दे दिया. इसी से नाराज फतेह खान ने कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला कर दिया. पिछले दो दिनों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने फतेह खान को मनाने की कोशिश की. लेकिन, फतेह खान माने नहीं. ऐसे में अब अमीन खान को डर है कि कांग्रेस के वोटों में फतेह खान कोई बड़ी सेंधमारी ना कर दे. लिहाजा, अमीन खान अब खुलकर लोगों को यह बता रहे हैं कि अगर मेरा कार्यकाल पसंद ना आया हो तो बीजेपी को चुन लेना. लेकिन, निर्दलीय को कभी मत चुनना.
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पूरे राजस्थान में शिव विधानसभा के चुनाव की चर्चा
पूरे राजस्थान में शिव विधानसभा के चुनाव की चर्चा इसलिए भी है कि युवाओं की आवाज बने रविंद्रसिंह भाटी भी इसी विधानसभा से आते है. और भाटी भी इस चुनाव में बीजेपी से टिकट ना मिलने के बाद बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ने की ताल ठोक चुके है. भाटी पश्चिमी राजस्थान के सबसे बड़े विश्वविद्यालय जय नारायण व्यास यूनिवर्सिटी से 57 साल के इतिहास में पहली बार निर्दलीय चुनाव जीते और उसके बाद अरविंद सिंह भाटी को भी जिताया. गहलोत सरकार के खिलाफ कई आंदोलन किया इस वजह से भाटी युवाओं की आवाज माने जाते हैं. वहीं इसी विधानसभा सीट से बीजेपी के पूर्व विधायक रहे और संघ पृष्ठभूमि के जालमसिंह रावलोत भाजपा छोड़कर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी में शामिल हो चुके हैं. वहीं जालम सिंह भी इसी विधानसभा से आरएलपी से चुनाव लड़ रहे हैं.
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