जमीन पर कब्जे के मामले में नहीं की FIR दर्ज, ACP और CI सस्पेंड; DGP उमेश मिश्रा ने इसलिए लिया एक्शन

विशाल शर्मा

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Rajasthan News: राजस्थान में पुलिस और अपराधियों के बीच गठजोड़ कोई नया नहीं है. ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जब पुलिस आरोपियों के साथ मिलकर निर्दोष लोगों पर अत्याचार करती नजर आती है. ऐसा ही एक और मामला सामने आया है जिसमें पीड़ित पक्ष की ओर से शिकायत देने पर भी पुलिस ने आरोपियों पर एफआईआर दर्ज नहीं की. राजस्थान पुलिस के मुखिया डीजीपी उमेश मिश्रा ने बेशकीमती जमीन के प्रकरण में एक एसीपी और सीआई को सस्पेंड कर दिया. वहीं एक अन्य मामले में युवक के सुसाइड करने पर एसएचओ को भी निलंबित किया गया है.

राजस्थान पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, रामनगरिया निवासी द्वारका करौल और उसका भाई कई सालों से जेडीए पट्टे के प्लॉट पर निर्माण कार्य करवा रहे थे. लेकिन इसी दौरान दूसरे पक्ष के द्वारा वहां पर बुलडोजर से निर्माण कार्य तोड़ दिया गया. इसके बाद एक दिन दोनों पक्षों के बीच जमकर लाठी डंडे भी चले जिसकी सूचना पर रामनगरिया थाना पुलिस मौके पर पहुंची और सभी को थाने लेकर गई. वहां पीड़ित द्वारका करौल की ओर से आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दी गई लेकिन थाना पुलिस के द्वारा उसे दर्ज नहीं किया गया.

वहीं दूसरे पक्ष भवन निर्माण सहकार समिति के अध्यक्ष कृष्ण गुप्ता की शिकायत पर रामनगरिया थाना सीआई राजेश शर्मा ने पीड़ित को प्रताड़ित किया. थाने में न्याय नहीं मिलने पर पीडित द्वारका करौल एसीपी सांगानेर रामनिवास विश्नोई के पास फरियाद लेकर पहुंचा लेकिन एसीपी ने भी एक ना सुनी. जिसके बाद पीड़ित तीन बार एडिशनल कमिश्नर अजयपाल लांबा से मिला. वहां से भी पीड़ित को न्याय नहीं मिला तो पीड़ित एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ से न्याय की उम्मीद लेकर पहुंचा. जहां उन्होंने पीड़ित की पूरी बात सुनी और उसे डीजीपी उमेश मिश्रा से मिलने के लिए आग्रह किया.

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इसके बाद पीड़ित राजस्थान के डीजीपी उमेश मिश्रा से भी मिला और डीजीपी ने मामले की गम्भीरता को देखते हुए विजिलेंस से जांच कराई जिसमें पीड़ित द्वारा की गई शिकायत सही मिली. इस पर डीजीपी राजस्थान उमेश मिश्रा ने देर रात सांगानेर एसीपी रामनिवास विश्नोई और रामनगरिया थाना सीआई राजेश शर्मा को सस्पेंड कर दिया. दोनों ही पुलिस अधिकारियों के खिलाफ रामनरिया थाना इलाके में एक जमीन पर कब्जे का प्रयास कराने का आरोप हैं. अब इस पूरे मामले की जांच आईजी विजिलेंस को सौंपी गई हैं.

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इसके आलावा मंगलवार को भट्टा बस्ती थानाधिकारी हुकुम सिंह पर भी गाज गिरी है. जानकारी के अनुसार हुकुम सिंह पर आरोप है कि भूमाफियाओं के साथ मिलकर उन्होंने एक युवक को बेवजह हिरासत में लिया. साथ ही उसकी प्रॉपर्टी पर कब्जा भी कर लिया जिससे आहत होकर पीड़ित युवक ने आत्महत्या कर ली. इस मामले में भट्टाबस्ती थाना अधिकारी पर गंभीर आरोप लगे थे जिसके बाद उन्हें भी सस्पेंड कर दिया गया है.

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