Rajasthan: राजस्थान में जल का संकट बढ़ता जा रहा है. सरकार नहर परियोजना और हर घर नल से जल जैसी योजना पर काम कर रही है. वहीं शेखवाटी के एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने अपने जुनून को जिद बना लिया और नंगे पैर 51 हजार पौधे लगाने की ठान ली. शेखावाटी में घटती हरियाली और भूमिगत जल को देखते हुए छिंछास गांव के 34 साल के अजीत सिंह ने मई 2019 में एक दृद्ध संकल्प लिया कि वे 51 हजार पौधे नहीं लगा देंगे तब नंगे पैर ही रहेंगे. अभी अजीतसिंह ने अपना संकल्प पूरा कर दिखाया.
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अजीत सिंह ने अपने छिंछास गांव में तीन ऑक्सीजन पार्क तैयार किए हैं, इनमें कुल 6 हजार पौधे लगाए हैं. इनकी देखभाल का जिम्मा ग्रामीणों व युवाओं को देते हैं. अजीत का मानना है कि इस पौधारोपण से एक फायदा यह भी कि लोग चारागाह व सिवायचक जमीन पर अतिक्रमण नहीं कर पाएंगे. ऑक्सीजन पार्क तैयार करने से जमीन को अतिक्रमण होने से भी बचाया जा रहा है.
पेशे से हैं कंप्यूटर इंजीनियर
अजीत सिंह पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर हैं और अपनी सैलरी से ही 51 हजार पौधारोपण के मिशन में जुटे हैं. इनके पिता कर्णसिंह शेखावत ट्रक ड्राइवर हैं. अजीत 4 वर्षों से नंगे पैर ही रहते हैं. वे हर समारोह व शादी-विवाह में भी नंगे पैर रही आते-जाते हैं. अजीत सरकारी नर्सरी और निजी नर्सरियों से पौधे खरीदते हैं और अपने 50 लोगों की टीम के साथ पौधे लगाते हैं. उनकी टीम अब तक सीकर, चूरू, नागौर, बीकानेर, भीलवाड़ा, टोंक, झुंझुनू, जयपुर और अन्य जिलों में पौधे लगा चुकी हैं. वे लोगों को ऑक्सीजन पार्क विकसित करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.
शिक्षा मंत्री ने किया सम्मानित
अजीत के ऐसी जिद को देखते हुए शिक्षा मंत्री मदन दिलावर भी काफी खुश हुए. शिक्षा एवं पंचायतीराज मंत्री मदन दिलावर ने अजीत को सम्मानित करते हुए उन्हें अमृत पर्यावरण महोत्सव का ब्रांड एम्बेसेडर मनोनीत करने की अभिशंषा की है. मंत्री मंगलवार को फतेहपुर जाते समय नेशनल हाइवे पर छिंछास गांव के पास अजीत सिंह छिंछास व उनकी टीम यथार्थ द्वारा हजारों पौधे लगाकर विकसित किए गये ऑक्सीजन पार्क पहुंचे थे. इस दौरान शिक्षा मंत्री ने पूरे ऑक्सीजन पार्क को घूमकर देखा और अपने हाथों से एक पौधा भी लगाया.टीम यथार्थ एवं ग्रामीण युवाओं के प्रयासों की सराहना की.
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