केसरी ने लगाई आग! जाट-गुर्जरों की नाराजगी से डरे गहलोत ? कल लिखकर, आज बोलकर.. सफाई!

राजस्थान तक

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Kesari set fire! Is Gehlot afraid of the displeasure of Jat-Gujjars? By writing yesterday, by speaking today.. clarification!

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इसे क्या कहें.. डैमेज कंट्रोल.. कबूलनामा.. या सफाई.. जो नए नवेले आरपीएससी सदस्य केसरी सिंह के बयान बाद सीएम अशोक गहलोत को देना पड़ रहा है। और एक बार नहीं, बार-बार.. क्योंकि केसरी जी ने बात ही ऐसी बोल दी कि आग तो लगनी थी। केसरी सिंह की लगाई आग बुझी नहीं कि केंद्र से ईडी पहुंच गई। अब आलम तो ये है कि अपने ही अधिकारी के फैलाए रायते को खुद सीएम साहब समेट रहे हैं।

सुना आपने.. सीएम गहलोत को अफसोस है.. कि कैसे अधिकारी को आरपीएससी में ले आए। कल हमने आपको बताया कि केसरी सिंह की नियुक्ति के पीछे सबसे बड़ा कारण उनका सैन्य बैकग्राउंड है। सेना के अधिकारी को आरपीएससी में बैठाकर गहलोत एक बड़ा माहौल अपने पक्ष में करना चाहते थे। और ये बात गहलोत ने भी साफ-साफ स्वीकार कर लिया। हालांकि उनका कहना है कि अब उन्हें अपने ही फैसले पर अफसोस है। लेकिन पब्लिक में तो चर्चा ये है कि फजीहत के बाद गहलोत पल्ला झाड़ रहे हैं.. जाटों और गुर्जरों के खिलाफ केसरी ने जो आग लगाई है उसमें पानी डाल रहे हैं।

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खैर अब पानी की बात हो ही गई है तो पानी के नाम पर गहलोत ने शेखावत पर जो आग उगला है वो सुनिए।

सवाल था ईआरसीपी का और जवाब था गहलोत का.. तो आप भी जानते हैं ईआरसीपी के मुद्दे पर गहलोत मोदी और शेखावत को पानी पी-पीकर कोसते हैं। इस बार भी वही हुआ.. लेकिन बड़ी बात ये है कि फिलहाल केसरी सिंह.. आरपीएससी.. पेपर लीक.. और अब ईडी की एंट्री से गहलोत बैकफुट पर हैं। चारों ओर सवाल ही सवाल और बीच में फंसे हैं सीएम गहलोत। अब देखना होगा इस बार गहलोत इन सारे सियासे उठापटक से कैसे पार पाते हैं और अगला जादू कब.. कहां.. किसपर.. और कैसे करते हैं।

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