गहलोत ने छोड़ा ब्रह्मास्त्र, इस मास्टर स्ट्रोक की किसके पास काट, न्यूनतम आय गारंटी बिल पास!

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Gehlot left Brahmastra, who got this master stroke, minimum income guarantee bill passed!

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मानसून सत्र में गहलोत सरकार धड़ाधड़ बिल पर बिल पास करवाए जा रही है। शुक्रवार को विधानसभा में गहलोत सरकार ने एक और बड़ा अहम बिल पास करवाकर जनता को बड़ी खुशखबरी दे दी है। सरकार ने ‘राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक 2023’ सदन में पेश किया, और ध्वनिमत से इसे पारित भी करवा लिया। विधानसभा चुनावों से पहले सीएम अशोक गहलोत का ये बहुत बड़ा कदम माना जा रहा है। पहले चिकित्सा के क्षेत्र में क्रांति लाने वाला एक्ट ‘राइट टू हेल्थ’ लेकर आए और उसके कुछ महीने बाद ही राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक 2023 भी पारित हो चुका है। सामाजिक सुरक्षा के मॉडल में ये कानून मास्टरस्ट्रोक सरकार के मास्टर स्ट्रोक के तौर पर देखा जा रहा है। सरकार के मुताबिक इस कानून से प्रदेश की जनता को मिनिमम इनकम की गारंटी दी जाएगी और ग्रामीण बेरोजगार से लेकर शहरों में सहने वाले लोगों की भी मिनिमम इनकम गांरटी होगी, इसी बिल के तहत इन्हें रोजगार दिया जाएगा। 15 दिन के अंदर ही हर परिवार को रोजगार की गारंटी मिलेगी। इस न्यूनतम आय गारंटी योजना के तहत सरकार की ओर से अधिसूचित महात्मा गांधी न्यूनतम आय गारंटी योजना, इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी स्कीम, मुख्यमंत्री ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम के साथ वृद्धावस्था, विशेष योग्यजन, विधवा एकल महिला के पात्र वर्गों को इसमें शामिल किया गया है जिसके लिए सरकार ने 2500 करोड़ रुपए का वित्तीय प्रावधान किया है। वहीं इस कानून के दायरे में आने वालों की न्यूनतम उम्र 18 साल तक रखी गई है। अब जान लेते हैं कि आखिर क्या है न्यूनतम आय गारंटी बिल? बिल के मुताबिक राज्य के सभी परिवारों को हर साल 125 दिनों के रोजगार की गारंटी दी गई है, वहीं वृद्धों, विकलांगों, विधवाओं और सिंगल वुमन्स को न्यूनतम 1,000 रुपये हर महीने पेंशन दी जाएगी। इसके साथ ही पेंशन की राशि को हर साल 15 फीसदी की दर से बढ़ाया भी जाएगा। इस बिल में तीन श्रेणियां बनाई गई हैं जहां न्यूनतम गारंटीकृत आय का अधिकार, गारंटीकृत रोजगार का अधिकार, और गारंटीकृत सामाजिक सुरक्षा पेंशन का अधिकार होगा। सरकार गारंटी इनकम को शहरों में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना और गांवों में महात्मा गांधी नेशनल रूरल एंप्लॉयमेंट गारंटी योजना के तहत लोगों को रोजगार देगी। इस साल बजट भाषण में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शहरी रोजगार योजना के तहत हर परिवार रोजगार गारंटी को 100 दिन से बढ़ाकर 125 दिन करने का ऐलान किया था। वहीं पेंशन के लिए सरकार ने योग्य लोगों की न्यूनतम आय 1,000 रुपए करने का फैसला किया था। इस बिल के पास होने से अब प्रदेश के हर वयस्क व्यक्ति के लिए रोजगार की गारंटी होगी। शहर हो या कोई गांव, काम खत्म होने के बाद एक हफ्ते के अंदर की मेहनताना मिलने की गारंटी दी गई है और मजदूरी का वेतन 15 दिन के अंदर ही देना तय किया गया है। इस बिल को अमली जामा पहनाने के लिए सरकार ग्रामीण इलाके में एक अधिकारी नियुक्त करने जा रही है, वहीं जॉब कार्ड रजिस्ट्रेशन करवाने के बाद 5 किलोमीटर के दायरे में रोजगार मिल पाएगा। वहीं अगर इलाके का प्रोग्राम ऑफिसर 15 दिन के अंदर कोई काम नहीं दे पाता है तो उसे हफ्ते के हिसाब से बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा। राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक 2023 के तहत बनाए गए नियमों की नियमित मॉनिटरिंग के लिए सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक सलाहकार बोर्ड बनाने का भी फैसला लिया है, इस सलाहकार बोर्ड में ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग, स्वायत शासन विभाग आयोजना विभाग और वित्तीय वित्त विभाग के प्रभारी शासन सचिव इसके सदस्य बनाए जाएंगे। यानि पहले महंगाई राहत कैंप से योजनाओं की बारिश, और अब हर व्यक्ति के लिए रोजगार की गारंटी वाला बिल पास करवाकर गहलोत सरकार ने जो ब्राह्मस्त्र चलाया है, शायद विरोधियों को उसकी काट आसानी से मिलने वाली नहीं।

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