वसुंधरा राजे के महल को बम से उड़ाने की धमकी देने वाला डैकेत 'जगन गुर्जर' की कहानी, कैसे पुलिस के हत्थे चढ़ा
Rajasthan: वह खूंखार डकैत जिसने वसुंधरा राजे के महल को बम से उड़ाने की धमकी दी थी और जिसने सचिन पायलट के सामने आत्म-समर्पन किया था. जिसपर 123 से भी ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं वो आखिरकार राजस्थान पुलिस की गिरफ्त में आ गया.
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Rajasthan: वह खूंखार डकैत जिसने वसुंधरा राजे के महल को बम से उड़ाने की धमकी दी थी और जिसने सचिन पायलट के सामने आत्म-समर्पन किया था. जिसपर 123 से भी ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं वो आखिरकार राजस्थान पुलिस की गिरफ्त में आ गया.
Rajasthan: वह खूंखार डकैत जिसने वसुंधरा राजे के महल को बम से उड़ाने की धमकी दी थी और जिसने सचिन पायलट के सामने आत्म-समर्पन किया था. जिसपर 123 से भी ज्यादा मुकदमे दर्ज हैं वो आखिरकार राजस्थान पुलिस की गिरफ्त में आ गया. जी हां आज हम बात कर रहे हैं पूर्वी राजस्थान के कुख्यात अपराधी जगन गुर्जर की. जयपुर पुलिस ने 1 जुलाई को बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए चंबल के कुख्यात डकैत जगन गुर्जर को कस्टडी में ले लिया. आरोप है कि जयपुर में हुए हथियार सप्लाई में जगन का हाथ हो सकता है.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, जगन गुर्जर सोमवार को अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में बंद अपने भाई पान सिंह से मिलने पहुंचा था. अजमेर से जयपुर के रास्ते वो धौलपुर निकल रहा था. इसी बीच पुलिस को जगन गुर्जर के होने का इनपुट मिला. जानकारी मिलने के बाद पूरी तैयारी के साथ पहुंची जयपुर पुलिस ने बिंदायका थाने के पास जगन गुर्जर को धर दबोचा. फिलहाल धौलपुर का ये कुख्यात डकैत जयपुर पुलिस के कब्जे में है.
तत्कालीन सीएम के घर को उड़ाने की धमकी दी
अब जिन्हें नहीं पता उन्हें हम बता दें कि जगन गुर्जर वो है जिससे एक वक्त पर लोग खौफ खाते थे. खास तौर से पूर्वी राजस्थान में तो जगन गुर्जर ने अच्छे-अच्छों को हिला रखा था. अब जो विधायक और एक सिटिंग मुख्यमंत्री को बम से उड़ाने की धमकी दे दे उसकी ताकत और पहुंच का अंदाजा लगाया जा सकता है. इसी बीच गुर्जर आंदोलन के दौरान जगन गुर्जर ने जब वसुंधरा राजे और उनके महल को बम से उड़ाने की धमकी दे दी. और तब से जगन सुर्खियों में आ गया. वसुंधरा उस वक्त राजस्थान की सीएम थीं. जाहिर है धमकी सीएम को मिली तो प्रशासन के भी हाथ पांव फूल गए. राजस्थान पुलिस ने जगन गुर्जर पर 11 लाख का इनाम रखा. और फिर जगन की ऐसी तलाशी हुई कि उसने 2009 में डर के मारे सचिन पायलट के सामने समर्पन किया था. इधर वसुंधरा सरकार जगन के एन्काउन्टर की तैयारी में थी. उधर आरोप लगे की सचिन पायलट के वजह से जगन गुर्जर की जान बची. हालांकि सरेंडर के बाद जगन गुर्जर एक बार फिर फरार हो गया.
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जीजा की मौत के बाद उठाए हथियार
अभी 2022 में ही उसने तत्कालीन बाड़ी विधायक को जान से मारने की धमकी दी. जिसके बाद से वो धौलपुर पुलिस की कस्टडी में था और अब जयपुर पुलिस के कस्टडी में हैं. बताते चलें कि धौलपुर के डांग में पैदा हुए जगन गुर्जर के जीजा की साल 1994 में हत्या हो गई थी. इधर बहन विधवा हुई उधर जगन डकैत बन गया. उसने अपनी गैंग बनाई जिसमें अपनी पत्नी और भाइयों को शामिल किया. और धीरे-धीरे करके वो राजस्थान के सबसे खतरनाक डकैतों में से एक बन गया.
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