दो भाईयों के झगड़े के चलते जालोर का पूरा गांव उजाड़ने की तैयारी! 150 से ज्यादा परिवार के आशियाने संकट में
जालोर के ओटवाड़ा गांव में पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई से बड़ा बवाल हुआ. गांव में 35 एकड़ चारागाह भूमि पर बने 150 से अधिक मकान और करीब 160 कच्चे बाड़े हटाने की प्रशासन की ओर से कार्रवाई की गई.
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जालोर के ओटवाड़ा गांव में पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई से बड़ा बवाल हुआ. गांव में 35 एकड़ चारागाह भूमि पर बने 150 से अधिक मकान और करीब 160 कच्चे बाड़े हटाने की प्रशासन की ओर से कार्रवाई की गई.
जालोर के ओटवाड़ा गांव में पुलिस-प्रशासन की कार्रवाई (Anti Encroachment Drive in Jalore) से बड़ा बवाल हुआ. गांव में 35 एकड़ चारागाह भूमि पर बने 150 से अधिक मकान और करीब 160 कच्चे बाड़े हटाने की प्रशासन की ओर से कार्रवाई की गई. दरअसल, यह कार्रवाई हाईकोर्ट के 7 मई को दिए उस आदेश के तहत की गई जिसमें ओरण भूमि पर बने मकानों को हटाने के आदेश दिए थे. इसी मामले में अतिक्रमण हटाने के लिए 16 मई सुबह 7 बजे जिला प्रशासन और पुलिस का जाब्ता ओडवाड़ा पहुंचा और चारागाह ओरण भूमि पर बने मकानों को हटाने के लिए प्रशासन और पुलिस के अधिकारी पहुंचे तो ग्रामीणों ने रास्ता ब्लॉक कर दिया. महिलाएं बुलडोजर और पुलिस की गाड़ियों के आगे बैठ गई और विरोध भी किया गया.
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के विरोध में सोशल मीडिया पर ट्रेंड होने लगा. रोते-बिलखते महिलाओं और बच्चों के वीडियो वायरल हुए. जिसके बाद कांग्रेसी नेताओं ने भी बीजेपी सरकार के घेरते हुए इसे पुलिस का क्रूर चेहरा बताया.
अब बड़ा सवाल है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि एक पूरे गांव को उजाड़ने का आदेश जारी कर दिया. दरअसल, यह पूरा मामला गांव के ही दो भाइयों के आपसी जमीनी विवाद से जुड़ा है. जो गांव के डेढ़ सौ घरों के परिवारों के लिए मुसीबत बन गया. जब जमीनी विवाद हाईकोर्ट पहुंचा तो कोर्ट ने गांव के ओरण भूमि (चारागाह भूमि) पर बनाए गए मकान और अतिक्रमण को हटाने के लिए आदेश दिए गए. ऐसे में 35 एकड़ से अधिक ओरण भूमि पर हाईकोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने गुरुवार को अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई शुरू की.
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