5 jan 2023
तस्वीर: उमेश मिश्रा.
धौलपुर जिले में बह रही चंबल नदी के किनारे रेत के नीचे अंडों की संख्या बढ़ेगी.
तस्वीर: उमेश मिश्रा.
जून में मादा घड़ियाल रेत से बाहर अंडों को निकालकर मदर कॉल करेगी.
तस्वीर: उमेश मिश्रा.
इस दौरान बच्चे अंडों से बाहर आएंगे. फिर नदी के किनारे का नजारा कुछ और होगा.
तस्वीर: उमेश मिश्रा.
दरअसल मादा घड़ियाल दिसंबर-जनवरी में नर के साथ मेटिंग करती हैं.
तस्वीर: उमेश मिश्रा.
मार्च-अप्रैल महीने में मादा घड़ियाल अंडे देती हैं.
तस्वीर: उमेश मिश्रा.
मगरमच्छ और शिकारी पक्षियों से बचाने के लिए ये अंडे रेत में गाड़ देती हैं.
तस्वीर: उमेश मिश्रा.
रेत में करीब 30-40 सेमी की गहराई का गड्ढा खोदरकर अंडे गाड़ती हैं.
तस्वीर: उमेश मिश्रा.
फिर जून में ये अंडों को पास जाती हैं और बच्चों की आवाज सुनकर रेत हटाती हैं.
तस्वीर: उमेश मिश्रा.
नदी के तेज बहाव और दूसरे शिकार जीवों से बच्चे बच गए तो जाकर घड़ियालों की संख्या बढ़ती है.
तस्वीर: उमेश मिश्रा.