मानगढ़ धाम में राहुल गांधी की सभा, आदिवासी नेताओं ने डोटासरा-रंधावा के सामने खड़े किए सवाल!

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Rahul Gandhi’s meeting in Mangarh Dham, tribal leaders raised questions in front of Dotasara-Randhawa!

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राजस्थान में राहुल गांधी के चुनावी शंखनाद के लिए पीसीसी और सीएम गहलोत द्वारा मानगढ़ में तय किए सभास्थल को लेकर आपस में खींचतान बढ़ गई है। मेवाड़ समेत आसपास जिलों के नेताओं के सामने अब मानगढ़ धाम तक भीड़ ले पाना बड़ी चुनौती है। उदयपुर में 2 दिन पहले आयोजित तैयारी बैठक में भी कांग्रेसकी स्टेयरिंग कमेटी के मेम्बर रघुवीर मीणा ने खुलकर स्थान चयन को लेकर पीड़ा जताई थी। मीणा ने प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा के सामने खुलकर भीड़ जुटा पाना बड़ी चुनौती बताया था। मीणा ने कहा कि ज्यादातर नेताओं ने डूंगरपुर के बेणेश्वर के लिए राहुल गांधी की सभा का सुझाव दिया था, मगर मानगढ़धाम में सभा तय होने से बांसवाड़ा-डूंगरपुर के अलावा प्रतापगढ़, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, राजसमन्द पाली, सिरोही और भीलवाड़ा से भीड़ लाना बेहद मुश्किल होगा, सभस्थल से उन जिलों की दूरी के साथ 7-8 घंटों की यात्रा हो जाएगी। 5-6 किलोमीटर चलकर सभास्थल पहुंचने की दिक्कत से कार्यकर्ताओं का रुझान कम दिख रहा है। हालांकि नेता अब इस सभा को जैसे-तैसे पूरा करने की बात कर रहे है।बैठक में मेवाड़ के कांग्रेसी नेताओं ने कहा बेणेश्वर में सभा से ट्रांसपोर्ट की दिक्कत भी कम होती और लोगों की धार्मिक दर्शन के बहाने सभा मे आने की दिलचस्पी रहती। दरअसल, राजस्थान में पिछले दिनों पीएम मोदी, केंद्रीय मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा की सभाओं के बाद कांग्रेस भी राजस्थान में राहुल गांधी की धमाकेदार सभा के जरिये चुनावी शंखनाद करना चाहती है। विश्व आदिवासी दिवस पर राहुल गांधी की सभा से कांग्रेस राजस्थान की 30 से ज्यादा जनजाति वर्ग की सीटों पर प्रभाव चाहती है। इसी कारण गोविंद गुरु की बलिदान भूमि से कांग्रेस आदिवासी वोटबैंक पर सेंधमारी करते हुए मेवाड़-वागड़ समेत जनजाति वर्ग पर अपनी पकड़ को मजबूत करने में जुटी है। कहा जा रहा है सीएम गहलोत भी हाड़ौती, शेखावटी और मेवात के मुकाबले अब आदिवासी वोटबैंक पर ज्यादा फोकस करते हुए यहां से अधिक संख्याबल के सहारे सरकार को रिपीट होने का दांव खेलना चाहते है।

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