बालोतरा को जिला बनाने की मांग को लेकर नंगे पांव चल रहे MLA मदन प्रजापत, बजट में नहीं हुई घोषणा, जानें

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Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपनी सरकार का आखिरी बजट शुक्रवार को पेश कर दिया. राजस्थान में इस बजट से नए जिले बनाने को लेकर भी उम्मीद थी. लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण के दौरान यह कहकर नए जिले के प्रस्तावों को ठंडे बस्ते में डाल दिया कि अभी तक गठित कमेटी की रिपोर्ट नहीं आई है. ऐसे में अब सबसे बड़ा सवाल है कि पचपदरा से कांग्रेस के विधायक मदन प्रजापत जूते- चप्पल पहनेंगे या नहीं. मदन प्रजापत ने तो यहां तक कह दिया था कि अगर इस बजट भाषण में बालोतरा को जिला नहीं बनाया गया तो मैं अगला चुनाव तक नहीं लड़ूंगा. तो अब सबकी निगाहें मदन प्रजापत पर टिकी हुई है कि उनका अगला एक्शन क्या होने वाला है.

दरअसल, बाड़मेर जिले के बालोतरा कस्बे को जिला बनाए जाने को लेकर पिछले कई सालों से लगातार मांग उठ रही है. पचपदरा विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक मदन प्रजापत ने गहलोत सरकार के पिछले बजट के बाद विधानसभा के बाहर अपने जूते त्याग दिए थे और यह प्रण लिया था कि जब तक बालोतरा को जिला नहीं बनाया जाएगा, वे जूते चप्पल नहीं पहनेंगे. विधायक के इस प्रण को करीब 1 वर्ष का समय बीत गया है.

मदन प्रजापत लगातार बालोतरा को जिला बनाने की मांग मुखर होकर उठा रहे हैं. सरकार ने नए जिले बनाने को लेकर एक कमेटी का भी गठन किया था जिसके बाद से ही नए जिले बनाने को लेकर कयास लगाए जा रहे थे. बाड़मेर के बालोतरा के लिए तो यहां तक कहा जा रहा था कि प्रशासन ने बालोतरा जिला बनाने को लेकर तमाम तैयारियां पूरी कर दी है. लेकिन गहलोत ने अपने बजट भाषण के दौरान नए जिले बनाने को लेकर कमेटी की रिपोर्ट में देरी का हवाला देकर नए जिले बनाने से किनारा कर लिया है.

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ऐसे में अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी है कि मदन प्रजापत की भविष्य की राजनीति क्या कुछ होगी. क्योंकि प्रजापत ने कुछ दिन पहले ही मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि अगर इस बार बालोतरा को जिला नहीं बनाया गया तो मैं चुनाव तक नहीं लडूंगा और ना ही जूते चप्पल पहनूंगा.

मदन प्रजापत के चप्पल जूते छोड़ने के बाद सरकार ने राम लोहिया के नेतृत्व में एक कमेटी का गठन किया था. ऐसा बताया जाता है कि राजस्थान के विभिन्न हिस्सों से 50 से ज्यादा जिले बनाने को लेकर कमेटी के पास प्रस्ताव आए थे. लेकिन प्रशासनिक लेवल पर कागजी कार्रवाई पूरी नहीं हो पाई. इसलिए ही इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंपी थी. यही वजह रही कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने बजट भाषण में नए जिले बनाने की घोषणा नहीं कर पाए.

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मुख्यमंत्री जब बजट भाषण दे रहे थे तो सीएम के फेसबुक पेज पर चल रहे लाइव प्रसारण पर राजस्थान के विभिन्न हिस्सों से जुड़े लोग लगातार नए जिले बनाने को लेकर तरह तरह के कमेंट कर रहे थे. सबसे ज्यादा कमेंट नए जिले बनाने की मांग को लेकर आ रहे थे. इस संबंध में कोई घोषणा ना करके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नए जिले बनाने को लेकर फिलहाल सस्पेंस बना दिया है.

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नए जिले बनाने को लेकर आखिर क्यों गहलोत ने नहीं खोले पत्ते
जानकारों की मानें तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने नए जिले बनाने को लेकर जब प्रस्तावों को रिव्यू किया तो 50 से ज्यादा ऐसे उपखंड क्षेत्र थे जहां पर नए जिले बनाने की मांग उठ रही थी. सरकार अगर 4- 5 जिले बनाती है तो सरकार को बाकी जगह पर विरोध का सामना करना पड़ सकता था. लिहाजा, सरकार ने अभी इस फैसले को कमेटी की रिपोर्ट नहीं आने का हवाला देकर फिलहाल टाल दिया है.

विधायक मदन प्रजापत को लेकर आ रहे तरह-तरह के कमेंट
राजस्थान में नए जिले बनने को लेकर सबसे ज्यादा अगर किसी की चर्चा थी तो वह थे पचपदरा के विधायक मदन प्रजापत. क्योंकि मदन प्रजापत ने पिछली दफा बजट के बाद विधानसभा के बाहर आकर अपने जूते त्याग दिए थे. इस बार मदन प्रजापत को बालोतरा जिला बनाए जाने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूरी उम्मीद थी. लेकिन जिस तरीके से नए जिले बनने की घोषणा नहीं हुई तो मदन प्रजापत के सपने धरे के धरे रह गए. ऐसे में मदन प्रजापत के अगले कदम पर सबकी निगाहें हैं. क्या मदन प्रजापत अगला विधानसभा चुनाव लड़ेंगे या फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के रिप्लाई भाषण का इंतजार करेंगे?

नए जिले बनने को लेकर अब भी बाकी है एक उम्मीद
नए जिले बनने को लेकर अभी तक गठित कमेटी की रिपोर्ट नहीं आई है. ऐसे में अभी तक भी एक उम्मीद बाकी है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत 22 फरवरी को अपने बजट भाषण का रिप्लाई पेश करने वाले हैं. ऐसे में एक चर्चा यह भी चल रही है कि उस दिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नए जिले बनाने को लेकर कुछ ऐलान कर सकते हैं. हालांकि, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए इस संबंध में कोई घोषणा करना इतना आसान नहीं है.

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