सचिन पायलट की इस एक मुलाकात ने बढ़ाई कांग्रेस की चिंता, दिए नई पार्टी बनाने के संकेत!

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सचिन पायलट की इस एक मुलाकात ने बढ़ाई कांग्रेस की चिंता, दिए नई पार्टी बनाने के संकेत!
सचिन पायलट की इस एक मुलाकात ने बढ़ाई कांग्रेस की चिंता, दिए नई पार्टी बनाने के संकेत!
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Rajasthan News: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को महज 6 महीनों का वक्त शेष बचा है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टियां अपना-अपना वोट बैंक साधने के लिए चुनावी रंग में आ चुकी हैं. एक दिन पहले ही पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भी बाड़मेर में विशाल जनसभा को संबोधित कर अपने विरोधियों की टेंशन बढ़ा दी है.

पायलट की इस सभा में जहां उनके गुट के 6 मंत्री और 13 विधायक नजर आए तो वहीं गहलोत गुट के चौहटन से विधायक पदमाराम मेघवाल, जैसलमेर विधायक रूपाराम धनदे और बाड़मेर जिलाध्यक्ष फतेह खान भी मौजूद रहे. दूसरी तरफ इस कार्यक्रम के जरिए सचिन पायलट ने जाटों के साथ राजपूतों को भी साधने की कोशिश की.

सचिन पायलट ने श्री क्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक भगवानसिंह रोलसाहबसर को विरेंद्र धाम हॉस्टल के उद्घाटन के दौरान कुर्सी पर बिठाया. वहीं सभा को संबोधित करने के बाद पायलट श्री क्षत्रिय युवक संघ के आलोक आश्रम भी गए जहां वह अपने गुट के विधायकों और मंत्रियों के साथ पहुंचे थे. पायलट ने पहले भगवानसिंह रोलसाहबसर से मुलाकात की और वहीं अकेले में करीब 10 मिनट तक मंत्रणा की.

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एक मुलाकात ने बढ़ाई कांग्रेस की चिंता
क्षत्रिय युवक संघ के संरक्षक भगवानसिंह रोलसाहबसर और पायलट की मुलाकात को एक अलग नजरिए से देखा जा रहा है. इसे पायलट का प्लान बी भी कहा जा रहा है. राजनीतिक विश्लेषकों का अनुमान है कि अगर 2023 में पायलट को मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित नहीं किया जाता है तो उनका रुख नई पार्टी बनाने की ओर भी जा सकता है. इसी मुलाकात ने राजस्थान की राजनीति से लगाकर दिल्ली कांग्रेस तक में भूचाल खड़ा कर दिया है. लेकिन पायलट आखिर क्या निर्णय लेंगे यह तो आने वाला समय ही बताएगा.

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