सियासी किस्से: बेटे दुष्यंत को सिर्फ 50 रुपये पॉकेट मनी देती थीं वसुंधरा राजे, पढ़िए रोचक किस्सा
Siasi Kisse: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने मैनेजमेंट के लिए जानी जाती है. चाहे वह राजनीति हो या घर. दोनों को बैलेंस करना वसुंधरा राजे बेहतर तरीके से जानती है. ग्वालियर राजघराने से ताल्लुक रखने वाली वसुंधरा ने अपने जीवन में धन-दौलत की कोई कमी नहीं देखी. इनके माता-पिता के पास हजारों करोड़ […]
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Siasi Kisse: राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे अपने मैनेजमेंट के लिए जानी जाती है. चाहे वह राजनीति हो या घर. दोनों को बैलेंस करना वसुंधरा राजे बेहतर तरीके से जानती है. ग्वालियर राजघराने से ताल्लुक रखने वाली वसुंधरा ने अपने जीवन में धन-दौलत की कोई कमी नहीं देखी. इनके माता-पिता के पास हजारों करोड़ रुपए की संपत्ति थी. हालांकि इनकी शादी धौलपुर के महाराज से हुई तो इनकी संपत्ति धौलपुर में भी है. आज हम इतनी धन संपत्ति की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वसुंधरा राजे अपने एकलौते बेटे दुष्यंत को केवल पॉकेट मनी के रूप में 50 रुपए देती थी. आज इसी किस्से से जुड़ी कहानी आपको बताने जा रहे हैं.
वसुंधरा राजे का एकलौते बेटे हैं दुष्यंत
वसुंधरा राजे का धौलपुर के महाराजा हेमंत सिंह से शादी के कुछ वर्षों बाद ही तलाक हो गया था. हेमंत सिंह से वसुंधरा को एक पुत्र हुआ. फिलहाल वसुंधरा के एकलौते पुत्र दुष्यंत झालावाड़ से सांसद है. दुष्यंत विवादों और बयानों से दूर रहते हैं. वसुंधरा राजे के अनुशासन के चलते दुष्यंत अब तक किसी भी विवादों में नहीं रहे.
बीकानेर के एक कार्यक्रम में सुनाया किस्सा
पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने बीते दिनों पहले बीकानेर में दुष्यंत से जुड़ा एक किस्सा सुनाया. इस दौरान वसुंधरा ने बच्चों के मोबाइल के प्रयोग को लेकर अभिभावकों को सतर्क रहने की बात कह रही थी. उन्होंने आज के दौर में बच्चों द्वारा सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर चिंता जताई. राजे ने सर्किट हाउस में बातचीत के दौरान कहा कि अभिभावक को बच्चों का ध्यान रखना चाहिए, यह उनकी बड़ी जिम्मेदारी है जिसका उनको निर्वहन करना चाहिए.
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पॉकेट मनी के रूप में दुष्यंत को मिलते थे 50 रुपए
दुष्यंत सिंह से जुड़ा किस्सा सुनाते हुए वसुंधरा राजे ने कहा कि बच्चों को लेकर अभिभावकों को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए. उन्होंने बताया कि वह अपने पुत्र दुष्यंत को बचपन में जब वह अपने दोस्तों के साथ बाजार जाते थे तो मैं उन्हें केवल ₹50 देती थी. जबकि वह ज्यादा पैसे मांगने की जिद करता था. वसुंधरा ने बताया कि मैं उन्हें जानबूझ कर कम पैसे देती थी. जबकि दुष्यंत का मानना था कि मैं उन्हें बहुत कुछ दे सकती हूं लेकिन सिर्फ ₹50 दे रही हूं. वसुंधरा ने बताया कि इस बात को लेकर दुष्यंत के दोस्त भी उसे कहते थे और दुष्यन्त वापिस मुझसे जब भी सवाल करते तो मैं सिर्फ उन्हें उतना ही कहती कि दुकान पर जाकर ₹50 में जो सामान मिलता है उसे खरीदो और उससे ही अपनी प्राथमिकता तय करो कि तुम्हें क्या खरीदना है और क्या नहीं.
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वसुंधरा ने बताया कि मैं अभी भी दुष्यंत सिंह से यही कहती हूं कि जो मैंने तुम्हें सिखाया. वही तुम भी अपने बच्चों को सिखाओ. जबकि दुष्यंत इस बात से इत्तफाक रखते हैं. वह कहते है कि अब वक्त बदल गया. वसुंधरा राजे ने बच्चे के भविष्य को लेकर अभिभावकों को जिम्मेदारी बताया और उन्होंने कहा कि माता-पिता को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए.
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दून स्कूल से हुई पढ़ाई
दुष्यंत सिंह का जन्म 11 सितम्बर 1973 को मुम्बई में हुआ था. दुष्यंत की स्कूली शिक्षा दून स्कूल से पूरी हुई है. इसके बाद वह सेंट स्टीफेंस कॉलेज, दिल्ली में पढ़े हैं. ग्रेजुएशन करने बाद दुष्यंत ने मैनेजमेंट की पढ़ाई नौकटेल स्विट्जरलैंड से पूरी की. दुष्यंत की शादी साल 2000 में निहारिका से हुई. निहारिका और दुष्यंत सिंह के दो बच्चे हैं. बेटी का नाम भैरवी और बेटे का नाम विनायक प्रताप सिंह है. फिलहाल दुष्यंत झालावाड़-बारां सीट से लोकसभा सांसद है.
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