राजसमंद में बागियों ने किया ऐसा खेल जिले की चारों सीटों पर फंस गई BJP! खाता खुलना भी मुश्किल?
Rajsamand Assembly seat: राजस्थान में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव (rajasthan election 2023) को लेकर तैयारियां अपने चरम पर हैं. नामांकन वापसी के बाद सभी सीटों पर तस्वीर बिल्कुल साफ हो चुकी है. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के सामने मेवाड़ राजपरिवार के पूर्व सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ की एंट्री ने नाथद्वारा सीट […]
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Rajsamand Assembly seat: राजस्थान में 25 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव (rajasthan election 2023) को लेकर तैयारियां अपने चरम पर हैं. नामांकन वापसी के बाद सभी सीटों पर तस्वीर बिल्कुल साफ हो चुकी है. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी के सामने मेवाड़ राजपरिवार के पूर्व सदस्य विश्वराज सिंह मेवाड़ की एंट्री ने नाथद्वारा सीट पर मुकाबला रोचक कर दिया है. लेकिन जिले की राजसमंद (Rajsamand news), भीम और कुंभलगढ़ समेत चारों सीटों पर दिलचस्प मुकाबला दिख रहा है. जिलेभर में कुल 32 प्रत्याशी मैदान में हैं. जानकारों की मानें तो यहां बीजेपी के लिए मुसीबत ज्यादा बड़ी है.
क्योंकि राजसमंद सीट से चुनावी मैदान में उतरे बीजेपी के बागी दिनेश बड़ाला को आरएलपी पार्टी ने भी समर्थन दे दिया है. वहीं, भीम विधानसभा में 3 निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अपने-अपने नामांकन फार्म वापस लिए है. जबकि नाथद्वारा में दो निर्दलीय ने अपने नामांकन वापस लिए है.
किस उम्मीदवार ने वापस लिए नामांकन?
जिसके बाद राजसमंद में बीजेपी, कांग्रेस और निर्दलीय के चलते मुकाबला त्रिकोणीय बन गया है. वहीं, कुंभलगढ़ में भी भाजपा के बागियों ने ताल ठोक दी है. ऐसे में बीजेपी के लिए राजसमंद और कुंभलगढ़ सीट पर मुकाबला फंस गया है. जबकि नाथद्वारा में भी सीपी जोशी को हराना किसी चुनौती से कम नहीं है.
नाथद्वारा विधानसभा में निर्दलीय उम्मीदवार लक्ष्मीलाल माली और शांतिलाल वैष्णव ने रिटर्निंग अधिकारी मन मोहन शर्मा के समक्ष उपस्थित होकर दोनों ने अपने नाम वापस लिए. वहीं, भीम विधानसभा में नामांकन वापसी गुरूवार तक कुल तीन नामांकन उठाए. नाम वापसी करने वालों में निर्दलीय मोहनसिंह, आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) से दिनेश कुमार और निर्दलीय उम्मदवार हरिसिंह भी शामिल है.
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कहां से कौन बागी मैदान में?
दरअसल, राजसमंद की मौजूद विधायक दीप्ति माहेश्वरी को भाजपा से प्रत्याशी बनाने के बाद से ही निर्दलीय नामांकन करने वाले पूर्व उपप्रधान दिनेश बड़ाला, महेन्द्र कुमार कोठारी और गणेश पालीवाल नाराज चल रहे थे. इन्होंने दीप्ति का पुरजोर विरोध करते हुए स्थानीय कार्यकर्ताओं के सहारे चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. इसके बाद तीनों ने अपने नामांकन भी दाखिल किए थे. बाद में दोनों बागियों ने दिनेश बड़ाला के समर्थन में अपने-अपने नामांकन वापस लिए. इसी सिलसिले में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के जिलाध्यक्ष रोशनलाल जाट ने राजसमंद सीट से भाजपा के बागी दिनेश बड़ाला को आरएलपी से समर्थन देने की घोषणा भी कर दी. कांग्रेस की ओर से इस सीट पर नारायणसिंह भाटी भी मैदान में है.
कुंभलगढ़ विधानसभा सीट पर भी मौजूदा विधायक सुरेन्द्रसिंह राठौड़ को प्रत्याशी बनाने के बाद से ही उनका विरोध जारी है. समाजसेवी नीरजसिंह राणावत और आमेट पूर्व प्रधान पति अनोपसिंह फलासिया ने बगावत कर दी है. दोनों का कहना है कि हम स्थानीय कार्यकर्ताओं के दम पर चुनाव लडेंगे.
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