Rajasthan Breaking: वसुंधरा राजे ने जता दी सन्यास लेने की इच्छा, झालावाड़ में कही ये बात

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Rajasthan Breaking: वसुंधरा राजे ने राजनीति से जताई संन्यास लेने इच्छा, झालावाड़ में कही ये बात
Rajasthan Breaking: वसुंधरा राजे ने राजनीति से जताई संन्यास लेने इच्छा, झालावाड़ में कही ये बात
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vasundhara Raje finally expressed her desire to retire: राजस्थान बीजेपी (rajasthan BJP) की कद्दावर नेता और दो बार सीएम रह चुकीं वसुंधरा राजे (vasundhra raje) ने पहली बार सन्यास लेने की इच्छा जता दी है. झालावाड़ में उन्होंने पहली बार सन्यास का जिक्र कर दिया. इस चुनाव में राजे हर मीटिंग से लेकर मंचों पर कहीं न कहीं हासिए पर दिखीं. इस बीच झालरापाटन सीट से बतौर प्रत्याशी घोषित होने के बाद राजे फिर अपने पुराने अंदाज में लौटने लगीं. वसुंधरा राजे ने जोधपुर जिले के बिलाड़ा में एक दिन पहले सीएम गहलोत को जमकर घेरा. वहीं दूसरे ही दिन शुक्रवार को झालावाड़ की एक सभा में सन्यास लेने की बात कह दी.

सभा को संबोधित करते हुए वसुंधरा राजे ने कहा- ‘मुझे लग रहा है कि अब मैं रिटायर हो सकती हूं.’ इसके बाद लोग तालियां बजाने लगे… फिर राजे बोलीं- ‘मेरे पुत्र (सांसद दुष्यंत सिंह) को आज सुनकर लगा कि हां ठीक है.. आपलोगों ने उन्हें अच्छी तरह से सीखा-सीखाकर प्यार से रस्ते पर लगा दिया है. अब मुझे लगता है कि मुझे कुछ करने की जरूरत नहीं है. मुझे लगता है कि आज उनके ऊपर निगाह रखने की कोई जरूरत नहीं है. उनके ऊपर पड़ने की जरूरत नहीं है. वो आपलोगों के काम ऐसे ही करेंगे. ये झालावाड़ है. और इस झालावाड़ को हम हमेशा याद रखेंगे.’

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झालावाड़ में मेरा 10वां नामांकन है- राजे

राजे ने कहा कि झालावाड़ में इस बार मेरा 10वां नामांकन है. पहला नामांकन नवम्बर 1989 में सांसद के लिए भरा. लगातार 5 बार सांसद और 4 बार विधायक चुनी गई. आपने सांसद दुष्यंत सिंह को लगातार 4 बार सांसद बनाया. झालवाड़ के आशीर्वाद से 1998 में केंद्र में विदेश मंत्री बनी. उसके बाद केंद्र में लघु उद्योग, कृषि एवं ग्रामीण उद्योग, कार्मिक, लोक शिकायत, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष जैसे महत्वपूर्ण विभागों की मंत्री बनी. अभूतपूर्व बहुमत के साथ 2003 और 2013 में प्रदेश की मुख्यमंत्री बनी. प्रदेश की पहली महिला मुख्यमंत्री भी बनीं.

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झालावाड़ वाले कहते हैं- आप नहीं हम चुनाव लड़ रहे

वसुंधरा राजे बोलीं- जब-जब भी मैंने नामांकन भरा, झालवाड़वासियों ने मुझसे एक ही बात कही-आपका काम नामांकन भरने का है, बाकी काम हमारा है.अब यहां से आप नहीं, हम चुनाव लड़ रहें हैं. झालावाड़ चुनाव लड़ रहा है. अधिकांश प्रत्याशी नामांकन भरने से लेकर चुनाव परिणाम आने तक अपना रण क्षेत्र छोड़ कर कहीं नहीं जाते. अपने क्षेत्र में ही डटे रहते हैं, लेकिन मैं सौभाग्यशाली हूं, कि मुझे पूरे समय झालावाड़ रुकने की आवश्यकता कभी नहीं हुई.

पहली बार लगा कि किसी गांव-कस्बे में आई हूं- राजे

राजे ने आगे कहा- आपके साथ बीते इस लंबे समय में कभी सुख तो-कभी दुख का सामना हुआ. कभी उतार तो-कभी चढ़ाव आये. झालवाड़वासी जीवन के हर लम्हे में मेरे साथ रहे. कभी मेरा साथ नहीं छोड़ा. पहली बार 1989 में यहां आई थी, तब मुझे ऐसा लगा था कि किसी गांव या कस्बे में आई हूं. कई रास्ते ऐसे थे,जहां सफर करना मुश्किल था,लेकिन आज उसी झालावाड़ से बड़े-बड़े हवाईजहाज उड़ान भर सकते हैं. ट्रैने दौड़ रही हैं.

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गहलोत सरकार ने किया है बदहाल- राजे

वसुंधरा राजे ने गहलोत सरकार को भी जमकर घेरा. एक तरफ गहलोत की सरकार है, जिसने प्रदेश को बदहाल किया. रोज 20 दुष्कर्म, 7 हत्याएं, 19 बार पेपर लीक कर 70 लाख युवाओ के सपनों पर पानी फेरा. यह सरकार आज पूरे देश में रेप और महिला अत्याचार में नंबर वन, दलित अत्याचार में नंबर वन, भ्रष्ट्राचार में नंबर वन, पेपर लीक में नंबर वन, कर्ज में नंबर वन, बेरोजगारी में नंबर वन, महंगाई में नंबर वन, हिंदुओ और संतों पर अत्याचार में नंबर वन, झूठे वादों में नंबर वन है.

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