चुनावी साल: बजट में मास्टर स्ट्रोक से गहलोत दिखाएंगे दम, सदन में घेरेगा विपक्ष, इधर पायलट की ये रणनीति! जानें

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Rajasthan assembly election 2023: राजस्थान में चुनावी साल की शुरूआत हो गई है. प्रदेश से भारत जोड़ो यात्रा आकर जा चुकी है. बीजेपी की जनाक्रोश यात्रा का भी समापन हो चुका है. अब बारी है सदन में आखिरी बजट के जरिए सरकार की 4 साल का लेखा-जोखा पेश करने की. बीजेपी ग्राउंड छोड़ अब सदन में सरकार को घेरेगी. इधर गहलोत भी अपनी तैयारी पुख्ता कर रहे हैं ताकि सदन में विपक्ष का सटीक जवाब दे सकें. साथ ही बजट में युवा, किसान के लिए कोई मास्टर स्ट्रोक प्ले कर ये दिखा सकें कि जादूगर गहलोत के पिटारे में 2023 के चुनाव की जीत का राज छुपा है. इन सबके बीच कांग्रेस में फेस वार की चर्चा भले ही थमीं नजर आ रही हो पर ऐसा है नहीं. सचिन पायलट पंजाब में भी भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी के साथ कदम से कदम मिला रहे हैं. यहां उनके करीबी और पंजाब प्रभारी हरीश चौधरी भी हैं.

कुल मिलाकर कांग्रेस पार्टी में सीएम गहलोत 4 साल बेमिसाल की तर्ज पर काम करते हुए पांचवे साल में होने वाले विधानसभा चुनाव में  कांग्रेस और गहलोत रिटर्न के तर्ज पर काम कर रहे हैं. वहीं पायलट ग्राउंड पर होने के साथ भारत जोड़ो यात्रा में तन-मन से जुड़कर पार्टी को प्रधानता देते नजर आ रहे हैं ताकि राज्य में कांग्रेस रिपीट करे. साथ ही पायलट सीएम फेस की संभावना देख सकें जो पिछले चुनाव की जीत के बाद उनके हाथों से फिसल गई थी.

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विपक्ष प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बदलने के मूड में है. वो गहलोत सरकार और कांग्रेस के परफोर्मेंस को टारगेट कर जनता को भाजपा के पक्ष में लाने की तैयारी कर रहा है. हालांकि विपक्ष में अंदरूनी फेस वार का भी सीन है. राजनैतिक विशेषज्ञों की मानें तो चुनाव करीब आते ही बीजेपी का अंदरुनी कलह भी खुलकर सामने आ सकता है.

विपक्ष के हमले से बचने के लिए तैयार सरकार?
सीएम गहलोत इस बार कोई चांस लेना नहीं चाहते हैं. आमतौर पर फरवरी में केंद्र का बजट पेश होने के बाद ही राज्य का बजट पेश होता रहा है. वहीं इस बार मुख्यमंत्री गहलोत ने 23 जनवरी को बजट पेश करने का ऐलान किया है. बताया जा रहा है कि गहलोत ने इसके लिए पहले ही संकेत दे दिए थे जब 25 सितंबर को प्रदेश में विधायक दल की बैठक को लेकर सियासी संकट पैदा हुआ था.

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गहलोत की ये तैयारी ताकि विस में न हो किरकिरी
इधर गहलोत सरकार ने विधानसभा में विपक्ष के तीखे सवालों का सामना करने के लिए 16-17 जनवरी को विभागों के प्रभारी मंत्रियों के साथ चिंतन शिविर रखा है. इसमें मंत्री और विभाग के सचिव अपने काम का रिव्यू देंगे. ये देखा जाएगा कि विभाग के लिए दिया गया बजट और काम की क्या स्थिति है. इसके बाद प्रभारी मंत्री फील्ड में जाएंगे और पता लगाएंगे कि योजनओं की जमीनी हकीकत क्या है? जो चीजें कागज पर हैं क्या वे ग्राउंड पर हैं? इसके साथ ही निचले स्तर तक संगठन के काम-काज का भी रिव्यू होगा. 4 सालों में किए गए कामों का रिव्यू करने के साथ प्रभारी मंत्री फीडबैक भी लेंगे कि इसे और बेहतर कैसे किया जा सकता है. कुल मिलाकर सरकार ये भी देखेगी कि कितने वादे पूरे हुए और कितने अधूरे रह गए.

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बजट में होगी जादूगरी ताकि कम बैक कर सके सरकार?
इधर गहलोत सरकार इस बजट से प्रदेश के नाराज युवा, किसान को खुश करने की कोशिश कर सकते हैं. आम लोगों के लिए सिलेंडर के दाम कम कर इसका ऐलान वे भारत जोड़ो यात्रा में कर चुके हैं. ये भारत जोड़ो यात्रा में उनका मास्टर स्ट्रोक था जिसे बजट में अमली जामा पहनाएंगे. कर्ज माफी के मुद्दे पर किसान नाराज हैं और विपक्ष भी इसे जोरदार तारीके से उठा रहा है. ऐसे में गहलोत विपक्ष की इस गुगली पर लॉन्ग शॉट खेल सकते हैं. बताया जा रहा है कि वे किसानों के लिए पेंशन स्कीम ला सकते हैं जो कर्जमाफी के दर्द पर मरहम का काम करेगा. पेपर लीक के दर्द की दवा भी गहलोत को खोजना होगा ताकि अपने से दूर जा रहे युवाओं करीब ला सकें.

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इन मुद्दों पर विपक्ष होगा हमलावर
प्रदेश में पेपर लीक, गैंगवार, किसानों की कर्जमाफी, बेरोजगारी समेत कई मुद्दों पर विपक्ष हमलावर होगा. उपनेता प्रतिपक्ष हाल ही में ये इशारा दे चुके हैं कि प्रदेश में युवा पेपर लीक से परेशान हैं. युवाओं की आत्महत्याएं बढ़ रही हैं. राठौड़ ने ये भी कहा कि अपनी कुर्सी बचाने और आलाकमान का ध्यान बांटने के लिए इस तरह का सत्र आहूत किया गया है. इस बार विपक्ष तर्कों के आधार पर सदन में सरकार को घेरेगा.

इधर पायलट राहुल के साथ सड़कों पर
गहलोत इस बजट से प्रदेश की जनता और आलाकमान को ये मैसेज देने की कोशिश करेंगे कि आगामी चुनाव में कांग्रेस उनके कामों के दम पर और राजनैतिक जादूगरी से कम बैक करेगी. उधर विपक्ष जनता को ये मैसज देगा कि गहलोत सरकार सभी मोर्चे पर फेल साबित हुई है. इन सबके बीच प्रदेश में आगामी चुनाव जीतने के लिए सीएम फेस को चेंज करने का इशारा दे चुके पायलट राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में सड़कों पर हैं. वे राजस्थान में आने से पहले और राजस्थान से जाने के बाद तक राहुल के साथ हैं. पायलट ये कह चुके हैं कि पार्टी वापसी तभी करेगी जब जनता को दिए वादे सरकार पूरा करेगी. पायलट का इशारा साफ है कि जनता को दिए वादे पूरे नहीं हुए हैं. इधर गहलोत की टीम इसी काम में लगी है कि बजट में ये बता सकें कि वादे पूरे हो गए हैं और जनता के लिए ये सरकार जनोपकारी साबित हुई है.

जो अभी तक नहीं हुआ वो अब होगा?
आगामी चुनाव में जनता किसे सिर आंखों पर बैठाएगी ये तो चुनावी परिणाम ही बताएंगे. पर कांग्रेस में फेस वार का अंत हुआ है या ये यूं ही जारी रहेगा ये सवाल अभी भी है. राहुल गांधी के साथ कदम-ताल मिलाने का परिणाम पायलट के पक्ष में होगा अशोक गहलोत का दांव फिर बाजी पलट देगा. बीजेपी अंदरुनी कलह से उबरकर कुछ चमत्कार दिखाकर राजस्थान में अल्टरनेटिव सरकार की परंपरा को बरकरार रखेगी या थर्ड फ्रंट के रूप में आप या आरएलपी के साथ बनेगी सरकार?

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