राजस्थान में कांग्रेस ने क्यों नहीं किया CM फेस का ऐलान? पायलट ने किया बड़ा खुलासा

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Sachin Pilot on women's reservation: महिला आरक्षण पर बोले पायलट- लुकाछिपी का खेल और बिल में संसोशन क्यों?
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Sachin Pilot On Congress CM Face: राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) ने आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के चेहरे के सवाल पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा- दशकों से कांग्रेस किसी एक चेहरे को आगे करके चुनाव नहीं लड़ती. सब मिलकर चुनाव लडेंगे. चुनाव जीतने के बाद तय किया जाएगा कि सीएम किसे बनाया जाए. फिलहाल चुनाव जीतना ही महत्वपूर्ण है.

न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई’ को दिए इंटरव्यू में पायलट ने बताया- 2018 में मैं प्रदेश अध्यक्ष था. हम सब ने मिलकर चुनाव लड़ा. बाद में पार्टी ने जो फैसला लिया, वो सबके सामने है. कभी-कभी अलग-अलग राय हो सकती है और असहमति भी हो सकती है. ये चर्चाएं, ये संवाद अगर नहीं होते हैं तो फिर उस पार्टी में ऊर्जा भी नहीं रहती है.

‘खड़गे ने कहा, भूलो, माफ करो, आगे बढ़ो’
पूर्व डिप्टी सीएम ने बताया, “कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे बहुत अनुभवी नेता हैं. उन्होंने मुझे कहा- सचिन, अभी आप भूलो, माफ करो और आगे बढ़ो. जो समय निकल गया वो वापस आने वाला नहीं है. चुनौतियां हमारे सामने हैं. हमें सकारात्मक सोच रखकर आगे की तरफ देखना पड़ेगा.

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‘गहलोत उम्र, अनुभव में बड़े, उनके कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी’
कांग्रेस नेता ने बताया कि जहां तक अशोक गहलोत की बात है वह उम्र में मेरे से बड़े हैं. बड़ी जिम्मेदारी उनके कंधों पर हैं. जब मैं अध्यक्ष था तो मैंने कोशिश की कि मैं सबको साथ लेकर चलूं. मुझे लगता है आज वो मुख्यमंत्री हैं तो वो भी कोशिश कर रहे हैं कि हम सबको साथ लेकर चलें. अगर थोड़ा आगे-पीछे है भी तो मुझे नहीं लगता कि वो बहुत बड़ा इश्यू है. क्योंकि पार्टी और जनता किसी व्यक्ति से ज्यादा महत्वपूर्ण है. यह बात मैं भी समझता हूं और गहलोत जी भी समझते हैं.

कांग्रेस पार्टी में नियम सभी के लिए बराबर: पायलट
सचिन पायलट ने बताया- हम किसी का विरोध इसलिए नहीं करते हैं कि आपको मेरी शक्ल पसंद नहीं है या मुझे आपकी शक्ल पसंद नहीं है. किसी से भी असहमति या मतभेद होते हैं तो वो इश्यू बेस्ड होते हैं. अगर मुद्दों का समाधान हो जाता है तो अनबन का मतलब ही नहीं है. अब किसने मीटिंग बुलाई, नहीं बुलाई, किसी ने क्या किसी के लिए बोला, नहीं बोला वह सब अतीत में है. लेकिन मैं ऐसा मानता हूं कि जो पार्टी के नियम, कानून और अनुशासन का दायरा है वो सभी के लिए बराबर है. कोई छोटा कार्यकर्ता है और कोई बहुत बड़ा नेता है, अगर हम उसके लिए अलग-अलग मापदंड बनाएंगे तो वो सही नहीं है.

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