भरतपुर जिले की 7 सीटों पर टिकट के दावेदार कौन? क्या है जीत का गणित?

Suresh Foujdar

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Electoral equation of all assembly seats of Bharatpur district: तस्वीर: राजस्थान पर्यटन की वेबसाइट से.
Electoral equation of all assembly seats of Bharatpur district: तस्वीर: राजस्थान पर्यटन की वेबसाइट से.
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Electoral equation of all assembly seats of Bharatpur district: भरतपुर में सात विधानसभा सीटों (rajasthan assembly election 2023 ) पर जीत और हार का गणित हर विधानसभा चुनाव में बदल जाता है. वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में 7 में से 6 सीट पर भाजपा (rajasthan bjp) ने जीत दर्ज की थी. यहां कांग्रेस (rajasthan congress) को तब एक ही सीट से संतोष करना पड़ा था. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में 7 सीटों में से 5 पर कांग्रेस ने बीजेपी की हवा बिगाड़ दी. वहीं दो पर बसपा (rajasthan BSP) अपना पांव जमाने में कामयाब हो गई.

वर्ष 2018 में बीजेपी के हारने के कई कारणों में से एक कारण टिकट बंटवारे को ही माना गया. फिर विधानसभा चुनाव का बिगुल बजने वाला है. टिकट को लेकर बीजेपी, कांग्रेस समेत दूसरी पार्टियों में नेता अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं. कहीं वर्तमान विधायक दोबारा टिकट लेकर जीत के दावे कर रहे हैं तो कहीं दूसरे चेहरे टिकट पाने के लिए जीत का अपना मंत्र दे रहे हैं. राजस्थान तक आपको बता रहा है 7 विधानसभा सीटों पर टिकट की दावेदारी से लेकर वोटिंग की गणित भी.

भरतपुर विधानसभा

भरतपुर विधानसभा से डॉ. सुभाष गर्ग विधायक हैं जो राष्ट्रीय लोक दल और कांग्रेस गठबंधन की सीट पर चुनाव लड़े थे. सुभाष गर्ग राज्य मंत्री हैं. फिलहाल कांग्रेस की तरफ से वे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. वहीं भाजपा से उदय सिंह, डॉ. जितेंद्र फौजदार और विजय बंसल टिकट के प्रमुख दावेदार माने जा रहे हैं.

जाट बाहुल्य सीट पर ब्राह्मण और वैश्य बना रहे विधायक

भरतपुर विधानसभा सीट जाट बाहुल्य है जिस पर करीब 88,000 जाट मतदाता हैं. हालांकि पिछले 40 वर्षों से ब्राह्मण और वैश्य समाज के लोग ही यहां से विधायक बन रहे हैं. इस बार हवा उल्टी हो गई है. जाट समुदाय भाजपा से और कांग्रेस से टिकट मांग रहा है. कहा जा रहा है कि ये दोनों पार्टियां यदि टिकट नहीं देती हैं तो जाट समुदाय अपना एक व्यक्ति खड़ा करके चुनाव लड़ेगा.

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वर्तमान विधायक का रिपोर्ट कार्ड

भले ही कांग्रेस पार्टी से डॉ. सुभाष गर्ग प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं, लेकिन लोगों में उन्हें लेकर नाराजगी भी है. डॉ. गर्ग ने क्षेत्र में कई विकास कार्य कराए हैं पर लोग दूसरे कई मामलों में उनसे नाराज चल रहे हैं. ऐसे में इस बार यदि जाट समुदाय के किसी को प्रत्याशी बनाया गया तो शायद 40 वर्षों का मिथ टूटने की संभावना बन सकती है.

पूर्व राजघराने के आने से रोचक हो सकता है मुकाबला

ऐसा माना जा रहा है कि भरतपुर शहर सीट से यदि पूर्व राजघराने की दिव्या सिंह या अनिरुद्ध सिंह उतरे तो यहां मुकाबला रोचक हो सकता है. गौरतलब है कि दिव्या सिंह विश्वेद्र सिंह की पत्नी हैं. वहीं अनिरुद्ध सिंह विश्वेंद्र सिंह और दिव्या सिंह के बेटे हैं. इस बार इनके भी चुनावी मैदान में उतरने की चर्चा है.

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नदबई विधानसभा

यहां से जोगेंद्र सिंह अवाना विधायक हैं जो बसपा के टिकट पर चुनाव जीते थे. बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए थे. कांग्रेस की तरफ से फिलहाल जोगेंद्र सिंह अवाना प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. वहीं भाजपा की तरफ से पूर्व विधायक एवं पूर्व राज परिवार सदस्य कृष्णेन्द्र कौर दीपा, शक्ति सिंह, गोविंद चौधरी, जगत सिंह प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं.

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वर्तमान विधायक का रिपोर्ट कार्ड

विधायक जोगेंद्र सिंह अवाना के खिलाफ लोगों में काफी समय से नाराजगी है और उन पर भ्रष्टाचार करने और जातिवाद को बढ़ावा देने के आरोप लगाते रहे हैं. यह सीट जाट बाहुल्य सीट है. यहां से हमेशा जाट समुदाय के लोग ही विधायक बनते आए हैं, लेकिन वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में जाट समुदाय में आपसी गुटबाजी और कई लोग चुनाव लड़ने की वजह से सभी जाट चुनाव हार गए और जोगेंद्र सिंह अवाना चुनाव जीत गए थे. इस बार जाट समुदाय के किसी कैंडिडेट को चुनाव लड़ाने और विधायक बनाने पर लोग फोकस दिख रहे हैं. कांग्रेस पार्टी से नाराजगी का फायदा यहां जाट कैंडिडेट के साथ बीजेपी को मिल सकता है.

वैर विधानसभा

यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, जहां से लगातार दो बार से कांग्रेस विधायक भजनलाल जाटव हैं. इसलिए कांग्रेस की तरफ से प्रबल दावेदार भजनलाल जाटव ही माने जा रहे हैं. वहीं भाजपा की तरफ से महेंद्र सिंह जाटव, पूर्व भाजपा सांसद बहादुर सिंह कोली प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं.

वर्तमान विधायक का रिपोर्ट कार्ड

इस बार वर्तमान विधायक भजनलाल जाटव से जनता नाराज है. सचिन पायलट की वजह से भजनलाल जाटव से गुर्जर नाराज हैं. वहीं जातिवाद के चलते जाट समुदाय भी नाराज है. इस सीट पर सबसे ज्यादा मतदाता जाटव समुदाय के हैं. उसके बाद दूसरे नंबर पर गुर्जर समुदाय के और तीसरे नंबर पर जाट समुदाय के मतदाता हैं. इस सीट पर जनता वर्तमान विधायक और कांग्रेस पार्टी दोनों से नाराज दिख रही है. ऐसे में यहां बीजेपी के प्रत्याशी को फायदा मिल सकता है.

नगर विधानसभा

इस सीट पर वाजिब अली विधायक हैं जो बसपा के टिकट पर चुनाव जीते थे, लेकिन बाद में कांग्रेस में शामिल हो गए थे. इस सीट पर काफी समय से भाजपा चुनाव जीतती आ रही थी मगर मुस्लिम और दलित समाज एक होने की वजह से बसपा प्रत्याशी वाजिब अली चुनाव जीत गए थे. कांग्रेस की तरफ से वाजिब अली प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. वहीं भाजपा की तरफ से नेम सिंह फौजदार, सतवीर कसाना, हंसिका गुर्जर प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं.

वर्तमान विधायक का रिपोर्ट कार्ड

वर्तमान विधायक वाजिब अली पर कई आरोप लगे हैं. खासकर यह भी आरोप लगा है कि वह ज्यादातर ऑस्ट्रेलिया में रहे हैं और जनता की अनदेखी की है. यहां भी लोग पार्टी और प्रत्याशी दोनों बदलने के मूड में दिख रहे हैं. इसका फायदा बीजेपी या दूसरी पार्टी को मिल सकता है.

कामा विधानसभा

जाहिदा खान वर्तमान में यहां से कांग्रेस विधायक हैं. ये कांग्रेस की तरफ से प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं. वहीं भाजपा की तरफ से जवाहर सिंह और जगत सिंह प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. वर्तमान विधायक जाहिदा खान पहले भी कांग्रेस विधायक रह चुकी हैं और उनके पिता भी विधायक रह चुके हैं. यह सीट मुस्लिम बाहुल्य सीट है. इसलिए वर्तमान विधायक जाहिदा खान का जनाधार ज्यादा मजबूत दिखाई देता है.

वर्तमान विधायक का रिपोर्ट कार्ड

लोगों का कहना है कि विधायक जाहिदा खान के कार्यों से खुश हैं. वहां के मतदाताओं का कहना है कि वह मुस्लिम समुदाय से हैं इसलिए हमेशा उनका ही सपोर्ट वे करेंगे. कुल मिलाकर यहां जाहिदा खान के जरिए कांग्रेस पार्टी एक सीट अपने पाले में कर सकती है. यदि दूसरी पार्टियों ने भी मुस्लिम उम्मीदवार खड़े कर दिए तो मुकाबला टफ हो सकता है.

बयाना विधानसभा

बयाना विधानसभा सीट से अमर सिंह जाटव कांग्रेस विधायक हैं. ये फिलहाल कांग्रेस की तरफ से प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. वहीं भाजपा की तरफ से रितु बनावत और बच्चू बंसीवाल प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है, लेकिन गुर्जर बाहुल्य सीट है.

वर्तमान विधायक का रिपोर्ट कार्ड

फिलहाल वर्तमान विधायक अमर सिंह जाटव से गुर्जर समुदाय नाराज है. खासकर विकास नहीं करने के आरोप लगे हैं. बताया जा रहा है कि कांग्रेस अपना टिकट इस सीट पर चेंज भी कर सकती है. गुर्जर समुदाय के लोगों का कहना है कि सचिन पायलट की वजह से अमर सिंह को चुनाव जिताया मगर चुनाव जीतने के बाद उन्होंने लोगों की अनदेखी की. इसलिए इस बार बीजेपी को वोट देंगे.

डीग विधानसभा

विश्वेंद्र सिंह जो पूर्व राज परिवार के सदस्य हैं वह कांग्रेस पार्टी से यहां विधायक हैं. यह सीट राज परिवार के लिए सुरक्षित मानी जाती रही है. इसलिए यहां से ज्यादातर राज परिवार के सदस्य ही चुनाव जीतकर आते हैं. इसलिए कांग्रेस की तरफ से विश्वेंद्र सिंह प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. वहीं भाजपा की तरफ से डॉक्टर शैलेश सिंह प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं.

वर्तमान विधायक का रिपोर्ट कार्ड

भरतपुर से डीग को नया जिला बनवाने के बाद कुम्हेर इलाके के लोग विधायक विश्वेंद्र सिंह से नाराज हैं. इसलिए कांटे की टक्कर हो सकती है. लोगों का कहना है कि राज परिवार के लिए ही वोट देंगे मगर नया जिला बनने के बाद एक इलाके के लोग नाराज हैं. चुनाव आने पर नाराज लोगों को विश्वेंद्र सिंह कैसे मना पाते हैं यह अलग बात है.

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