राजस्थान की सियासत में भूचाल लाने वाली लाल डायरी तक आखिर कैसे पहुंचे गुढ़ा? जानें पूरी कहानी

शरत कुमार

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गहलोत के मंत्री गुढ़ा ने अपनी ही सरकार को मणिपुर मामले पर घेरा और कह दी ये बात
गहलोत के मंत्री गुढ़ा ने अपनी ही सरकार को मणिपुर मामले पर घेरा और कह दी ये बात
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What is the secret of red diary: राजस्थान की सियासत में लाल डायरी ने तूफान खड़ा कर दिया है. लाल डायरी लेकर लिधानसभा में पहुंचे बर्खास्त मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा को विधानसभा से निलंबित कर दिया गया. उससे पहले मार्शलों के जरिए गुढ़ा को विधानसभा से निकाला गया. लाल डायरी की कहानी राजस्थान की राजनीति के लिए कोई नई बात नही है. लंबे अरसे से नेता लाल डायरियों की कहानियां सुनाते आए हैं, लेकिन अब जाकर खुलकर इसके बारे में बोलने लगे हैं. राजेंद्र गुढ़ा ने तो गंभीर आरोप लगाए कि लाल डायरी में विधायकों के खरीद-फरोख्त का लेखा-जोखा लिखा है.

पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की बगावत की वजह से कांग्रेस की सियासत में जिस वक्त बवाल मचा हुआ था. तब इनकम टैक्स ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ के यहां छापा मारा. सिविल लाईंस के सोमदत्त अपार्टमेंट में उस वक्त राठौड़ मौजूद थे. राठौड़ डायरियों में अपनी दिनचर्या लिखते हैं.

गुढ़ा का कहना है कि धर्मेंद्र राठोड़ ने पहले पुलिस से मदद मांगी की. किसी तरह से मेरी डायरियों को यहां से निकाला जाए, लेकिन पुलिस ने ज्यादा मदद नही की. पुलिस से बार-बार मदद मांगने पर एक एडिशनल एसपी पहुंचे. उस वक्त इनकम टैक्स के अधिकारी मनोज यादव और अनिल ढ़ाका 5 सुरक्षाकर्मियों के साथ फ्लैट में मौजूद थे. एडिशनल एसपी ने कहा कि हमें पता चला है कि यहां पर एक विधायक को छुपा कर रखा गया है और हमें तलाशी लेनी है.

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जब पहुंचे तो अपार्टमेंट में तैनात था सीआरपीएफ का भारी लवाजमा
लेकिन इनकम टैक्स के अधिकारियों ने उन्हें लौटा दिया. फिर राजेंद्र गुढ़ा, धीरज गुर्जर और एक पुलिस अधिकारी को भेजा गया. गुढ़ा के साथ 30-40 करनी सेना के कार्यकर्ता हंगामा करते हुए आ गए. गुढ़ा ऊपर गए और कमरे को खटखटाया. कमरा जैसे ही खुला लंबे कद के गुढ़ा ने पैर अड़ा दिया. ताकतवर गुढ़ा और धीरज गुर्जर अंदर घुस गए. धीरज गुर्जर इनकम टैक्स के अधिकारियों से उलझ गए और अंदर मौजूद धर्मेंद्र राठौड़ के कर्मचारियों ने डायरी बता दी. जिसकी तस्वीरें खींच-खींच कर अधिकारी ऊपर भेज रहे थे. गुढ़ा उन सारी डायरियों को छीनकर बाहर निकलना चाहा तो देखा सामने की तरफ सीआरपीएफ का भारी लवाजमा सोमदत्त अपार्टमेंट में दाखिल हो गया.

गुढ़ा ने अपने कर्मचारी से पीछे की तरफ आने को कहा और डायरियों को नीचे फेंकने गए तो बालकनी में जालिया लगी हुई थी. गुढ़ा ने किचन से चाकू लाकर जालियां काटी और डायरियां फेंक दी. नीचे उनका कर्मचारी उसे ले लिया. जब से नीचे आ रहे थे तो इनकम टैक्स के अधिकारियों ने वहां पहुंच चुके सुरक्षाकर्मियों को इनके बारे में बताया और तब वहां पर इनकी पिटाई भी हुई.

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पुलिस अधिकारी सीसीटीवी के डीवीआआर ले गए. गुढ़ा ने कहा कि हमने वो लाल डारियां जला दीं, लेकिन उनके पास कुछ मौजूद है. गुढ़़ा कहते हैं कि हमने पूरी कहानी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को जाकर सुनाई तो कहा कि तुम्हें तो हॉलीवुड में होना चाहिए था.

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एक सवाल इसमें है कि इनकम टैक्स के अधिकारी उस वक्त राजकाज में बाधा का मुकदमा दर्ज करवाना चाह रहे थे तो किसने रोका था. इस मामले में इनकम टैक्स के अधिकारियों की पूरी रिपोर्ट पर केंद्र सरकार ने कोई कार्रवाई क्यों नही की. गुढ़ा कहते हैं कि केंद्रीय एजेंसियों को कार्रवाई करनी चाहिए, मैं जेल जाने के लिए तैयार हूं. लेकिन डायरी में जिनके नाम थे वो भी जेल जाएं.

क्या है लाल डायरी में
गुढ़ा खुलकर कुछ नहीं बता रहे हैं, मग रकह रहे हैं कि इसमें विधायकों के लेन-देन का हिसाब है. बीजेपी का हेलीकॉप्टर खाली क्यों गया था और बीजेपी के विधायक अपनी पार्टी के बाड़ेबंदी से क्यों भागे थे, उसका भी जिक्र है. राजस्थान क्रिकेट एसोशिएसन के चुनाव का हिसाब-किताब भी है. वो कह रहें कि चुनास से पहले सब सामने आ जाएगा.

कौन हैं धर्मेंद्र राठौड़
धर्मेंद्र राठौड़ एक कर्मचारी नेता थे. उनकी पिता की मृत्यु के पश्चात अनुकंपा पर उन्हें सरकारी नौकरी मिली थी. गहलोत के पहले कार्यकाल में बड़ा कर्मचारी आंदोलन हुआ था. जिसमें ये कर्मचारियों को छोड़कर गहलोत से आ मिले थे. दूसरी बार सरकार बनी तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इनहें राज्य बीच निगम को चेयरमैन बनाया था. इस बार सियासी संकट के दौरान इनकी भूमिका महत्वपूर्ण हो गई. ये मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पक्ष में विधायक जुटाने के अभियान में लगे रहे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इन्हें राजस्थान पर्यटन निगम का अध्यक्ष बनाकर मंत्री का दर्जा दे रखा है. राजल्थान की राजनीति के ये बड़ा पावर सेंटर हैं जहां मंत्री विधायकों से लेकर अधिकारियों और बिजनेसमैन का मेला लगा रहता है.

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