25 साल में पहली बार वसुंधरा राजे और गहलोत के पास पद नहीं, जानिए 16वीं विधानसभा की खास बातें
Rajasthan Vidhansabha: राजस्थान की 16वीं विधानसभा (Rajasthan Vidhansabha) का पहला सत्र शुरू हो चुका है. इस सत्र में विधायकों का शपथग्रहण होगा. ऐसे 72 विधायक हैं, जो पहली बार चुनकर विधानसभा में आए हैं. जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित कई विधायक शामिल हैं. खास बात यह है कि पहली बार विधायक में तीन […]
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Rajasthan Vidhansabha: राजस्थान की 16वीं विधानसभा (Rajasthan Vidhansabha) का पहला सत्र शुरू हो चुका है. इस सत्र में विधायकों का शपथग्रहण होगा. ऐसे 72 विधायक हैं, जो पहली बार चुनकर विधानसभा में आए हैं. जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सहित कई विधायक शामिल हैं. खास बात यह है कि पहली बार विधायक में तीन योगी भी शामिल हैं. जबकि 9 विधायक पीएचडीधारक है. राजस्थान की 16वीं विधानसभा का पहला दो दिवसीय सत्र 21 दिसंबर तक चलेगा.
इस दौरान नवनिर्वाचित विधानसभा के सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी. विधानसभा में नेता सदन यानी मुख्यमंत्री पहली बार के विधायक हैं.
ढाई दशक में पहली बार किसी भूमिका में नहीं है वसुंधरा राजे और गहलोत
दिलचस्प बात है कि 25 साल में पहली बार दोनों पूर्व मुख्यमंत्री किसी भूमिका में नहीं होंगे. वसुंधरा राजे सिंधिया और अशोक गहलोत, दोनों ही सदन के भीतर सिर्फ विधायक की भूमिका में हैं. जबकि विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ इस बार चुनाव हार गए हैं. बता दें कि 115 जीते हुए भारतीय जनता पार्टी के विधायक, कांग्रेस के 69 और 15 निर्दलीय विधायक हैं. इस बार विधानसभा में 20 महिलाएं हैं.
ये महंत पहली बार जीते चुनाव
राजस्थान विधानसभा में पहली बार तीन संत चुनाव जीत पर पहुंचे हैं. उसमें तिजारा विधानसभा सीट से बालक नाथ, जैसलमेर से महंत प्रताप पुरी और जयपुर से बालमुकुंद आचार्य पहली बार विधायक बने हैं. विधानसभा में इस बार 50 से कम उम्र के 67 विधायक हैं. पिछली बार 80 विधायक चुनाव जीत कर आए थे. जबकि 50 से ज्यादा उम्र के 132 विधायक है. 47 विधायक इस बार दसवीं पास या इससे कम पढ़े लिखे हैं.
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