Rajasthan Election: राजस्थान में चुनाव जीतने के लिए किस पार्टी ने साधा बेहतर जातीय समीकरण, देखें रिपोर्ट
Rajasthan Election: कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही पार्टियों राजस्थान में पूरी ताकत झोंक रही हैं. दोनों ही पार्टियों ने जातीय समीकरण बैठाते हुए जाति के आधार पर प्रत्याशियों को उतारा है.
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Rajasthan Election: राजस्थान विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई है. तो कांग्रेस हो या भाजपा दोनों ही पार्टियों राजस्थान में पूरी ताकत झोंक रही हैं. चुनाव जीतने के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहे हैं. ऐसे में दोनों ही पार्टियों ने जातीय समीकरण बैठाते हुए जाति के आधार पर प्रत्याशियों को उतारा है. एससी, राजपूत व जाट समाज पर ज्यादा भरोसा जाता है. बीजेपी ने एससी पर दांव खेला है, तो कांग्रेस ने जाट प्रत्याशियों पर भरोसा जताया है. ऐसे में देखना होगा कि जनता किसे पसंद करती है और 25 तारीख को होने वाले विधानसभा चुनाव में किस करवट ऊंट बैठता है.
राजस्थान के विधानसभा चुनाव में भाजपा की कमान देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के हाथ में है. तो कांग्रेस में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ ही राष्ट्रीय नेतृत्व भी लगातार प्रदेश के दौरे कर रहा है. कांग्रेस के लिए राजस्थान में अपनी सरकार बचाए रखना बड़ी चुनौती है. तो भाजपा राजस्थान पर कब्जा करके आने वाले लोकसभा के लिए ग्राउंड तैयार कर रही है.
किस जाति के कितने टिकट
दोनों ही पार्टियों ने जातीय समीकरण बैठे हुए प्रत्याशियों को उतारा है. कांग्रेस पार्टी ने राजपूत समाज के 17 प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है. तो भाजपा ने राजपूत समाज के 25 प्रत्याशियों को मौका दिया है. इसी तरह से ब्राह्मण समाज से कांग्रेस ने 16 तो, बीजेपी ने 20 प्रत्याशियों को टिकट दिया है. वैश्य समाज की बात करें तो कांग्रेस व भाजपा ने 11-11 प्रत्याशियों को अपना उम्मीदवार बनाया है.
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बीजेपी-कांग्रेस में किसने अच्छा साधा जातीय समीकरण
इसी तरह से जाट समाज से कांग्रेस ने 36 और भाजपा ने 33 नेताओं को टिकट दिए हैं. एससी वर्ग की बात करे तो कांग्रेस और भाजपा ने 34-34 प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतरे हैं. एसटी वर्ग से कांग्रेस ने 33 और भाजपा ने 30 प्रत्याशियों को टिकट दिया है. मुस्लिम समाज से कांग्रेस ने 15 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है. तो भाजपा ने एक भी मुस्लिम उम्मीदवार को टिकट नहीं दिया है. गुर्जर समाज से कांग्रेस ने 11 भाजपा ने 10 प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है. तो माली समाज से कांग्रेस ने चार और भाजपा ने तीन प्रत्याशियों को टिकट दिया है. दोनों ही पार्टियों ने जातीय समीकरण के आधार पर टिकटों का वितरण किया है. विधानसभा क्षेत्र में सर्वे करवाए गए और उन सर्वे में जिसका पलड़ा भारी नजर आया. उसको टिकट देकर पार्टी ने चुनाव मैदान में उतारा है.
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